सोनभद्र: जज्बे और लगन के कारण सोनभद्र जैसे पिछड़े जिले में रहने के बावजूद माया मौर्य ने पावर लिफ्टिंग में जूनियर नेशनल लेवल पर गोल्ड मेडल जीतकर जिले का नाम रोशन किया है. तीन बहनों और दो भाइयों में तीसरे नंबर की माया के पिता किसान और मां गृहिणी हैं. दिल्ली में आयोजित होने वाले पावर लिफ्टिंग नेशनल के लिए उनका चयन हुआ है.
पावर लिफ्टिर माया का कहना है कि दूसरों को देखकर उन्होंने स्टेडियम जाना शुरु किया और धीरे-धीरे पावर लिफ्टिंग में उनकी रुचि बढ़ती गई और फिर मैं पावर लिफ्टिंग करने लगी. माया बताती हैं कि इस खेल में आने के लिए उनको विशेष समस्या तो नहीं हुई लेकिन शुरुआत में घर वालों ने मना किया था लेकिन जब पापा ने स्टेडियम में आकर देखा तो हां कर दी.
उन्होंने बताया कि स्टेडियम घर से 8 किलोमीटर दूर था और हमें साइकिल से वहां जाना-आना पड़ता था. इस वजह से पापा मुझे मना कर रहे थे लेकिन मम्मी ने सपोर्ट किया और कहा कि जब प्रैक्टिस करेगी तो कुछ जरूर करेगी. माया का सपना है कि वह इंटरनेशनल लेवल पर खेलें और देश के लिए पदक लेकर आएं. साथ ही वह कोच बनकर दूसरों को भी पावर लिफ्टिंग सिखाना चाहती हैं.
2017 से पावर लिफ्टिंग की शुरुआत करने वाली माया ने 2018 में डिस्ट्रिक्ट लेवल पर गोल्ड मेडल जीता. इसी वर्ष कानपुर में आयोजित प्रदेश स्तरीय पावर लिफ्टिंग में उन्होंने सीनियर और जूनियर वर्ग में दो गोल्ड मेडल हासिल किए. इसके अलावा उन्होंने 2018 में ही जमशेदपुर में खेले गए पावर लिफ्टिंग नेशनल जूनियर टूर्नामेंट में गोल्ड मेडल जीता. 2019 में भी डिस्ट्रिक्ट लेवल पर उन्होंने गोल्ड जीतने के साथ ही अयोध्या में आयोजित प्रदेश स्तरीय प्रदेश स्तरीय टूर्नामेंट में दो गोल्ड मेडल जीते हैं.
एक पिछड़े क्षेत्र में रहने और मध्यम वर्गीय परिवार से होने के बावजूद पावर लिफ्टर माया मौर्य की सफलता महिलाओं के लिए एक प्रेरणा है.