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आजीविका मिशन ने शुरू किया 'पोषण वाटिका', किचन गार्डन को मिलेगा बढ़ावा

उत्तर प्रदेश के सोनभद्र जिले में आजीविका मिशन की ओर से पोषण वाटिका की शुरूआत की गई है. इस पोषण वाटिका में कम जगह में जैविक तरीके से सब्जियों को तैयार किया जा रहा है. साथ ही इससे किचन गार्डन को भी बढ़ावा मिल रहा है.

पोषण वाटिका
पोषण वाटिका
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Published : Jan 21, 2021, 12:46 PM IST

सोनभद्र: जिले में आजीविका मिशन की ओर से आम लोगों के बीच किचन गार्डन को बढ़ावा देने के लिए विकास भवन में सब्जियां उगा रहा है. आजीविका मिशन ने इस प्रयोग को मॉडल पोषण वाटिका का नाम दिया है. इस पोषण वाटिका में जैविक खाद का प्रयोग किया जाता है. राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन के जिला प्रबंधक ने बताया कि कम जमीन में ज्यादा पोषक सब्जियां उगाने की यह उन्नत तकनीक है. इससे न सिर्फ लोगों को उचित पोषण मिलेगा बल्कि लोग रोगों से बच भी सकेंगे.

जैविक तरीके से की जाती है पोषण वाटिका.

विकास भवन के प्रांगण में बनी पोषण वाटिका में काम कर रही आजीविका सखी ने बताया कि इस छोटी सी जगह में लगभग 8 तरह की सब्जियां उगाई गयीं हैं. इस पोषण वाटिका में स्वयं के हाथ से बनाई गयी जैविक खाद का प्रयोग किया जाता है. इस जैविक खाद के प्रयोग से सब्जियां बेहतर उगती हैं. इन सब्जियों को खाने से किसी भी तरह से नुकसान नहीं होता और रोगों से भी बचाव होता है. रोगों से बचाव होने से ग्रामीण दवाइयों पर होंने वाले खर्च से भी बचेगे.

ग्रामीण आजीविका मिशन के जिला प्रबंधक ने बताया कि इस मॉडल पोषण वाटिका का उद्देश्य लोगों को पोषण से भरपूर सब्जियां मुहैया कराना है. ग्रामीण क्षेत्रो में गरीबी का मुख्य कारण बीमारियां हैं. अगर ग्रामीण पोषण वाटिका का मॉडल अपनाते हैं, तो उन्हें आसानी से बिना खर्च के उचित पोषण मिलेगा और बीमारियों पर होने वाले खर्च से बच कर आर्थिक रूप से सक्षम बनेंगे.

जिला प्रबंधक ने बताया कि मात्र 1500 वर्ग फीट की पोषण वाटिका में 16 प्रकार की सब्जियां उगाई जा सकती हैं. विकास भवन में इस मॉडल को बनाने का उद्देश्य यह है कि यहां हर वर्ग के लोग चाहे वह किसान हो या नौकरी पेशा आते हैं, इस पोषण वाटिका से लोग प्रेरित होकर और इसे अपना कर लाभ उठा सकते हैं.

सोनभद्र: जिले में आजीविका मिशन की ओर से आम लोगों के बीच किचन गार्डन को बढ़ावा देने के लिए विकास भवन में सब्जियां उगा रहा है. आजीविका मिशन ने इस प्रयोग को मॉडल पोषण वाटिका का नाम दिया है. इस पोषण वाटिका में जैविक खाद का प्रयोग किया जाता है. राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन के जिला प्रबंधक ने बताया कि कम जमीन में ज्यादा पोषक सब्जियां उगाने की यह उन्नत तकनीक है. इससे न सिर्फ लोगों को उचित पोषण मिलेगा बल्कि लोग रोगों से बच भी सकेंगे.

जैविक तरीके से की जाती है पोषण वाटिका.

विकास भवन के प्रांगण में बनी पोषण वाटिका में काम कर रही आजीविका सखी ने बताया कि इस छोटी सी जगह में लगभग 8 तरह की सब्जियां उगाई गयीं हैं. इस पोषण वाटिका में स्वयं के हाथ से बनाई गयी जैविक खाद का प्रयोग किया जाता है. इस जैविक खाद के प्रयोग से सब्जियां बेहतर उगती हैं. इन सब्जियों को खाने से किसी भी तरह से नुकसान नहीं होता और रोगों से भी बचाव होता है. रोगों से बचाव होने से ग्रामीण दवाइयों पर होंने वाले खर्च से भी बचेगे.

ग्रामीण आजीविका मिशन के जिला प्रबंधक ने बताया कि इस मॉडल पोषण वाटिका का उद्देश्य लोगों को पोषण से भरपूर सब्जियां मुहैया कराना है. ग्रामीण क्षेत्रो में गरीबी का मुख्य कारण बीमारियां हैं. अगर ग्रामीण पोषण वाटिका का मॉडल अपनाते हैं, तो उन्हें आसानी से बिना खर्च के उचित पोषण मिलेगा और बीमारियों पर होने वाले खर्च से बच कर आर्थिक रूप से सक्षम बनेंगे.

जिला प्रबंधक ने बताया कि मात्र 1500 वर्ग फीट की पोषण वाटिका में 16 प्रकार की सब्जियां उगाई जा सकती हैं. विकास भवन में इस मॉडल को बनाने का उद्देश्य यह है कि यहां हर वर्ग के लोग चाहे वह किसान हो या नौकरी पेशा आते हैं, इस पोषण वाटिका से लोग प्रेरित होकर और इसे अपना कर लाभ उठा सकते हैं.

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