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सोनभद्र: आंगनबाड़ी में इलेक्ट्रॉनिक मशीनों से होगी कुपोषण की जांच

उत्तर प्रदेश के सोनभद्र में कुपोषण की जांच करने के लिए अब आंगनबाड़ी में इन्फैंटोमीटर और स्टेडियोमीटर लगाई जा रही है. इससे छोटे बच्चों की कुपोषण की नाप करने के लिए आसानी होगी, जिससे उम्र के हिसाब से वजन की नाप ठीक से की जा सकेगी.

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Published : Feb 28, 2020, 5:45 PM IST

Updated : Sep 17, 2020, 4:13 PM IST

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आंगनवाड़ी में वजन इलेक्ट्रॉनिक मशीन लगाई जा रही है.

सोनभद्र: जनपद में कुपोषित बच्चों की जांच करना अब आसान होगा. कुपोषण की जांच करने के लिए जिला प्रशासन ने इलेक्ट्रॉनिक मशीन खरीदा है, जिसमें इन्फैंटोमीटर और स्टेडियोमीटर वजन मशीन के माध्यम से कुपोषण की जांच की जाएगी.

इस संबंध में जिला कार्यक्रम अधिकारी का कहना है कि इससे आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं को आसानी होगी. यह जनपद के सभी आंगनबाड़ी केंद्रों पर उपलब्ध कराया जाएगा. आंगनबाड़ी केंद्रों पर उपलब्ध ग्रोथ मॉनिटरिंग डिवाइस कराने वाला यूपी का पहला जनपद बन गया है. इन मशीनों से बच्चों की उम्र के हिसाब से लंबाई, बौनापन और कुपोषण की स्थिति का सही-सही आकलन होगा.

आंगनवाड़ी में वजन इलेक्ट्रॉनिक मशीन लगाई जा रही है.
आंगनबाड़ी केंद्रों पर इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस उपलब्ध सोनभद्र देश के 115 पिछले जनपदों में शामिल है. वहीं उत्तर प्रदेश के 8 अति पिछड़े जनपदों में भी शामिल है, जिसकी वजह से यहां पर कुपोषण की संख्या अधिक पाई जाती है. इसी के मद्देनजर जिला प्रशासन में जनपद के कुल 1700 आंगनबाड़ी केंद्रों पर इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस उपलब्ध कराने जा रहा है. इससे छोटे बच्चों महिलाओं आदि की जांच की जाएगी और सही आंकड़ा भी सामने निकल कर आएगा.

इसे भी पढ़ें-सोनभद्रः प्राथमिक विद्यालय में नहीं बना मिड डे मील, डीएम ने दिए जांच के आदेश


आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं को होगी आसानी
अभी तक इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस कुपोषण मशीनें आंगनबाड़ी पर उपलब्ध नहीं होती थी और यह स्वास्थ्य विभाग पर डिपेंड होते थे. इसकी वजह से कई बार आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं को काफी ज्यादा दिक्कत का सामना करना पड़ता था. लेकिन इलेक्ट्रॉनिक मशीनों के आ जाने से एक ओर जहां आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं को भी आसानी होगी वहीं उनको स्वास्थ विभाग पर डिपेंड नहीं होना पड़ेगा.

जिला खनिज नीति से 1700 वयस्क वजन मशीन, 1700 वजन मशीन बच्चों के लिए, 1700 इन्फैंटोमीटर और 1700 स्टेडियोमीटर जेम पोर्टल के माध्यम से क्रय किया गया है. अधिकतर मशीन हमारे पास आ चुकी है, जिसे आंगनबाड़ी केंद्रों पर भेजा जा रहा है. अब आंगनबाड़ी कार्यकर्ता बौनापन कुपोषण का सटीक पहचान कर सकेंगी. अभी तक उत्तर प्रदेश के 75 जनपद में से सोनभद्र पहला जनपद है, जिसमें सारे बिंदुओं के लिए उपकरण क्रय किए गए हैं.
-अजीत कुमार सिंह, जिला कार्यक्रम अधिकारी

सोनभद्र: जनपद में कुपोषित बच्चों की जांच करना अब आसान होगा. कुपोषण की जांच करने के लिए जिला प्रशासन ने इलेक्ट्रॉनिक मशीन खरीदा है, जिसमें इन्फैंटोमीटर और स्टेडियोमीटर वजन मशीन के माध्यम से कुपोषण की जांच की जाएगी.

इस संबंध में जिला कार्यक्रम अधिकारी का कहना है कि इससे आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं को आसानी होगी. यह जनपद के सभी आंगनबाड़ी केंद्रों पर उपलब्ध कराया जाएगा. आंगनबाड़ी केंद्रों पर उपलब्ध ग्रोथ मॉनिटरिंग डिवाइस कराने वाला यूपी का पहला जनपद बन गया है. इन मशीनों से बच्चों की उम्र के हिसाब से लंबाई, बौनापन और कुपोषण की स्थिति का सही-सही आकलन होगा.

आंगनवाड़ी में वजन इलेक्ट्रॉनिक मशीन लगाई जा रही है.
आंगनबाड़ी केंद्रों पर इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस उपलब्ध सोनभद्र देश के 115 पिछले जनपदों में शामिल है. वहीं उत्तर प्रदेश के 8 अति पिछड़े जनपदों में भी शामिल है, जिसकी वजह से यहां पर कुपोषण की संख्या अधिक पाई जाती है. इसी के मद्देनजर जिला प्रशासन में जनपद के कुल 1700 आंगनबाड़ी केंद्रों पर इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस उपलब्ध कराने जा रहा है. इससे छोटे बच्चों महिलाओं आदि की जांच की जाएगी और सही आंकड़ा भी सामने निकल कर आएगा.

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आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं को होगी आसानी
अभी तक इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस कुपोषण मशीनें आंगनबाड़ी पर उपलब्ध नहीं होती थी और यह स्वास्थ्य विभाग पर डिपेंड होते थे. इसकी वजह से कई बार आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं को काफी ज्यादा दिक्कत का सामना करना पड़ता था. लेकिन इलेक्ट्रॉनिक मशीनों के आ जाने से एक ओर जहां आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं को भी आसानी होगी वहीं उनको स्वास्थ विभाग पर डिपेंड नहीं होना पड़ेगा.

जिला खनिज नीति से 1700 वयस्क वजन मशीन, 1700 वजन मशीन बच्चों के लिए, 1700 इन्फैंटोमीटर और 1700 स्टेडियोमीटर जेम पोर्टल के माध्यम से क्रय किया गया है. अधिकतर मशीन हमारे पास आ चुकी है, जिसे आंगनबाड़ी केंद्रों पर भेजा जा रहा है. अब आंगनबाड़ी कार्यकर्ता बौनापन कुपोषण का सटीक पहचान कर सकेंगी. अभी तक उत्तर प्रदेश के 75 जनपद में से सोनभद्र पहला जनपद है, जिसमें सारे बिंदुओं के लिए उपकरण क्रय किए गए हैं.
-अजीत कुमार सिंह, जिला कार्यक्रम अधिकारी

Last Updated : Sep 17, 2020, 4:13 PM IST
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