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सोनभद्र: शिक्षकों की कमी से जूझ रहे राजकीय इंटर कॉलेज, 3 साल से पद खाली - सोनभद्र समाचार

उत्तर प्रदेश के सोनभद्र में राजकीय हाईस्कूल व राजकीय इंटर काॅलेजों में प्रधानाचार्यों, सहायक अध्यापक व प्रवक्ताओं की भारी कमी है. लगातार 3 वर्षों से ये पद खाली चले आ रहे हैं.

जिला विद्यालय निरीक्षक
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Published : Sep 9, 2019, 8:53 AM IST

Updated : Sep 17, 2020, 4:13 PM IST

सोनभद्र: जनपद में 32 राजकीय हाईस्कूल व 12 राजकीय इंटर कॉलेजों, 4 पंडित दीनदयाल राजकीय मांडल इंटर कॅालेजों में 80 प्रतिशत से अधिक प्रधानाचार्यों, सहायक अध्यापकों व प्रवक्ताओं की कमी के कारण लाखों बच्चों का भविष्य अंधकार में है. यहां के राजकीय विद्यालयों की स्थिति काफी दयनीय है या यूं कहें वेंटिलेटर पर आखिरी सांस गिन रहा है.

शिक्षकों की कमी से जूझ रहे राजकीय इंटर कालेज.

जिला विद्यालय निरीक्षक ने बताया कि -

  • जनपद में कुल राजकीय हाईस्कूलों की संख्या 32 है, जिसमें 11 प्रधानाध्यापक कार्यरत हैं, 21 पद रिक्त पड़े हैं.
  • कुल 12 इंटर कॉलेज हैं, जिसमें केवल एक पद भरा है शेष 11 पद खाली हैं.
  • एक राजकीय इंटर कॉलेज घोरावल में है, जिसमें केवल प्रधानाध्यापक हैं.
  • प्रवक्ता के कुल 125 पद हैं, जिसमें केवल 21 प्रवक्ता कार्यरत हैं, 104 प्रवक्ताओं के पद रिक्त हैं.
  • सहायक अध्यापक के 175 पद हैं, जिसमें 54 कार्यरत हैं, 121 पद रिक्त हैं.

कैसे चलेगा शिक्षातंत्र -
जनपद में शिक्षकों की नहीं बल्कि प्रधानाध्यापकों की भी भारी कमी है. कमी के कारण बच्चों की शिक्षा प्रभावित हो रही है. जो अध्यापक कार्य कर रहे हैं उनके जिम्मे एक शिक्षकों पर 4 से 5 विषयों का भार है. जिससे अध्यापकों की शिक्षण पद्धति पर प्रभाव पड़ रहा है. अध्यापक विहीन इंटर कॉलेज की बात किया जाए तो कोन में राजकीय हाई स्कूल में कोई अध्यापक, प्रधानाचार्य या प्रवक्ता नही है, विद्यालय डीआईओएस की व्यवस्था के सहारे चल रहा है. राजकीय इंटर कालेज चपकी में केवल एक अध्यापिका हैं, जिनके सहारे पूरा इंटर कॉलेज चल रहा है. राजकीय इंटर कॉलेज सिरसिया ठकुराई में केवल दो या तीन अध्यापक हैं, कोई प्रधानाचार्य भी नहीं है.

इसे भी पढ़ें - हरदोई: बिना शिक्षक के चल रहा विद्यालय, शिक्षण कार्य पूर्णतया बंद

शिक्षकों की भारी कमी है जो भी शिक्षक हैं उन पर ज्यादा जिम्मेदारी पड़ती है. इससे व्यवस्था चरमरा रही है. विद्यालय स्तर पर हमें परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है.
- शैलेन्द्र चतुर्वेदी, जिलाध्यक्ष राजकीय शिक्षक संघ, सोनभद्र

शिक्षकों की कमी है. सरकार भर्ती प्रक्रिया चालू की है. कुछ कारणों से नियुक्ति नहीं हो पाई है.जल्द ही भर्ती प्रक्रिया पूरी कर ली जाएगी.
- फूल चंद्र यादव, जिला विद्यालय निरीक्षक, सोनभद्र

सोनभद्र: जनपद में 32 राजकीय हाईस्कूल व 12 राजकीय इंटर कॉलेजों, 4 पंडित दीनदयाल राजकीय मांडल इंटर कॅालेजों में 80 प्रतिशत से अधिक प्रधानाचार्यों, सहायक अध्यापकों व प्रवक्ताओं की कमी के कारण लाखों बच्चों का भविष्य अंधकार में है. यहां के राजकीय विद्यालयों की स्थिति काफी दयनीय है या यूं कहें वेंटिलेटर पर आखिरी सांस गिन रहा है.

शिक्षकों की कमी से जूझ रहे राजकीय इंटर कालेज.

जिला विद्यालय निरीक्षक ने बताया कि -

  • जनपद में कुल राजकीय हाईस्कूलों की संख्या 32 है, जिसमें 11 प्रधानाध्यापक कार्यरत हैं, 21 पद रिक्त पड़े हैं.
  • कुल 12 इंटर कॉलेज हैं, जिसमें केवल एक पद भरा है शेष 11 पद खाली हैं.
  • एक राजकीय इंटर कॉलेज घोरावल में है, जिसमें केवल प्रधानाध्यापक हैं.
  • प्रवक्ता के कुल 125 पद हैं, जिसमें केवल 21 प्रवक्ता कार्यरत हैं, 104 प्रवक्ताओं के पद रिक्त हैं.
  • सहायक अध्यापक के 175 पद हैं, जिसमें 54 कार्यरत हैं, 121 पद रिक्त हैं.

कैसे चलेगा शिक्षातंत्र -
जनपद में शिक्षकों की नहीं बल्कि प्रधानाध्यापकों की भी भारी कमी है. कमी के कारण बच्चों की शिक्षा प्रभावित हो रही है. जो अध्यापक कार्य कर रहे हैं उनके जिम्मे एक शिक्षकों पर 4 से 5 विषयों का भार है. जिससे अध्यापकों की शिक्षण पद्धति पर प्रभाव पड़ रहा है. अध्यापक विहीन इंटर कॉलेज की बात किया जाए तो कोन में राजकीय हाई स्कूल में कोई अध्यापक, प्रधानाचार्य या प्रवक्ता नही है, विद्यालय डीआईओएस की व्यवस्था के सहारे चल रहा है. राजकीय इंटर कालेज चपकी में केवल एक अध्यापिका हैं, जिनके सहारे पूरा इंटर कॉलेज चल रहा है. राजकीय इंटर कॉलेज सिरसिया ठकुराई में केवल दो या तीन अध्यापक हैं, कोई प्रधानाचार्य भी नहीं है.

इसे भी पढ़ें - हरदोई: बिना शिक्षक के चल रहा विद्यालय, शिक्षण कार्य पूर्णतया बंद

शिक्षकों की भारी कमी है जो भी शिक्षक हैं उन पर ज्यादा जिम्मेदारी पड़ती है. इससे व्यवस्था चरमरा रही है. विद्यालय स्तर पर हमें परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है.
- शैलेन्द्र चतुर्वेदी, जिलाध्यक्ष राजकीय शिक्षक संघ, सोनभद्र

शिक्षकों की कमी है. सरकार भर्ती प्रक्रिया चालू की है. कुछ कारणों से नियुक्ति नहीं हो पाई है.जल्द ही भर्ती प्रक्रिया पूरी कर ली जाएगी.
- फूल चंद्र यादव, जिला विद्यालय निरीक्षक, सोनभद्र

Intro:
स्पेशल

Anchor-सूबे की सरकार इन दिनों शिक्षकों पर खूब मेहरबान है यही कारण है कि शिक्षक दिवस पर प्रेरणा ऐप लॉन्च कर उनकी निगरानी करने का फैसला किया है। लेकिन जनपद सोनभद्र में 32 राजकीय हाईस्कूल व 12 राजकीय इंटर कॉलेजों,4 पंडित दीनदयाल राजकीय मांडल इंटर कालेजो में बड़े पैमाने पर या यूं कहे कि 80 प्रतिशत से अधिक प्रधानाचार्यो,सहायक अध्यापकों व प्रवक्ताओं की कमी के कारण लाखो बच्चो का भविष्य अंधकार में है,जो सरकार को दिखाई नही देता।इस संबंध में जिला विद्यालय निरीक्षक ने बताया कि जनपद सोनभद्र में कुल राजकीय हाई स्कूलों की संख्या 32 है।जिसमे 11 प्रधानाध्यापक कार्यरत है, 21 पद रिक्त पड़े है। सहायक अध्यापक के 202 पद हैं, 15 कार्यरत हैं,187 पद रिक्त हैं ।वही आगे सरकार का बचाव करते हुए बताया कि अध्यापक विहीन कोई विद्यालय नहीं है जहां अध्यापक नहीं है वहां आस-पास के इंटर कॉलेजों से अटैच करके विद्यालय संचालित किए जा रहे हैं। वहीं अगर राजकीय इंटर कॉलेजों की स्थिति देखा जाए तो कुल 12 इंटर कॉलेज हैं जिसमें केवल एक पद भरा है शेष 11 पद खाली हैं।एक राजकीय इंटर कॉलेज घोरावल में ही केवल प्रधानाध्यापक है। प्रवक्ता के कुल 125 पद हैं जिसमें केवल 21 प्रवक्ता कार्यरत हैं, 104 प्रवक्ताओं के पद रिक्त हैं ।सहायक अध्यापक के 175 पद हैं ,जिसमें 54 कार्यरत हैं,121 पद रिक्त है। आप स्वयं अंदाजा लगा सकते हैं कि हमारे यहां कुल 80प्रतिशत से अधिक शिक्षकों के पद रिक्त हैं। ऐसे में शिक्षण कार्य करना बहुत कठिन है ।वही आगे बताया कि सरकार की मंशा है कि हर विद्यालयों में अध्यापकों की नियुक्ति हो और भर्ती की प्रक्रिया भी चल रही है ,लेकिन कतिपय कारणों से नियुक्तियां नहीं हो पा रही हैं। यह पद लगातार 3 वर्षों से खाली चले आ रहे हैं, जिससे बच्चों के भविष्य पर प्रभाव पड़ रहा है।



Body:Vo1-जनपद सोनभद्र देश के 115 व प्रदेश के 8 अति पिछड़े जनपद में सामिल होने के नाते सरकार यहां बिजली,पानी,स्वास्थ्य,शिक्षा जैसी मूलभूत आवश्यकताओं पर गम्भीर है,जिसको लेकर तमाम योगजनाये संचालित हो रही है लेकिन यहां के राजकीय विद्यालयो की स्थिति काफी दयनीय है या यूं कहें वेंटिलेटर पर आखिरी सांस गिन रहा है। जनपद सोनभद्र में 32 राजकीय हाईस्कूल व 12 राजकीय इंटर कॉलेजों,4 पंडित दीनदयाल राजकीय मांडल इंटर कालेजो में बड़े पैमाने पर या यूं कहे कि 80 प्रतिशत से अधिक प्रधानाचार्यो,सहायक अध्यापकों व प्रवक्ताओं की कमी के कारण लाखो बच्चो का भविष्य अंधकार में है,जो सरकार को दिखाई नही देता।
जनपद में शिक्षकों की भारी कमी है ना सिर्फ शिक्षकों की बल्कि प्रधानाध्यापको की भी भारी कमी है। कमी के कारण बच्चों की शिक्षा प्रभावित हो रही है। जो अध्यापक कार्य कर रहे हैं उनके जिम्मे एक शिक्षकों पर 4 से 5 विषयों का भार है जिससे अध्यापकों की शिक्षण पद्धति पर प्रभाव पड़ता है।अध्यापक विहीन इंटर कॉलेज की बात किया जाए तो कोन में राजकीय हाई स्कूल में कोई अध्यापक,प्रधानाचार्य या प्रवक्ता नही है ,डीआईओएस की व्यवस्था के सहारे चल रहा है।राजकीय इंटर कालेज चपकी में केवल एक अध्यापिका है,जिसके सहारे पूरा इंटर कालेज चल रहा है।राजकीय इंटर कालेज सिरसिया ठकुराई में केवल 2 या तीन अध्यापक है, कोई प्रधानाचार्य भी नही है।विद्यालय स्तर पर परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है।हमारी मांग है कि यथा सीघ्र प्रत्येक विद्यालयो में अध्यापकों की नियुक्ति की जाय।अगर यह संभव नही है तो 50 प्रतिशत ही अध्यापकों की प्रत्येक विद्यालयो में नियुक्ति की जाय।



Byte-शैलेन्द्र चतुर्वेदी(जिलाध्यक्ष राजकीय शिक्षक संघ,सोनभद्र)


Conclusion:Vo2- इस संबंध में जिला विद्यालय निरीक्षक ने बताया कि जनपद सोनभद्र में कुल राजकीय हाई स्कूलों की संख्या 32 है।जिसमे 11 प्रधानाध्यापक कार्यरत है 21 पद रिक्त पड़े है। सहायक अध्यापक के 202 पद हैं 15 कार्यरत हैं और 187 पद रिक्त हैं ।वही आगे सरकार का बचाव करते हुए बताया कि अध्यापक विहीन कोई विद्यालय नहीं है जहां अध्यापक नहीं है वहां आस-पास के इंटर कॉलेजों से अटैच करके विद्यालय संचालित किए जा रहे हैं। वहीं अगर राजकीय इंटर कॉलेजों की स्थिति देखा जाए तो कुल 12 इंटर कॉलेज हैं जिसमें प्रिंसिपल के 12 पद हैं उसमें से केवल एक पद भरा है शेष 11 पद खाली हैं।एक राजकीय इंटर कॉलेज घोरावल में ही केवल प्रधानाध्यापक है। प्रवक्ता के कुल 125 पद हैं, जिसमें केवल 21 प्रवक्ता कार्यरत हैं 104 प्रवक्ताओं के पद रिक्त हैं ।सहायक अध्यापक के 175 पद हैं जिसमें 54 कार्यरत हैं,121 पड़ रक्त है। पंडित दीनदयाल राजकीय मांडल इंटर कालेज 4 है जिसमें प्रधानाध्यापक के 4 स्वीकृत पदों में से सभी खाली है।वही प्रवक्ता के 40 स्वीकृत पदों में कार्यरत अध्यापकों की संख्या शून्य है।सहायक अध्यापकों के 28 स्वीकृत पद है जिसमे मात्र 2 अध्यापक ही कार्यरत है,26 पद रिक्त पड़े है।कमोवेश यही हाल अशासकीय सहायता प्राप्त विद्यालयो का है, जिनकी संख्या जनपद में 10 है, जिसमे प्रधानाध्यापक के 10 पदों में सभी खाली है,प्रवक्ता के पद 15 है जिसमे 12 कार्यरत है।सहायक अध्यापकों के पद 128 है जिसमे 75 सहायक अध्यापक कार्यरत है।आप स्वयं अंदाजा लगा सकते हैं कि हमारे यहां कुल 80प्रतिशत से अधिक पद रिक्त हैं। ऐसे में शिक्षण कार्य करना बहुत कठिन है ।वही आगे बताया कि सरकार की मंशा है कि हर विद्यालयों में अध्यापकों की नियुक्ति हो और भर्ती की प्रक्रिया भी चल रही है लेकिन कतिपय कारणों से नियुक्तियां नहीं हो पा रही हैं। यह पद लगातार 3 वर्षों से खाली चले आ रहे हैं, जिससे बच्चों के भविष्य पर प्रभाव पड़ रहा है।


Byte-फूल चंद्र यादव(जिला विद्यालय निरीक्षक,सोनभद्र)



चन्द्रकान्त मिश्रा
सोनभद्र
मो0 9450323031
Last Updated : Sep 17, 2020, 4:13 PM IST
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