सोनभद्र: एक तरफ जहां प्रदेश सरकार भ्रष्टाचार पर जीरो टॉलरेंस की बात करती है, वहीं दूसरी तरफ सोनभद्र के परिवहन विभाग में भ्रष्टाचार का बोलबाला है. यहां खनन क्षेत्रों से लगातार ओवरलोड ट्रकों का संचालन जारी है. सड़कों पर ओवरलोड ट्रकें खड़ी हुई आसानी से नजर आती हैं. लेकिन अधिकारियों की नजर इन ओवरलोड ट्रकों पर नहीं जाती है. चोपन थाना क्षेत्र के मारकुंडी इलाके में ओवरलोड ट्रकें सड़क के किनारे खड़ी रहती हैं और रात्रि में अधिकारियों की मिलीभगत से ये ट्रकें जिले के बाहर चली जाती हैं. वहीं दूसरी तरफ परिवहन विभाग के अधिकारियों का दावा है कि लगातार कार्रवाई की जा रही है, लेकिन अफसोस यह है कि यह कार्रवाई सिर्फ कागजों पर होती है धरातल पर नहीं.
जिले में ओवरलोड ट्रकों का संचालन
जिले के ओबरा ,डाला पत्थर खनन क्षेत्र से और दुद्धी क्षेत्र के बालू खनन इलाके से लगातार ओवरलोड ट्रकों का संचालन होता है. चोपन थाना क्षेत्र के मारकुंडी इलाके में सैकड़ों ओवरलोड ट्रकें सड़क के किनारे खड़ी रहती हैं, लेकिन इन बालू गिट्टी लदी हुई ट्रकों पर जिले के किसी भी अधिकारी की नजर नहीं जाती है. दिनभर खड़ी रहने के बाद रात्रि के अंधेरे में सैकड़ों ट्रकें खनिज विभाग के चेक पोस्ट को पार करती हुई जिले के बाहर चली जाती हैं, लेकिन इन ओवरलोड ट्रकों पर जिले का कोई भी अधिकारी कार्रवाई नहीं करता है. इस तरह अधिकारियों की मिलीभगत से ओवरलोड ट्रकों का संचालन किया जा रहा है.
एआरटीओ प्रशासन कार्रवाई और जुर्माने की दे रहे सफाई
परिवहन विभाग के एआरटीओ अनिल कुमार मिश्रा से जब ओवरलोड ट्रकों के निकलने की बात पूछी गई तो उन्होंने बताया कि प्रवर्तन दल के द्वारा लगातार छापेमारी कर ओवरलोड ट्रकों के खिलाफ कार्रवाई की जाती है. इसके अलावा टोल प्लाजा के कांटे की मदद से ओवरलोड वाहनों की लिस्ट निकलवा कर जुर्माना किया जाता है. पुलिस परिवहन और खनिज विभाग की जॉइंट चेकिंग भी की जाती है, लेकिन अफसोस की बात यह है कि यह कार्रवाई सिर्फ कागजों पर ही चल रही है.