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महिला दिवस स्पेशल : देश के लिए गोल्ड मेडल लाना चाहती हैं माया - medal

सोनभद्र की माया मौर्य ने पावर लिफ्टिंग में जूनियर नेशनल लेवल पर गोल्ड मेडल जीतकर जिले का नाम रोशन किया है. दिल्ली में आयोजित होने वाले पावर लिफ्टिंग नेशनल के लिए उनका चयन हुआ है.

सोनभद्र
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Published : Mar 3, 2019, 1:43 PM IST

Updated : Sep 17, 2020, 4:13 PM IST

सोनभद्र: जज्बे और लगन के कारण सोनभद्र जैसे पिछड़े जिले में रहने के बावजूद माया मौर्य ने पावर लिफ्टिंग में जूनियर नेशनल लेवल पर गोल्ड मेडल जीतकर जिले का नाम रोशन किया है. तीन बहनों और दो भाइयों में तीसरे नंबर की माया के पिता किसान और मां गृहिणी हैं. दिल्ली में आयोजित होने वाले पावर लिफ्टिंग नेशनल के लिए उनका चयन हुआ है.

माया मौर्य ने पावर लिफ्टिंग में नेशनल लेवल पर गोल्ड मेडल जीत चुकी हैं.

पावर लिफ्टिर माया का कहना है कि दूसरों को देखकर उन्होंने स्टेडियम जाना शुरु किया और धीरे-धीरे पावर लिफ्टिंग में उनकी रुचि बढ़ती गई और फिर मैं पावर लिफ्टिंग करने लगी. माया बताती हैं कि इस खेल में आने के लिए उनको विशेष समस्या तो नहीं हुई लेकिन शुरुआत में घर वालों ने मना किया था लेकिन जब पापा ने स्टेडियम में आकर देखा तो हां कर दी.

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उन्होंने बताया कि स्टेडियम घर से 8 किलोमीटर दूर था और हमें साइकिल से वहां जाना-आना पड़ता था. इस वजह से पापा मुझे मना कर रहे थे लेकिन मम्मी ने सपोर्ट किया और कहा कि जब प्रैक्टिस करेगी तो कुछ जरूर करेगी. माया का सपना है कि वह इंटरनेशनल लेवल पर खेलें और देश के लिए पदक लेकर आएं. साथ ही वह कोच बनकर दूसरों को भी पावर लिफ्टिंग सिखाना चाहती हैं.

2017 से पावर लिफ्टिंग की शुरुआत करने वाली माया ने 2018 में डिस्ट्रिक्ट लेवल पर गोल्ड मेडल जीता. इसी वर्ष कानपुर में आयोजित प्रदेश स्तरीय पावर लिफ्टिंग में उन्होंने सीनियर और जूनियर वर्ग में दो गोल्ड मेडल हासिल किए. इसके अलावा उन्होंने 2018 में ही जमशेदपुर में खेले गए पावर लिफ्टिंग नेशनल जूनियर टूर्नामेंट में गोल्ड मेडल जीता. 2019 में भी डिस्ट्रिक्ट लेवल पर उन्होंने गोल्ड जीतने के साथ ही अयोध्या में आयोजित प्रदेश स्तरीय प्रदेश स्तरीय टूर्नामेंट में दो गोल्ड मेडल जीते हैं.

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एक पिछड़े क्षेत्र में रहने और मध्यम वर्गीय परिवार से होने के बावजूद पावर लिफ्टर माया मौर्य की सफलता महिलाओं के लिए एक प्रेरणा है.

सोनभद्र: जज्बे और लगन के कारण सोनभद्र जैसे पिछड़े जिले में रहने के बावजूद माया मौर्य ने पावर लिफ्टिंग में जूनियर नेशनल लेवल पर गोल्ड मेडल जीतकर जिले का नाम रोशन किया है. तीन बहनों और दो भाइयों में तीसरे नंबर की माया के पिता किसान और मां गृहिणी हैं. दिल्ली में आयोजित होने वाले पावर लिफ्टिंग नेशनल के लिए उनका चयन हुआ है.

माया मौर्य ने पावर लिफ्टिंग में नेशनल लेवल पर गोल्ड मेडल जीत चुकी हैं.

पावर लिफ्टिर माया का कहना है कि दूसरों को देखकर उन्होंने स्टेडियम जाना शुरु किया और धीरे-धीरे पावर लिफ्टिंग में उनकी रुचि बढ़ती गई और फिर मैं पावर लिफ्टिंग करने लगी. माया बताती हैं कि इस खेल में आने के लिए उनको विशेष समस्या तो नहीं हुई लेकिन शुरुआत में घर वालों ने मना किया था लेकिन जब पापा ने स्टेडियम में आकर देखा तो हां कर दी.

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उन्होंने बताया कि स्टेडियम घर से 8 किलोमीटर दूर था और हमें साइकिल से वहां जाना-आना पड़ता था. इस वजह से पापा मुझे मना कर रहे थे लेकिन मम्मी ने सपोर्ट किया और कहा कि जब प्रैक्टिस करेगी तो कुछ जरूर करेगी. माया का सपना है कि वह इंटरनेशनल लेवल पर खेलें और देश के लिए पदक लेकर आएं. साथ ही वह कोच बनकर दूसरों को भी पावर लिफ्टिंग सिखाना चाहती हैं.

2017 से पावर लिफ्टिंग की शुरुआत करने वाली माया ने 2018 में डिस्ट्रिक्ट लेवल पर गोल्ड मेडल जीता. इसी वर्ष कानपुर में आयोजित प्रदेश स्तरीय पावर लिफ्टिंग में उन्होंने सीनियर और जूनियर वर्ग में दो गोल्ड मेडल हासिल किए. इसके अलावा उन्होंने 2018 में ही जमशेदपुर में खेले गए पावर लिफ्टिंग नेशनल जूनियर टूर्नामेंट में गोल्ड मेडल जीता. 2019 में भी डिस्ट्रिक्ट लेवल पर उन्होंने गोल्ड जीतने के साथ ही अयोध्या में आयोजित प्रदेश स्तरीय प्रदेश स्तरीय टूर्नामेंट में दो गोल्ड मेडल जीते हैं.

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एक पिछड़े क्षेत्र में रहने और मध्यम वर्गीय परिवार से होने के बावजूद पावर लिफ्टर माया मौर्य की सफलता महिलाओं के लिए एक प्रेरणा है.

Intro:anchor... अपने जज्बे और लगन से खेलने की वजह से सोनभद्र जैसे पिछले जिले में रहने के बावजूद माया मोर्य ने जिले का नाम रोशन करते हुए पावर लिफ्टिंग में नेशनल लेवल पर गोल्ड मेडल जीता है तीन बहनों और दो भाइयों में तीसरे नंबर पर है माया जबकि पिता किसानी करते हैं वही माता गृहणी हैं




Body:vo... पावर लिफ्टिंग जैसे खेल में पदक लाना बड़ी बात है लेकिन सोनभद्र जिले की रहने वाली माया मोर्य ने यह कर दिखाया माय बताते हैं कि दूसरे को देख कर उन्होंने स्टेडियम जाना शुरु किया और धीरे-धीरे पावर लिफ्टिंग में उनका इंटरेस्ट बढ़ता गया और मैं पावर लिफ्टिंग करने लगी

vo... माया बताती हैं कि इस खेल में आने के लिए उनको विशेष समस्या तो नहीं हुई लेकिन शुरुआत में एक बार घर वालों ने मना कर दिया था लेकिन पापा जब स्टेडियम आकर देखें और बाद में उन्होंने कहा कि अगर तुम्हारी इच्छा है तो करो सबसे बड़ी बात यह थी कि स्टेडियम घर से दूर था और हमें लगभग 8 किलोमीटर साइकिल से आना पड़ता था इस वजह से पापा मुझे मना कर रहे थे लेकिन वही मम्मी ने सपोर्ट किया और कहा कि जब प्रैक्टिस करेगी तो कुछ जरूर करेगी दूर होने से क्या होता है साइकिल से आएगी और जाएगी

vo... माया का आगे का प्लान है कि वह इंटरनेशनल लेबर पर खेलें और पदक लाएं और पावर लिफ्टिंग की कोच बनना चाहती

vo.... महिला दिवस पर महिलाओं के बारे में कहते हैं कि समाज में महिलाओं को छूट दिया जाए तो महिलाएं आत्मनिर्भर हो सकते हैं महिलाएं बहुत कुछ कर सकते हैं उसके लिए महिलाओं को सुविधाएं दिया जाए घर से बाहर जाने के लिए इजाजत दी जाए तो महिला सब कुछ हासिल कर सकती हैं और काबिल बन सकते हैं

vo... 2017 से माया पावर लिफ्टिंग की शुरुआत की 2018 में उन्होंने डिस्ट्रिक्ट लेवल पर गोल्ड मेडल जीता 2019 में भी डिस्ट्रिक्ट लेवल पर उन्होंने गोल्ड जीता 2018 प्रदेश स्तर पावर लिफ्टिंग कानपुर में आयोजित हुआ इसमें उन्होंने सीनियर और जूनियर वर्ग में दो गोल्ड मेडल हासिल किया वही 2019 में भी पावर लिफ्टिंग का का प्रदेश स्तरीय प्रदेश स्तरीय टूर्नामेंट अयोध्या में आयोजित हुआ जहां पर इन्होंने तो गोल्ड मेडल हासिल किए

vo... 2018 में पावर लिफ्टिंग नेशनल जूनियर जोकि जमशेदपुर में खेला गया उस में इन्होंने गोल्ड मेडल हासिल किया वही 2018 नेशनल सीनियर में जोगी छत्तीसगढ़ में आयोजित हुआ वहां पर इन्होंने ब्रोंज मेडल जीता वही 2019 दिल्ली में आयोजित होने वाले पावर लिफ्टिंग नेशनल के लिए इनका चयन हुआ है


Conclusion:
Last Updated : Sep 17, 2020, 4:13 PM IST
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