ETV Bharat / state

बिजली कर्मचारियों ने प्रदेशभर में किया प्रदर्शन, 48 घण्टे तक कार्य किया बहिष्कृत

पीएफ घोटाले को लेकर बिजली विभाग के कर्मचारियों ने सोमवार को प्रदेश भर में 48 घण्टे अपना कार्य बहिष्कृत कर सरकार के खिलाफ धरना प्रदर्शन किया. प्रदर्शनकारी कर्मचारियों का कहना है कि अगर उनकी मांगें नहीं मानी गईं तो वह प्रदर्शन का समय काल और अधिक करेंगे.

बिजली कर्मचारियों ने किया विरोध प्रदर्शन
author img

By

Published : Nov 18, 2019, 11:32 PM IST

Updated : Sep 17, 2020, 4:13 PM IST

सोनभद्र: पीएफ घोटाले को लेकर प्रदेश भर में बिजली विभाग के कर्मचारी प्रदर्शन कर अपना विरोध जता रहे हैं. संयुक्त संघर्ष समिति ने जीपीएफ, सीपीएफ और ईपीएफ धनराशि के घोटाले को लेकर विद्युत कर्मचारियों ने सोमवार को 48 घंटे का कार्य बहिष्कार करते हुए अधिशासी अभियंता कार्यालय पर प्रदर्शन किया.

वहीं सहारनपुर जिले में विद्युत कर्मचारियों ने संयुक्त संघर्ष समिति उत्तर प्रदेश के तत्वाधान में धरना प्रदर्शन किया. यहां पर भी कर्मचारियों ने फंड में हुई अनियमितता के विरोध में 48 घण्टे का कार्य बहिष्कार किया. बरेली जिले की बात करें तो बिजली विभाग के कर्मचारियों ने चीफ इंजीनियर ऑफिस के सामने सरकार के खिलाफ प्रदर्शन किया.

कर्मचारियों ने 48 घण्टे तक कार्य किया बहिष्कृत.

बदायूं जिले में भी पीएफ घोटाले को लेकर सोमवार को कर्मचारी एसोसिएशन ने 48 घण्टे काम बंद कर हड़ताल कर दी है. कर्मचारियों का कहना है कि अगर उनकी मांगें नहीं पूरी हुई तो ऑफिशियल स्टाफ ही नहीं आगे ऑपरेशनल स्टाफ भी इस प्रदर्शन में शामिल हो जाएंगे.

18 और 19 नवंबर को कार्य किया बहिष्कृत
प्रदर्शनकारी कर्मचारियों का कहना था कि पीएफ घोटाले को लेकर 14 नवंबर को लखनऊ में जबरदस्त रैली निकालकर अपनी मांगों को लेकर सरकार को झुकने को मजबूर किया था, जिस पर 16 नवम्बर को प्रबंधन और संघर्ष समिति के बीच द्विपक्षीय वार्ता हुई, जिसमें प्रबंधन ने धनराशि के बारे में स्पष्ट आदेश न करके गुमराह करने का काम किया है. अब 18 और 19 नवंबर को कार्य बहिष्कार करके विद्युत कर्मचारी अपनी एकता के दम पर सरकार से अपनी बात मनवाने में जरूर सफल होंगे.

इसे भी पढ़ें:- सोनभद्र में राफेल मुद्दे पर भाजपा कार्यकर्ताओं का कांग्रेस के खिलाफ प्रदर्शन

गजट नोटिफिकेशन जारी करे सरकार
सोमवार को विद्युत कर्मचारी संयुक्त संघर्ष समिति के कर्मचारियों ने अधीक्षण अभियंता और अधिशासी अभियंता के कार्यालय पर ताला जड़कर कार्य बहिष्कार किया. इस कार्य बहिष्कार में कर्मचारियों का कहना है कि जीपीएफ, सीपीएफ और ईपीएफ के भुगतान का उत्तर दायित्व सरकार ले और उसका गजट नोटिफिकेशन भी जारी किया जाए.

घोटाले के आरोपियों को बर्खास्त किया जाए
इसके साथ घोटाले में दोषी आईएएस अधिकारियों को बर्खास्त कर उन्हें गिरफ्तार करने और जीपीएफ, सीपीएफ निवेश के संबंध में सरकार से श्वेत पत्र जारी किया जाए. इस कार्य बहिष्कार में संयुक्त रूप से अधिकारियों और कर्मचारियों से अपील किया कि प्रबंधन और सरकार की हठधर्मिता से उत्पन्न स्थिति को देखते हुए दो दिन का कार्य बहिष्कार किया जा रहा है.

इसे भी पढ़ें:- सोनभद्रः त्रिवेणी एक्सप्रेस रद्द होने पर यात्रियों ने जमकर काटा बवाल

सारे कर्मचारियों का 41 सौ करोड़ रुपये का जीपीएफ और सीपीएफ का पैसा एक दिवालिया भ्रष्ट कंपनी बीएचएफएल में भ्रष्टाचार में लिप्त अधिकारियों ने लगा दिया, जिसमें से 23 सौ करोड़ रुपये डूब गया. ना तो उन भ्रष्ट अधिकारियों के खिलाफ सरकार ने कार्रवाई की और न ही पैसेकी वापस की गारंटी दे रही है.
-सर्वेश सिंह, अधिशाषी अभियंता, विद्युत वितरण खंड,राबर्ट्सगंज

सहारनपुर में विभाग कर्मचारियों ने किया प्रदर्शन
जिले के घंटाघर पर स्थित उत्तर प्रदेश पावर कॉरपोरेशन लिमिटेड कार्यालय परिसर में संयुक्त संघर्ष समिति उत्तर प्रदेश के आह्वान पर समस्त कर्मचारी संघ ने भविष्य निधि के फंड में हुई अनियमितता के विरोध में प्रदर्शन करते हुए 48 घण्टे का कार्य बहिष्कार कर विरोध प्रदर्शन जताया.

भविष्य निधि फंड में हुई अनियमितता में किया विरोध.

कार्य बहिष्कार में विद्युत विभाग के अभियंताओं और समस्त कर्मचारियों ने बढ़ चढ़कर हिस्सा लिया. पूर्व सूचना के पश्चात भी उत्तर प्रदेश सरकार/ प्रबंधन शक्ति भवन लखनऊ ने सोमवार को उपभोक्ताओं और जन सुविधा की समस्याओं के समाधान हेतु कोई भी कार्रवाई नहीं की, जिसका संयुक्त संघर्ष समिति ने विरोध किया.

इसे भी पढ़ें:- लखनऊः वीडियो कांफ्रेंसिंग से फसल उत्पादन के आधुनिक तरीकों से रूबरू होंगे यूपी के किसान

हमारी मुख्य मांगें हैं कि उत्तर प्रदेश पावर कॉरपोरेशन में जो उच्च प्रबंधन ने 4000 करोड़ रुपए का पीएफ घोटाला किया है, उसमें घोटाले की धनराशि शीघ्र वापस की जाए और भविष्य में जो पीएफ संबंधित खाते हैं उनकी सुरक्षा व्यवस्था की जाए. अगर हमारी मांगें पूरी नहीं की गईं तो हम अनिश्चितकालीन धरना देंगे.
-अजय कुमार, टीजीटू अधिकारी

बरेली में विभाग कर्मचारियों ने किया प्रदर्शन
पीएफ घोटाले के विरोध में बिजली अफसरों ने सोमवार को चीफ इंजीनियर ऑफिस के सामने धरना प्रदर्शन किया. प्रदर्शनकारियों का कहना है कि उनका कार्य बहिष्कार 48 घंटे तक जारी रहेगा. धरने में एसडीओ-जेई से लेकर अधीक्षण अभियंता ने कलम बंद कार्य बहिष्कार किया. उन्होंने पीएफ घोटाले में दूध का दूध और पानी का पानी होने तक कार्य बहिष्कार करने की चेतावनी दी है.

चीफ इंजीनियर ऑफिस के सामने किया प्रदर्शन.

अधीक्षण अभियंता रंजीत सिंह चौधरी ने कहा कि पीएफ घोटाले में अफसर और कर्मचारियों को बेवजह फंसाया जा रहा है. शासन स्तर से निष्पक्षता से जांच कराने की मांग की जा रही है. साथ ही इंजीनियरों की पदोन्नति लंबे समय से लंबित चल रही है. सरकार बिजली अभियंता पर नजर रखती है, लेकिन निजी करण स्तर से की जा रही गड़बड़ी पर कारर्वाई नहीं करती है.

इसे भी पढ़ें:- बीजेपी ने कांग्रेस के खिलाफ प्रदेश भर में किया प्रदर्शन, कहा- राहुल गांधी सर्वजनिक रूप से मांगे माफी

इस आंदोलन के चलते शहर में यदि कोई लंबा फाल्ट होता है तो लोगों को अंधेरे में रहना पड़ सकता है. सब स्टेशन फीडरो में तैनात संविदा कर्मचारी लोकल फाल्ट होता है तो संविदा कर्मचारी दुरस्त कर सकते हैं. ट्रांसमिशन या एचडी लाइन से फाल्ट होने पर जेई और अभियंताओं का सहयोग लिया जाता है. हड़ताल के चलते न तो जेई काम करेंगे और न ही एक्सईएन.
-रंजीत चौधरी, अधीक्षण अभियंता

बदायूं में विभाग कर्मचारियों ने किया प्रदर्शन
विद्युत विभाग के कर्मचारियों ने पीएफ घोटाले को लेकर 48 घंटे की काम बंद हड़ताल कर दी है. इस दौरान कर्मचारियों ने जमकर नारेबाजी भी की. कर्मचारी यूनियन के नेताओं ने कहा कि जल्द ही घोटालवाजों को पकड़ा जाए, जिन्होंने हमारी मेहनत की कमाई को उड़ा दिया. हमारी मांग है कि हमारे पीएफ के पैसे को सरकार नोटिफिकेशन जारी करके कहे कि सरकार हमारा पैसा देगी.

पीएफ घोटाले पर कर्मचारियों ने किया विरोध प्रदर्शन.

वहीं कर्मचारी यूनियन के नेताओं का कहना है कि अगर हमारी मांगें जल्द पूरी नहीं हुईं तो अभी तो सिर्फ 48 घंटे का ही बन्द है, आने वाले दिनों में हम इससे भी बड़ा प्रदर्शन करेंगे, जिसमें हमारा ऑपरेशनल स्टाफ भी शामिल होगा.

इसे भी पढ़ें:- बदायूं: राशन न मिलने से परेशान लोगों ने जमकर किया हंगामा


हमारी प्रमुख मांग है कि सरकार नोटिफिकेशन जारी करके कहे कि हमारा पैसा वह हमें देगी. अभी यह धरना प्रदर्शन 48 घंटे का है, जिसमें ऑफिसियल स्टाफ ही शामिल है, ऑपरेशनल स्टाफ अपनी ड्यूटी पर तैनात हैं. अगर हमारी मांगें नहीं मानी गईं तो आगे व्यापक प्रदर्शन होगा, जिसमें ऑपरेशनल स्टाफ और इमरजेंसी ड्यूटी पर तैनात स्टाफ भी शामिल होगा.
-नीरज कुमार, अधिशासी अभियंता

इसे भी पढ़ें:- बदायूं: विद्युत लाइन का तार टूटने से जली गन्ने की फसल

सोनभद्र: पीएफ घोटाले को लेकर प्रदेश भर में बिजली विभाग के कर्मचारी प्रदर्शन कर अपना विरोध जता रहे हैं. संयुक्त संघर्ष समिति ने जीपीएफ, सीपीएफ और ईपीएफ धनराशि के घोटाले को लेकर विद्युत कर्मचारियों ने सोमवार को 48 घंटे का कार्य बहिष्कार करते हुए अधिशासी अभियंता कार्यालय पर प्रदर्शन किया.

वहीं सहारनपुर जिले में विद्युत कर्मचारियों ने संयुक्त संघर्ष समिति उत्तर प्रदेश के तत्वाधान में धरना प्रदर्शन किया. यहां पर भी कर्मचारियों ने फंड में हुई अनियमितता के विरोध में 48 घण्टे का कार्य बहिष्कार किया. बरेली जिले की बात करें तो बिजली विभाग के कर्मचारियों ने चीफ इंजीनियर ऑफिस के सामने सरकार के खिलाफ प्रदर्शन किया.

कर्मचारियों ने 48 घण्टे तक कार्य किया बहिष्कृत.

बदायूं जिले में भी पीएफ घोटाले को लेकर सोमवार को कर्मचारी एसोसिएशन ने 48 घण्टे काम बंद कर हड़ताल कर दी है. कर्मचारियों का कहना है कि अगर उनकी मांगें नहीं पूरी हुई तो ऑफिशियल स्टाफ ही नहीं आगे ऑपरेशनल स्टाफ भी इस प्रदर्शन में शामिल हो जाएंगे.

18 और 19 नवंबर को कार्य किया बहिष्कृत
प्रदर्शनकारी कर्मचारियों का कहना था कि पीएफ घोटाले को लेकर 14 नवंबर को लखनऊ में जबरदस्त रैली निकालकर अपनी मांगों को लेकर सरकार को झुकने को मजबूर किया था, जिस पर 16 नवम्बर को प्रबंधन और संघर्ष समिति के बीच द्विपक्षीय वार्ता हुई, जिसमें प्रबंधन ने धनराशि के बारे में स्पष्ट आदेश न करके गुमराह करने का काम किया है. अब 18 और 19 नवंबर को कार्य बहिष्कार करके विद्युत कर्मचारी अपनी एकता के दम पर सरकार से अपनी बात मनवाने में जरूर सफल होंगे.

इसे भी पढ़ें:- सोनभद्र में राफेल मुद्दे पर भाजपा कार्यकर्ताओं का कांग्रेस के खिलाफ प्रदर्शन

गजट नोटिफिकेशन जारी करे सरकार
सोमवार को विद्युत कर्मचारी संयुक्त संघर्ष समिति के कर्मचारियों ने अधीक्षण अभियंता और अधिशासी अभियंता के कार्यालय पर ताला जड़कर कार्य बहिष्कार किया. इस कार्य बहिष्कार में कर्मचारियों का कहना है कि जीपीएफ, सीपीएफ और ईपीएफ के भुगतान का उत्तर दायित्व सरकार ले और उसका गजट नोटिफिकेशन भी जारी किया जाए.

घोटाले के आरोपियों को बर्खास्त किया जाए
इसके साथ घोटाले में दोषी आईएएस अधिकारियों को बर्खास्त कर उन्हें गिरफ्तार करने और जीपीएफ, सीपीएफ निवेश के संबंध में सरकार से श्वेत पत्र जारी किया जाए. इस कार्य बहिष्कार में संयुक्त रूप से अधिकारियों और कर्मचारियों से अपील किया कि प्रबंधन और सरकार की हठधर्मिता से उत्पन्न स्थिति को देखते हुए दो दिन का कार्य बहिष्कार किया जा रहा है.

इसे भी पढ़ें:- सोनभद्रः त्रिवेणी एक्सप्रेस रद्द होने पर यात्रियों ने जमकर काटा बवाल

सारे कर्मचारियों का 41 सौ करोड़ रुपये का जीपीएफ और सीपीएफ का पैसा एक दिवालिया भ्रष्ट कंपनी बीएचएफएल में भ्रष्टाचार में लिप्त अधिकारियों ने लगा दिया, जिसमें से 23 सौ करोड़ रुपये डूब गया. ना तो उन भ्रष्ट अधिकारियों के खिलाफ सरकार ने कार्रवाई की और न ही पैसेकी वापस की गारंटी दे रही है.
-सर्वेश सिंह, अधिशाषी अभियंता, विद्युत वितरण खंड,राबर्ट्सगंज

सहारनपुर में विभाग कर्मचारियों ने किया प्रदर्शन
जिले के घंटाघर पर स्थित उत्तर प्रदेश पावर कॉरपोरेशन लिमिटेड कार्यालय परिसर में संयुक्त संघर्ष समिति उत्तर प्रदेश के आह्वान पर समस्त कर्मचारी संघ ने भविष्य निधि के फंड में हुई अनियमितता के विरोध में प्रदर्शन करते हुए 48 घण्टे का कार्य बहिष्कार कर विरोध प्रदर्शन जताया.

भविष्य निधि फंड में हुई अनियमितता में किया विरोध.

कार्य बहिष्कार में विद्युत विभाग के अभियंताओं और समस्त कर्मचारियों ने बढ़ चढ़कर हिस्सा लिया. पूर्व सूचना के पश्चात भी उत्तर प्रदेश सरकार/ प्रबंधन शक्ति भवन लखनऊ ने सोमवार को उपभोक्ताओं और जन सुविधा की समस्याओं के समाधान हेतु कोई भी कार्रवाई नहीं की, जिसका संयुक्त संघर्ष समिति ने विरोध किया.

इसे भी पढ़ें:- लखनऊः वीडियो कांफ्रेंसिंग से फसल उत्पादन के आधुनिक तरीकों से रूबरू होंगे यूपी के किसान

हमारी मुख्य मांगें हैं कि उत्तर प्रदेश पावर कॉरपोरेशन में जो उच्च प्रबंधन ने 4000 करोड़ रुपए का पीएफ घोटाला किया है, उसमें घोटाले की धनराशि शीघ्र वापस की जाए और भविष्य में जो पीएफ संबंधित खाते हैं उनकी सुरक्षा व्यवस्था की जाए. अगर हमारी मांगें पूरी नहीं की गईं तो हम अनिश्चितकालीन धरना देंगे.
-अजय कुमार, टीजीटू अधिकारी

बरेली में विभाग कर्मचारियों ने किया प्रदर्शन
पीएफ घोटाले के विरोध में बिजली अफसरों ने सोमवार को चीफ इंजीनियर ऑफिस के सामने धरना प्रदर्शन किया. प्रदर्शनकारियों का कहना है कि उनका कार्य बहिष्कार 48 घंटे तक जारी रहेगा. धरने में एसडीओ-जेई से लेकर अधीक्षण अभियंता ने कलम बंद कार्य बहिष्कार किया. उन्होंने पीएफ घोटाले में दूध का दूध और पानी का पानी होने तक कार्य बहिष्कार करने की चेतावनी दी है.

चीफ इंजीनियर ऑफिस के सामने किया प्रदर्शन.

अधीक्षण अभियंता रंजीत सिंह चौधरी ने कहा कि पीएफ घोटाले में अफसर और कर्मचारियों को बेवजह फंसाया जा रहा है. शासन स्तर से निष्पक्षता से जांच कराने की मांग की जा रही है. साथ ही इंजीनियरों की पदोन्नति लंबे समय से लंबित चल रही है. सरकार बिजली अभियंता पर नजर रखती है, लेकिन निजी करण स्तर से की जा रही गड़बड़ी पर कारर्वाई नहीं करती है.

इसे भी पढ़ें:- बीजेपी ने कांग्रेस के खिलाफ प्रदेश भर में किया प्रदर्शन, कहा- राहुल गांधी सर्वजनिक रूप से मांगे माफी

इस आंदोलन के चलते शहर में यदि कोई लंबा फाल्ट होता है तो लोगों को अंधेरे में रहना पड़ सकता है. सब स्टेशन फीडरो में तैनात संविदा कर्मचारी लोकल फाल्ट होता है तो संविदा कर्मचारी दुरस्त कर सकते हैं. ट्रांसमिशन या एचडी लाइन से फाल्ट होने पर जेई और अभियंताओं का सहयोग लिया जाता है. हड़ताल के चलते न तो जेई काम करेंगे और न ही एक्सईएन.
-रंजीत चौधरी, अधीक्षण अभियंता

बदायूं में विभाग कर्मचारियों ने किया प्रदर्शन
विद्युत विभाग के कर्मचारियों ने पीएफ घोटाले को लेकर 48 घंटे की काम बंद हड़ताल कर दी है. इस दौरान कर्मचारियों ने जमकर नारेबाजी भी की. कर्मचारी यूनियन के नेताओं ने कहा कि जल्द ही घोटालवाजों को पकड़ा जाए, जिन्होंने हमारी मेहनत की कमाई को उड़ा दिया. हमारी मांग है कि हमारे पीएफ के पैसे को सरकार नोटिफिकेशन जारी करके कहे कि सरकार हमारा पैसा देगी.

पीएफ घोटाले पर कर्मचारियों ने किया विरोध प्रदर्शन.

वहीं कर्मचारी यूनियन के नेताओं का कहना है कि अगर हमारी मांगें जल्द पूरी नहीं हुईं तो अभी तो सिर्फ 48 घंटे का ही बन्द है, आने वाले दिनों में हम इससे भी बड़ा प्रदर्शन करेंगे, जिसमें हमारा ऑपरेशनल स्टाफ भी शामिल होगा.

इसे भी पढ़ें:- बदायूं: राशन न मिलने से परेशान लोगों ने जमकर किया हंगामा


हमारी प्रमुख मांग है कि सरकार नोटिफिकेशन जारी करके कहे कि हमारा पैसा वह हमें देगी. अभी यह धरना प्रदर्शन 48 घंटे का है, जिसमें ऑफिसियल स्टाफ ही शामिल है, ऑपरेशनल स्टाफ अपनी ड्यूटी पर तैनात हैं. अगर हमारी मांगें नहीं मानी गईं तो आगे व्यापक प्रदर्शन होगा, जिसमें ऑपरेशनल स्टाफ और इमरजेंसी ड्यूटी पर तैनात स्टाफ भी शामिल होगा.
-नीरज कुमार, अधिशासी अभियंता

इसे भी पढ़ें:- बदायूं: विद्युत लाइन का तार टूटने से जली गन्ने की फसल

Intro:Anchor- विद्युत कर्मचारी संयुक्त संघर्ष समिति ने जीपीएफ,सीपीएफ व ईपीएफ धनराशि के घोटाले को लेकर आज 48 घंटे का कार्य बहिष्कार करते हुए अधिशासी अभियंता कार्यालय पर ताला लगाकर कार्य बहिष्कार किया।इस दौरान कर्मचारियों का कहना था कि पीएफ़ घोटाले को लेकर 14 नवंबर को लखनऊ में जबरजस्त रैली निकालकर अपनी मांगों को लेकर सरकार को झुकने को मजबूर किया था, जिस पर 16 नवम्बर को प्रबंधन और संघर्ष समिति के बीच द्विपक्षीय वार्ता हुई। जिसमें प्रबंधन ने धनराशि के बारे में स्पष्ट आदेश ना करके गुमराह करने का काम किया है। 18 और 19 नवंबर को कार्य बहिष्कार करके विद्युत कर्मचारी अपनी एकता के दम पर सरकार से अपनी बात मनवाने में जरूर सफल होंगे।





Body:Vo1- सोनभद्र में आज अधीक्षण अभियंता और अधिशासी अभियंता कार्यालय पर विद्युत कर्मचारी संयुक्त संघर्ष समिति के कर्मचारियों ने ताला जड़कर कार्य बहिष्कार किया। इस कार्य बहिष्कार में कर्मचारियों कम ने जीपीएफ,सीपीएफ और ईपीएफ के भुगतान का उत्तर दायित्व सरकार ले और उसका गजट नोटिफिकेशन जारी करने का मांग किया। इसके साथ घोटाले में दोषी आईएएस अधिकारियों को बर्खास्त कर उन्हें गिरफ्तार करने तथा जीपीएफ,सीपीएफ निवेश के संबंध में सरकार से श्वेत पत्र जारी करने की मांग किया।इस कार्य बहिष्कार में संयुक्त रूप से अधिकारियों एवं कर्मचारियों से अपील किया की प्रबंधन तथा सरकार की हठधर्मिता से उत्पन्न स्थिति को देखते हुए दो दिन का कार्य बहिष्कार किया जा रहा है। इस कार्य बहिष्कार में जिले के कोने-कोने से समस्त कार्य को छोड़कर सुबह 10:00 बजे से अधीक्षण अभियंता कार्यालय पर विरोध किया जा रहा है।




Conclusion:Vo2- इस दौरान अधिशाषी अभियंता विद्युत वितरण खंड राबर्टसगंज ने बताया कि सारे कर्मचारियों का 41 सौ करोङ रुपये का जीपीएफ और सीपीएफ का पैसा एक दिवालिया,भ्रष्ट कंपनी बीएचएफएल में भ्रष्टाचार में लिप्त अधिकारियों ने लगा दिया।जिसमें से 23 सौ करोङ रुपये डूब गया।ना तो उन भ्रष्ट अधिकारियों के खिलाफ सरकार के द्वारा कार्यवाई की जा रही है ना ही पैसे के वापसी की कोई गारंटी दी जा रही है। हमारी मांग है कि सरकार गजट नोटिफिकेशन के द्वारा ये गारंटी दे जो 23 करोङ डूबा है उसे वापस दे।
पीएफ़ घोटाले को लेकर प्रबंधन व सरकार की हठधर्मिता के कारण बाध्य होकर दो दिन का कार्य बहिष्कार किया जा रहा है। पीएफ़ घोटाले को लेकर 14 नवंबर को लखनऊ में जबरजस्त रैली निकालकर अपनी मांगों को लेकर सरकार को झुकने को मजबूर किया था, जिस पर 16 नवम्बर को प्रबंधन और संघर्ष समिति के बीच द्विपक्षीय वार्ता हुई। जिसमें प्रबंधन ने धनराशि के बारे में स्पष्ट आदेश ना करके गुमराह करने का काम किया है। 18 और 19 नवंबर को कार्य बहिष्कार करके विद्युत कर्मचारी अपनी एकता के दम पर सरकार से अपनी बात मनवाने में जरूर सफल होंगे।

Byte-सर्वेश सिंह(अधिशाषी अभियंता,विद्युत वितरण खंड,राबर्ट्सगंज, सोनभद्र)





चन्द्रकान्त मिश्रा
सोनभद्र
मो0 9450323031
Last Updated : Sep 17, 2020, 4:13 PM IST
ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.