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Sonbhadra में दहेज हत्या में दोषी पति, देवर व सास को उम्रकैद

सोनभद्र में दहेज हत्या में दोषी पति, देवर और सास को उम्रकैद की सजा सुनाई गई है.

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Sonbhadra में दहेज हत्या में दोषी पति, देवर व सास को उम्रकैद
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Published : Mar 4, 2023, 9:05 PM IST

सोनभद्रः जिले में 14 वर्ष पूर्व दहेज में बाइक की मांग को लेकर जुलेखा बानो की जलाकर हत्या करने के मामले में शनिवार को अपर सत्र न्यायाधीश( प्रथम) खलीकुज्जमा की अदालत ने सजा सुनाई. इस मामले में दोषी पति, देवर व सास को उम्रकैद व 10- 10 हजार रुपए के अर्थदंड की सजा सुनाई गई. दोषियों द्वारा अर्थदंड न देने पर 6- 6 माह की अतिरिक्त कैद की सजा सुनाई गई.


दुद्धी कोतवाली क्षेत्र निवासी मुजीबुर्रहमान पुत्र हजीबुल रहमान ने ओबरा थाने में दी गयी तहरीर में अवगत कराया था कि वर्ष 2000 में बहन जुलेखा बानो की शादी ओबरा थाना क्षेत्र के चूड़ी गली निवासी आफताब पुत्र हमीद अली से हुई थी. शादी के बाद उसकी बहन ससुराल गई तो पहले ठीक था लेकिन बाद में दहेज में बाइक की मांग को लेकर पति, देवर, सास व ननदों ने उसकी बहन को प्रताड़ित करना शुरू कर दिया.

दहेज की मांग को लेकर पंचायत भी हुई. पांच मई 2008 को भोर में 3.30 बजे बहन की ननद का फोन आया कि उसकी बहन की हालत गंभीर है. जब बहन के घर गया तो बहन की पांच वर्षीय बेटी व अन्य लोगों ने बताया कि जुलेखा बानो को ससुराल वालों ने मारपीट कर मिट्टी का तेल डालकर आग लगाकर जला दिया है. अस्पताल जाकर देखा तो बहन बुरी तरह से जली हुई थी. बहन ने भी पूरी घटना की जानकारी दी. हालत गंभीर होने पर बहन को वाराणसी के लिए रेफर कर दिया गया. वाराणसी अस्पताल पहुंचते ही डाक्टरों ने जुलेखा बानो को मृत घोषित कर दिया.


6 मई 2008 को ओबरा पुलिस ने आफताब, महताब व शहजादी समेत पांच लोगों के विरुद्ध एफआईआर दर्ज कर मामले की विवेचना की. पर्याप्त सबूत मिलने पर विवेचक ने कोर्ट में पति, देवर व सास के विरुद्ध चार्जशीट दाखिल की. इस मामले की सुनवाई करते हुए कोर्ट ने दोषी पति आफताब, देवर महताब व सास शहजादी को उम्रकैद व 10 - 10 हजार रुपए अर्थदंड की सजा सुनाई. अर्थदंड न देने पर 6- 6 माह की अतिरिक्त कैद भुगतनी पड़ेगी. अभियोजन पक्ष की ओर से अपर जिला शासकीय अधिवक्ता कुंवर वीर प्रताप सिंह ने बहस की.

ये भी पढ़ेंः Holi 2023 : काशी में जलती चिताओं के बीच खेली होली, चिता भस्म के साथ उड़ते रहे गुलाल

सोनभद्रः जिले में 14 वर्ष पूर्व दहेज में बाइक की मांग को लेकर जुलेखा बानो की जलाकर हत्या करने के मामले में शनिवार को अपर सत्र न्यायाधीश( प्रथम) खलीकुज्जमा की अदालत ने सजा सुनाई. इस मामले में दोषी पति, देवर व सास को उम्रकैद व 10- 10 हजार रुपए के अर्थदंड की सजा सुनाई गई. दोषियों द्वारा अर्थदंड न देने पर 6- 6 माह की अतिरिक्त कैद की सजा सुनाई गई.


दुद्धी कोतवाली क्षेत्र निवासी मुजीबुर्रहमान पुत्र हजीबुल रहमान ने ओबरा थाने में दी गयी तहरीर में अवगत कराया था कि वर्ष 2000 में बहन जुलेखा बानो की शादी ओबरा थाना क्षेत्र के चूड़ी गली निवासी आफताब पुत्र हमीद अली से हुई थी. शादी के बाद उसकी बहन ससुराल गई तो पहले ठीक था लेकिन बाद में दहेज में बाइक की मांग को लेकर पति, देवर, सास व ननदों ने उसकी बहन को प्रताड़ित करना शुरू कर दिया.

दहेज की मांग को लेकर पंचायत भी हुई. पांच मई 2008 को भोर में 3.30 बजे बहन की ननद का फोन आया कि उसकी बहन की हालत गंभीर है. जब बहन के घर गया तो बहन की पांच वर्षीय बेटी व अन्य लोगों ने बताया कि जुलेखा बानो को ससुराल वालों ने मारपीट कर मिट्टी का तेल डालकर आग लगाकर जला दिया है. अस्पताल जाकर देखा तो बहन बुरी तरह से जली हुई थी. बहन ने भी पूरी घटना की जानकारी दी. हालत गंभीर होने पर बहन को वाराणसी के लिए रेफर कर दिया गया. वाराणसी अस्पताल पहुंचते ही डाक्टरों ने जुलेखा बानो को मृत घोषित कर दिया.


6 मई 2008 को ओबरा पुलिस ने आफताब, महताब व शहजादी समेत पांच लोगों के विरुद्ध एफआईआर दर्ज कर मामले की विवेचना की. पर्याप्त सबूत मिलने पर विवेचक ने कोर्ट में पति, देवर व सास के विरुद्ध चार्जशीट दाखिल की. इस मामले की सुनवाई करते हुए कोर्ट ने दोषी पति आफताब, देवर महताब व सास शहजादी को उम्रकैद व 10 - 10 हजार रुपए अर्थदंड की सजा सुनाई. अर्थदंड न देने पर 6- 6 माह की अतिरिक्त कैद भुगतनी पड़ेगी. अभियोजन पक्ष की ओर से अपर जिला शासकीय अधिवक्ता कुंवर वीर प्रताप सिंह ने बहस की.

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