ETV Bharat / state

सोनभद्र: ओबरा रोडवेज डिपो पर अवैध कब्जा, सड़क पर खड़ी होती हैं बसें

सोनभद्र में ओबरा क्षेत्र में परिवहन विभाग की करोड़ों रुपये मूल्य की 5 बीघा जमीन पर अवैध कब्जा किया हुआ है. एसडीएम कोर्ट की बेदखली के बावजूद भी प्रशासन अवैध कब्जा नहीं हटवा पा रहा है. इसके चलते बसें रोडवेज डिपो के बाहर सड़क पर खड़ी की जा रही हैं.

सोनभद्र.
सोनभद्र.
author img

By

Published : Jun 22, 2022, 12:01 PM IST

Updated : Jun 22, 2022, 12:09 PM IST

सोनभद्र: एक तरफ जहां सरकारी जमीन को अवैध कब्जे से मुक्त कराना शासन की प्राथमिकता है और अवैध कब्जे वाली जमीनों पर बुलडोजर भी गरज रहे हैं, मगर ओबरा क्षेत्र में परिवहन विभाग की करोड़ों रुपये मूल्य की 5 बीघा जमीन पर अवैध कब्जा किया हुआ है. एसडीएम कोर्ट की बेदखली के बावजूद भी प्रशासन अवैध कब्जा नहीं हटवा सका और बीच सड़क पर ही रोडवेज डिपो के बाहर ही बसें खड़ी हो रही हैं. वहीं, गलत दस्तावेजों के आधार पर अवैध कब्जा धारक न्यायालय की शरण में हैं.

परिवहन निगम के सहायक क्षेत्रीय प्रबंधक उमाशंकर पति त्रिपाठी ने बताया कि ओबरा तहसील क्षेत्र में डिपो के निर्माण के लिए वर्ष 1981 में 5 बीघा 15 बिस्वा जमीन की रजिस्ट्री विद्युत बोर्ड से कराई गई थी. वर्ष 2018 में रजिस्ट्री की हुई जमीन की दाखिल खारिज भी हो गई, मगर डिपो के निर्माण में देरी होने के कारण धीरे-धीरे पूरी जमीन पर अवैध कब्जा धारक काबिज हो गए और दुकानों का निर्माण कर लिया. पर्याप्त सुरक्षा बल के अभाव में परिवहन निगम अतिक्रमण खाली नहीं करा सका बाद में किसी प्रकार 15 बिस्वा जमीन तो अवैध कब्जों से मुक्त हो गई, लेकिन 5 बीघा जमीन अभी भी अवैध कब्जे में है।. इसकी शिकायत पर पूर्व एसडीएम यमुनाधर चौहान ने अवैध कब्जा हटाने का भी आदेश दिया था किंतु अब मामला न्यायालय में है.

जानकारी देते एआरएम उमाशंकर पति त्रिपाठी.

परिवहन निगम के एआरएम उमाशंकर पति त्रिपाठी के अनुसार वर्ष 2019 में एसडीएम कोर्ट ने निगम की जमीन से अवैध कब्जा धारकों को बेदखल करने का आदेश जारी किया था, मगर अतिक्रमणकारियों ने न्यायालय में पुनर्विचार याचिका दायर की है और न्यायालय ने पूरे मामले की फिर से जांच करने का आदेश दिया है. इसी आदेश की आड़ में अवैध कब्जा धारक अब डिपो के अंदर रोडवेज बसों को प्रवेश नहीं करने देते, जिसके चलते मजबूरन बसों को सड़क पर ही खड़ा किया जा रहा है.

इसे भी पढे़ं- शामली: परिवहन विभाग के अवैध बस डिपो से मौत बनकर निकली थी रोडवेज बस

सोनभद्र: एक तरफ जहां सरकारी जमीन को अवैध कब्जे से मुक्त कराना शासन की प्राथमिकता है और अवैध कब्जे वाली जमीनों पर बुलडोजर भी गरज रहे हैं, मगर ओबरा क्षेत्र में परिवहन विभाग की करोड़ों रुपये मूल्य की 5 बीघा जमीन पर अवैध कब्जा किया हुआ है. एसडीएम कोर्ट की बेदखली के बावजूद भी प्रशासन अवैध कब्जा नहीं हटवा सका और बीच सड़क पर ही रोडवेज डिपो के बाहर ही बसें खड़ी हो रही हैं. वहीं, गलत दस्तावेजों के आधार पर अवैध कब्जा धारक न्यायालय की शरण में हैं.

परिवहन निगम के सहायक क्षेत्रीय प्रबंधक उमाशंकर पति त्रिपाठी ने बताया कि ओबरा तहसील क्षेत्र में डिपो के निर्माण के लिए वर्ष 1981 में 5 बीघा 15 बिस्वा जमीन की रजिस्ट्री विद्युत बोर्ड से कराई गई थी. वर्ष 2018 में रजिस्ट्री की हुई जमीन की दाखिल खारिज भी हो गई, मगर डिपो के निर्माण में देरी होने के कारण धीरे-धीरे पूरी जमीन पर अवैध कब्जा धारक काबिज हो गए और दुकानों का निर्माण कर लिया. पर्याप्त सुरक्षा बल के अभाव में परिवहन निगम अतिक्रमण खाली नहीं करा सका बाद में किसी प्रकार 15 बिस्वा जमीन तो अवैध कब्जों से मुक्त हो गई, लेकिन 5 बीघा जमीन अभी भी अवैध कब्जे में है।. इसकी शिकायत पर पूर्व एसडीएम यमुनाधर चौहान ने अवैध कब्जा हटाने का भी आदेश दिया था किंतु अब मामला न्यायालय में है.

जानकारी देते एआरएम उमाशंकर पति त्रिपाठी.

परिवहन निगम के एआरएम उमाशंकर पति त्रिपाठी के अनुसार वर्ष 2019 में एसडीएम कोर्ट ने निगम की जमीन से अवैध कब्जा धारकों को बेदखल करने का आदेश जारी किया था, मगर अतिक्रमणकारियों ने न्यायालय में पुनर्विचार याचिका दायर की है और न्यायालय ने पूरे मामले की फिर से जांच करने का आदेश दिया है. इसी आदेश की आड़ में अवैध कब्जा धारक अब डिपो के अंदर रोडवेज बसों को प्रवेश नहीं करने देते, जिसके चलते मजबूरन बसों को सड़क पर ही खड़ा किया जा रहा है.

इसे भी पढे़ं- शामली: परिवहन विभाग के अवैध बस डिपो से मौत बनकर निकली थी रोडवेज बस

Last Updated : Jun 22, 2022, 12:09 PM IST
ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.