सोनभद्रः रॉबर्ट्सगंज विधानसभा 401 से भाजपा के विधायक भूपेश चौबे हैं. जिले में 4 विधानसभा सीट है. इनमें से रॉबर्ट्सगंज विधानसभा सीट, सदर विधानसभा के रूप में जानी जाती है. इस विधानसभा की कुल जनसंख्या 520293 है. इनमें से मतदाताओं की कुल संख्या 333006 है. इन मतदाताओं में से 178540 पुरुष मतदाता हैं, जबकि महिला मतदाताओं की संख्या 154461 है. अन्य मतदाताओं (थर्ड जेंडर) मतदाता की संख्या मात्र 5 है. इस प्रकार रॉबर्ट्सगंज विधानसभा में कुल मतदाताओं की संख्या संपूर्ण जनसंख्या की तुलना में 64% है.
राबर्ट्सगंज विधानसभा के प्रमुख मुद्दे और समस्याएं
सदर विधानसभा को दो हिस्सों शहरी और ग्रामीण में विभाजित किया जा सकती है. जिले की एकमात्र नगरपालिका रॉबर्ट्सगंज नगर पालिका सदर विधानसभा में है. शहरी क्षेत्र यानी रॉबर्ट्सगंज नगर पालिका की मूलभूत समस्या पेयजल और जल निकासी की है. नगर पालिका क्षेत्र में गंदगी का अंबार लगा हुआ है, लेकिन साफ सफाई का इंतजाम न होने से नगर में मलेरिया, टाइफाइड, डेंगू के लक्षण वाले मरीज तेजी से मिल रहे हैं. रॉबर्ट्सगंज नगर पालिका में पेयजल की समस्या के समाधान के लिए पाइप लाइन योजना से नगर की पेयजल समस्या दूर करने का प्रयास किया गया है, लेकिन यह योजना भी अभी धरातल पर उतर नहीं सकी है.
वहीं दूसरी तरफ ग्रामीण क्षेत्र में 'हर घर नल योजना' के तहत पेयजल समस्या का समाधान करने का प्रयास किया जा रहा है. नगर पालिका में जल निकासी की समस्या लगातार बनी हुई है. बरसात के दिनों में नगर पालिका तालाब का रूप धारण कर लेती है. कई वर्षों से यह समस्या लगातार बनी हुई है, लेकिन इसका समाधान वर्तमान सरकार में भी नहीं हो सका.
रॉबर्ट्सगंज विकास खंड में पेयजल योजना का हाल
सोनभद्र जिला 'हर घर नल योजना' के तहत पहले चरण में ही चयनित हुआ था. इस जिले में हर घर नल योजना की शुरुआत प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से जिले के धंधरौल के पास आयोजित कार्यक्रम से की थी. इस योजना के तहत सोनभद्र जिले की सभी 629 ग्राम पंचायतों में कार्य चल रहा है. कार्यदायी संस्था जल निगम के माध्यम से पाइप लाइन बिछाने का कार्य किया जा रहा है. पूरे जिले में योजना की लागत 3212.20 करोड़ है.
प्रशासन का दावा है कि जल्द ही इस योजना के तहत पूरे जिले में कार्य पूर्ण कर लिया जाएगा. इसके उलट रॉबर्ट्सगंज नगर से सटे हुए सजौर और मझिगांव में राबर्ट्सगंज नगर पालिका द्वारा छोड़ा जाने वाला नगर का गंदा पानी जलजमाव के रूप में एक बड़ी समस्या बना हुआ है. हालांकि इस समस्या से निजात पाने के लिए 29.78 लाख का प्रोजेक्ट स्वीकृत हुआ है. इसका जल्दी शिलान्यास किया जाएगा.
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सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि चोपन ब्लॉक के पडरक्ष गांव भूमिगत जल में फ्लोराइड की अधिक मात्रा होने के कारण पेयजल की समस्या का समाधान अभी भी नहीं हो सका है. हालांकि सोन नदी से पानी लिफ्ट करके इस क्षेत्र के घरों में पेयजल सप्लाई की योजना थी, लेकिन जल निगम की लापरवाही से यह परियोजना अभी तक पूरी नहीं हो सकी है.
गड्ढा मुक्त सड़क के दावे हुए हवा-हवाई
रॉबर्ट्सगंज विधानसभा क्षेत्र के सीमावर्ती जिगना-डुमरिया संपर्क मार्ग, कोन ब्लॉक में सोनभद्र जिले को झारखंड से जोड़ने वाला डेढ़ किलोमीटर लंबा बाजारी घाट मार्ग का निर्माण प्रमुख रूप से पिछले वर्षों में हुआ है. इसके अलावा पन्नूगंज खलियारी संपर्क मार्ग को शासन ने स्टेट हाइवे के रूप में मान्यता प्रदान की है. सिरोही नदी पर बने करारी पुल का निर्माण रॉबर्ट्सगंज विधानसभा क्षेत्र में किया गया है.
जहां तक गड्ढा मुक्त सड़कों की बात की जाए तो सड़कों को गड्ढा मुक्त होने के दावे सिर्फ हवा हवाई ही साबित हो रहे हैं. यहां तक की जिला मुख्यालय के पुसौली गांव में स्थित वाराणसी शक्तिनगर हाईवे से भाजपा जिला कार्यालय तक जाने वाला संपर्क मार्ग गड्ढों से भरा पड़ा है. स्थानीय लोगों ने कई बार उच्चाधिकारियों यहां तक कि प्रभारी मंत्री सतीश चंद्र द्विवेदी से शिकायत के बावजूद भी इस सड़क का निर्माण कार्य शुरू नहीं हुआ.
अधूरे पड़े काम जिन पर पिछले साढे़ 4 वर्षों में नहीं हो सका काम
राबर्ट्सगंज विधानसभा क्षेत्र में प्रमुख अधूरे कार्यों में गुरमुरा क्षेत्र में आदिवासी बच्चों के लिए बन रहा राजकीय इंटर कॉलेज अभी भी अधूरा पड़ा है. बसपा शासनकाल में वर्ष 2007 से 12 के बीच इस विद्यालय का निर्माण कार्य शुरू हुआ था, लेकिन बजट के अभाव में राजकीय इंटर कॉलेज में कार्य रुका हुआ है. इसके अलावा नगवा और चतरा ब्लॉक में निर्माणाधीन मॉडल स्कूल भी अभी तक प्रारंभ नहीं हो सका. बता दें कि निर्माण कार्य अधूरा होने के चलते अभी तक यह दोनों स्थानों पर बन रहे मॉडल स्कूल में पढ़ाई नहीं शुरू हो सकी है.
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अन्य विकास और निर्माण कार्यों की स्थिति
पिछले वर्षों में यदि अन्य निर्माण कार्यों की बात की जाए तो सोनभद्र जिले में मेडिकल कॉलेज स्वीकृत हुआ है. जिला मुख्यालय रॉबर्ट्सगंज में इसका निर्माण कार्य भी शुरू हो चुका है. कोन क्षेत्र के बसुहारी में सिंचाई परियोजना जो कि बसपा शासनकाल में स्वीकृत हुई थी और धन के अभाव में रुकी थी. भाजपा काल में यह परियोजना पुनः शुरू हुई है. इस परियोजना में संसोधन करके सिंचाई के लिए बंधियों (प्राकृतिक तालाबों) को जोड़ने की योजना बनाई गई है.
सोन लिफ्ट परियोजना के पास एक बिजली सब स्टेशन का निर्माण कार्य होने से किसानों को सिंचाई के लिए पर्याप्त पानी मिलना सुलभ हुआ है. इसके अलावा पिछ्ले कई वर्षों से सिरोही-नदी में कोलाबा लगाने मांग किसानों द्वारा की जा रही थी. भाजपा शासन काल में नहर में कोलाबा लग जानें से सिंचाई करना सुलभ हुआ है. ईटीवी भारत से बात करते हुए रॉबर्ट्सगंज विधानसभा के स्थानीय लोगों ने बताया कि सरकार ने हालांकि सड़कों को गड्ढा मुक्त करने का दावा किया है, लेकिन गड्ढा मुक्त सड़कें कहीं नहीं दिखाई दे रही हैं. लोगों का कहना है कि नशे का व्यापार पिछले कुछ वर्षों में तेजी से बढ़ा है, लेकिन पुलिस इस पर लगाम नहीं लगा पा रही है. इसके अलावा लोगों के पास रोजगार भी नहीं है और सरकार की प्रमुख योजनाओं का लाभ निचले स्तर तक नहीं पहुंच रहा है.