सोनभद्र: जिले में जनवरी के प्रथम सप्ताह में ही धान की खरीद का लक्ष्य पूरा हो गया है लेकिन इसके बावजूद किसानों को मायूस होना पड़ रहा है. दरअसल किसानों को धान बेचने के बाद भी उसका भुगतान नहीं मिल रहा है और अधिकारियों के चक्कर काटने पड़ रहे हैं. जबकि धान खरीदने के 72 घंटे से लेकर अधिकतम 7 दिन के अंदर भुगतान हो जाना चाहिए.
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अभी तक कुल मिला कर एक लाख 24 हजार आठ सौ मीट्रिक टन धान की खरीद हो चुकी है. जोकि निर्धारित लक्ष्य की 110 प्रतिशत खरीदारी हुई है, लेकिन भुगतान के मामले में सरकार पिछड़ती नजर आ रही हैं. जिससे किसानों को खासी दिक्कत का सामना करना पड़ रहा है. किसानो का कहना है भुगतान न आने की वजह से हमारे गेहूं की खेती पर इसका असर पड़ेगा.
15 दिसंबर को मैंने कुल 60 कुंटल 80 किलो बेचा था. उसका भुगतान अभी तक नहीं हुआ. हमने 1076 पर मुख्यमंत्री हेल्पलाइन पर फोन भी किया था, लेकिन आज तक कुछ नहीं हुआ. अधिकारी कह रहे हैं लखनऊ से कोई गड़बड़ी है. जिसकी वजह से पैसा नहीं आ पा रहा है.
प्रभु पाल सिंह मौर्य, किसान
शुरू में केवल खाद विभाग ही पीएफएमएस भुगतान कर रहा था. शेष एजेंसियां आरटीजीएस के माध्यम से भुगतान करती थी. अब सभी एजेंसी को पीएफएमएस से भुगतान करना है. उसकी तैयारी के लिए कुछ समय लगता है. डिजिटल सिग्नेचर आज बनवाना पड़ता है. जिसकी वजह से थोड़ा विलंब हो गया है. जिलाधिकारी की ओर से उच्च स्तर पर भी पत्र प्रेषित किया गया है. भुगतान शीघ्र ही आएगा
देवेंद्र प्रताप सिंह, जिला खाद्य एवं विपणन अधिकारी