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सोनभद्र: पीसीवी वैक्सीन लॉन्च, निमोनिया से होने वाली मौतों पर लगेगी लगाम

सोनभद्र में सीएमओ ने पीसीवी वैक्सीन लॉन्च की है. इसके माध्यम से बच्चों को निमोनिया, दिमागी बुखार और कान के संक्रमण से मुक्ति मिलेगी. यह वैक्सीन की लॉन्चिंग का तीसरा चरण है, जिसमें यूपी के 56 जिले शामिल किए जाएंगे.

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Published : Aug 11, 2020, 6:46 AM IST

Updated : Sep 17, 2020, 4:14 PM IST

Sonebhadra news
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सोनभद्र: मुख्य चिकित्सा अधिकारी शशिकांत उपाध्याय ने जिले में सोमवार को नियमित टीकाकरण अभियान के साथ पीसीवी वैक्सीन लांच करने की घोषणा की. पत्रकारों को वैक्सीन के बारे में विस्तार से बताते हुए सीएमओ ने कहा कि प्रथम चरण में यह वैक्सीन उत्तर प्रदेश के छह जिलों में शुरू की गई थी. इसका विस्तार 2018-19 में 19 जिलों में किया गया और अब अंतिम चरण में इस वैक्सीन को सोनभद्र समेत 56 जिलों में लांच किया जा रहा है. सीएमओ ने बताया कि यह वैक्सीन बच्चों को निमोनिया दिमागी बुखार और कान के संक्रमण से बचाएगी.

पांच साल से कम उम्र के बच्चों की मृत्यु की बड़ी वजह निमोनिया
मुख्य चिकित्सा अधिकारी ने पीसीवी वैक्सीन (न्यूमोकाकल कंजुगेट वैक्सीन) के बारे में बताते हुए कहा कि पांच वर्ष से कम उम्र के बच्चों में मृत्यु के प्रमुख कारणों में से एक निमोनिया है. 2010 के आंकड़ों के अनुसार, भारत में पांच वर्ष से कम आयु के बच्चों में निमोनिया से होने वाली मृत्यु की दर 30% है. इस बीमारी से बचाव के लिए पीसीवी वैक्सीन लांच की गई है. अभी वैक्सीन निजी अस्पतालों और महंगे नर्सिंग होम में उपलब्ध है और यह वैक्सीन काफी महंगी लगभग 3000 रुपये की है. इसके बाद अब भारत सरकार ने इस वैक्सीन को सरकारी अस्पतालों, सामुदायिक और प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र पर प्रत्येक बुधवार और शनिवार को होने वाले नियमित टीकाकरण में शामिल करने का निर्णय लिया है.

इससे शिशु मृत्यु दर पर लगेगी रोक
सीएमओ ने बताया कि इस वैक्सीन का टीका बच्चों के जन्म के छठे और 14वें हफ्ते की उम्र में और उसके बाद बूस्टर टीका 9 माह की उम्र पर दिया जाएगा. इस टीके के लगने के बाद बच्चों में निमोनिया और दिमागी बुखार से होने वाली मृत्यु पर काफी हद तक अंकुश लगाया जा सकेगा और जिले का प्रत्येक बच्चा स्वस्थ रहेगा. कार्यक्रम में स्वास्थ्य विभाग के कर्मचारियों अधिकारियों के साथ साथ डब्ल्यूएचओ के अधिकारी भी मौजूद रहे.

सोनभद्र: मुख्य चिकित्सा अधिकारी शशिकांत उपाध्याय ने जिले में सोमवार को नियमित टीकाकरण अभियान के साथ पीसीवी वैक्सीन लांच करने की घोषणा की. पत्रकारों को वैक्सीन के बारे में विस्तार से बताते हुए सीएमओ ने कहा कि प्रथम चरण में यह वैक्सीन उत्तर प्रदेश के छह जिलों में शुरू की गई थी. इसका विस्तार 2018-19 में 19 जिलों में किया गया और अब अंतिम चरण में इस वैक्सीन को सोनभद्र समेत 56 जिलों में लांच किया जा रहा है. सीएमओ ने बताया कि यह वैक्सीन बच्चों को निमोनिया दिमागी बुखार और कान के संक्रमण से बचाएगी.

पांच साल से कम उम्र के बच्चों की मृत्यु की बड़ी वजह निमोनिया
मुख्य चिकित्सा अधिकारी ने पीसीवी वैक्सीन (न्यूमोकाकल कंजुगेट वैक्सीन) के बारे में बताते हुए कहा कि पांच वर्ष से कम उम्र के बच्चों में मृत्यु के प्रमुख कारणों में से एक निमोनिया है. 2010 के आंकड़ों के अनुसार, भारत में पांच वर्ष से कम आयु के बच्चों में निमोनिया से होने वाली मृत्यु की दर 30% है. इस बीमारी से बचाव के लिए पीसीवी वैक्सीन लांच की गई है. अभी वैक्सीन निजी अस्पतालों और महंगे नर्सिंग होम में उपलब्ध है और यह वैक्सीन काफी महंगी लगभग 3000 रुपये की है. इसके बाद अब भारत सरकार ने इस वैक्सीन को सरकारी अस्पतालों, सामुदायिक और प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र पर प्रत्येक बुधवार और शनिवार को होने वाले नियमित टीकाकरण में शामिल करने का निर्णय लिया है.

इससे शिशु मृत्यु दर पर लगेगी रोक
सीएमओ ने बताया कि इस वैक्सीन का टीका बच्चों के जन्म के छठे और 14वें हफ्ते की उम्र में और उसके बाद बूस्टर टीका 9 माह की उम्र पर दिया जाएगा. इस टीके के लगने के बाद बच्चों में निमोनिया और दिमागी बुखार से होने वाली मृत्यु पर काफी हद तक अंकुश लगाया जा सकेगा और जिले का प्रत्येक बच्चा स्वस्थ रहेगा. कार्यक्रम में स्वास्थ्य विभाग के कर्मचारियों अधिकारियों के साथ साथ डब्ल्यूएचओ के अधिकारी भी मौजूद रहे.

Last Updated : Sep 17, 2020, 4:14 PM IST
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