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सोनभद्र: पैसा होने के बाद भी राज्य वित्त निधि से विकासखंड में नहीं हुआ कोई काम - आरटीआई एक्टिविस्ट

जिले में राज्य वित्त निधि का करोड़ों रुपये खाते में पड़े हुए हैं. आरटीआई के माध्यम से जानकारी करने पर चौकाने वाले तथ्य समाने आए हैं. जिसमें कहा गया है कि वर्ष 2016 के बाद से क्षेत्र में कोई भी विकास कार्य नहीं हुआ है. क्षेत्र पंचायत के अंतर्गत होने वाले विकास कार्य ना होने से क्षेत्र की जनता में काफी असंतोष है.

चौधरी यशवंत सिंह आरटीआई एक्टिविस्ट
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Published : Jun 27, 2019, 11:31 AM IST

Updated : Sep 17, 2020, 4:13 PM IST

सोनभद्र: जनपद के नगर विकासखंड के अंतर्गत नगर विकासखंड से वर्ष 2016 के बाद से कोई भी कार्य नहीं कराया गया, जिससे क्षेत्र का विकास रुक सा गया है. जबकि राज्य वित्त निधि का करोड़ों रुपये खाते में पड़ा हुआ है. क्षेत्र पंचायत के अंतर्गत होने वाले विकास कार्य ना होने से क्षेत्र की जनता में काफी असंतोष है. इसके विषय में प्रभारी खंड विकास अधिकारी का कहना है कि हमको फरवरी में चार्ज मिला वहीं 17वीं लोकसभा का आचार संहिता लागू हो गया था जिससे विकास कार्य नहीं हो सका.

चौधरी यशवंत सिंह आरटीआई एक्टिविस्ट

विकास कार्य के लिए आया पैसा नही हुआ खर्च:

  • 2016 से विकासखंड के विकास कार्य के लिए आए हुए पैसे का खर्च न होना कहीं ना कहीं अधिकारियों की विकास के प्रति लापरवाही दिखा रहा है.
  • 2016 से जो पैसा आया है. लेकिन खाते में डंप पड़ा हुआ है.
  • आरटीआई एक्टिविस्ट चौधरी यशवंत सिंह ने सूचना के अधिकार के तहत जानकारी मांगी


मैंने जब वहां के विकास कार्यों के संबंधित सूचना मांगी कि विकास कार्यों के लिए आए पैसे का आपने कितना उपयोग किया तो खंड विकास अधिकारी ने चिट्ठी लिखकर हमको तो पहले अपने ऑफिस पर बुलाया. मैं नहीं गया और उनको कई रिमाइंडर डाले. 4 महीने बाद सूचना दी और बताया कि 2016 से जो पैसा आया है डंप पड़ा हुआ है यह पैसा उपयोग नहीं हुआ.
चौधरी यशवंत सिंह, आरटीआई एक्टिविस्ट

फरवरी 2019 में हमको चार्ज मिला और वित्तीय वर्ष 2018 19 का टेंडर निकाला जा चुका था. उसी दौरान आचार संहिता लग गई जिसकी वजह से काम नहीं कराया जा सका .इसके पहले अन्य कारणों से कार्य रूका हुआ था. 19 - 20 की कार्रवाई हो चुकी है. क्षेत्र पंचायत की बैठक भी हो चुकी है. कार्य योजना बन के तैयार है टेंडर के लिए निविदा प्रकाशित करवाई जा रही है.
डॉ. प्रभात कुमार द्विवेदी, प्रभारी खंड विकास अधिकारी

सोनभद्र: जनपद के नगर विकासखंड के अंतर्गत नगर विकासखंड से वर्ष 2016 के बाद से कोई भी कार्य नहीं कराया गया, जिससे क्षेत्र का विकास रुक सा गया है. जबकि राज्य वित्त निधि का करोड़ों रुपये खाते में पड़ा हुआ है. क्षेत्र पंचायत के अंतर्गत होने वाले विकास कार्य ना होने से क्षेत्र की जनता में काफी असंतोष है. इसके विषय में प्रभारी खंड विकास अधिकारी का कहना है कि हमको फरवरी में चार्ज मिला वहीं 17वीं लोकसभा का आचार संहिता लागू हो गया था जिससे विकास कार्य नहीं हो सका.

चौधरी यशवंत सिंह आरटीआई एक्टिविस्ट

विकास कार्य के लिए आया पैसा नही हुआ खर्च:

  • 2016 से विकासखंड के विकास कार्य के लिए आए हुए पैसे का खर्च न होना कहीं ना कहीं अधिकारियों की विकास के प्रति लापरवाही दिखा रहा है.
  • 2016 से जो पैसा आया है. लेकिन खाते में डंप पड़ा हुआ है.
  • आरटीआई एक्टिविस्ट चौधरी यशवंत सिंह ने सूचना के अधिकार के तहत जानकारी मांगी


मैंने जब वहां के विकास कार्यों के संबंधित सूचना मांगी कि विकास कार्यों के लिए आए पैसे का आपने कितना उपयोग किया तो खंड विकास अधिकारी ने चिट्ठी लिखकर हमको तो पहले अपने ऑफिस पर बुलाया. मैं नहीं गया और उनको कई रिमाइंडर डाले. 4 महीने बाद सूचना दी और बताया कि 2016 से जो पैसा आया है डंप पड़ा हुआ है यह पैसा उपयोग नहीं हुआ.
चौधरी यशवंत सिंह, आरटीआई एक्टिविस्ट

फरवरी 2019 में हमको चार्ज मिला और वित्तीय वर्ष 2018 19 का टेंडर निकाला जा चुका था. उसी दौरान आचार संहिता लग गई जिसकी वजह से काम नहीं कराया जा सका .इसके पहले अन्य कारणों से कार्य रूका हुआ था. 19 - 20 की कार्रवाई हो चुकी है. क्षेत्र पंचायत की बैठक भी हो चुकी है. कार्य योजना बन के तैयार है टेंडर के लिए निविदा प्रकाशित करवाई जा रही है.
डॉ. प्रभात कुमार द्विवेदी, प्रभारी खंड विकास अधिकारी

Intro:anchor... जनपद सोनभद्र के नगर विकासखंड के अंतर्गत राज्य प्रतिनिधि से वर्ष 2016 की बात से कोई भी कार्य नहीं कराया गया जिससे क्षेत्र का विकास रुक गया जबकि राज्य वित्त निधि का करोड़ो रुपए खाते में पड़े हुए क्षेत्र पंचायत के अंतर्गत होने वाले विकास कार्य ना होने से क्षेत्र की जनता में काफी असंतोष है इसके विषय में प्रभारी खंड विकास अधिकारी का कहना है कि हमको फरवरी में चार्ज मिला वहीं 17 वी लोकसभा का आचार संहिता लागू हो गया था जिससे विकास कार्य नहीं हो सका


Body:vo... 2016 से विकासखंड न गांव के विकास कार्य के लिए आए हुए पैसे का खर्च न होना कहीं ना कहीं सवाल खड़ा करता है दरअसल करोड़ों रुपए से ज्यादा लगभग 3 साल से पड़ा हुआ है इसमें कहीं ना कहीं प्रशासन और नेताओं की मिलीभगत नजर आएंगे हालांकि इसके विषय में कोई भी अधिकारी कुछ कहने का तैयार नहीं है


vo... राज वित्त निधि से नगवा विकासखंड में विकास कार्य अवरुद्ध होने की वजह से आरटीआई एक्टिविस्ट चौधरी यशवंत सिंह ने सूचना के अधिकार के तहत जानकारी मांगी तो उनका कहना है कि मैंने जब वहां के विकास कार्यों के संबंधित सूचना मांगी की 13वां वित्त 14वां वित्त और राज्य वित्त का जो पैसा विकास कार्य के लिए विकास कान में प्राप्त हुआ अभी तक आपने कितना उपयोग किया तो खंड विकास अधिकारी ने चिट्ठी लिखकर हमको तो पहले अपने ऑफिस पर बुलाया मैं नहीं गया और उनको कई रिमाइंडर डाले तो 4 महीने बाद सूचना दी और बताया कि 2016 से जो पैसा आया है डंप पड़ा हुआ है यह पैसा उपयोग नहीं हुआ यशवंत सिंह का कहना है कि यह पद का दुरुपयोग है वह जो मिसलेनियस का पैसा कहां रखे हैं उसका ब्याज कौन खा रहा है विकास कार्य अवरुद्ध पड़ा है हम लोग नक्सल आदिवासियों के लिए आंदोलन चलाते हैं लेकिन यह 11000000 रुपए 2016 से आकर पड़ा है यह पद दुरुपयोग है और शासन के छवि को खराब कर रहे हैं

बाइट.. चौधरी यशवंत सिंह आरटीआई एक्टिविस्ट


Conclusion:vo... वहीं 3 साल से विकास का रुके होने पर प्रभारी खंड विकास अधिकारी का कहना है कि फरवरी 2019 में हमको चार्ज मिला और वित्तीय वर्ष 2018 19 का टेंडर निकाला जा चुका था उसी दौरान आचार संहिता लग गई जिसकी वजह से काम नहीं कराया जा सका इसके पहले अन्य कारणों से कार्य रूका हुआ था 19 - 20 की कार्यवाही हो चुकी है क्षेत्र पंचायत की बैठक भी हो चुकी है कार्य योजना बन के तैयार है टेंडर के लिए निविदा प्रकाशित करवाई जा रही है

बाइट.. डॉ प्रभात कुमार द्विवेदी प्रभारी खंड विकास अधिकारी नगवा
Last Updated : Sep 17, 2020, 4:13 PM IST
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