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सोनभद्र में जिला प्रशासन दर्ज करेगा ऑनलाइन वरासत - लेखपाल लोगों से लेंगे आवेदन पत्र

यूपी के सोनभद्र में जिला प्रशासन ने ऑनलाइन विरासत दर्ज करने का अभियान शुरू किया है. इस अभियान के तहत राजस्व लेखपाल ग्राम पंचायतों में प्रचार-प्रसार करेंगे और प्रार्थना पत्र प्राप्त कर ऑनलाइन आवेदन दर्ज कराएंगे.

सोनभद्र.
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Published : Dec 15, 2020, 1:50 PM IST

सोनभद्रः शासन के पर जिला प्रशासन ऑनलाइन वरासत दर्ज करने का अभियान 15 दिसंबर 2020 से 20 फरवरी 2021तक चलाएगा. एडीएम वित्त एवं राजस्व योगेंद्र बहादुर सिंह ने बताया कि मृत व्यक्तियों के बाद उनकी खतौनी पर वारिसों का नाम ऑनलाइन दर्ज कराने के उद्देश्य से यह अभियान चलाया जा रहा है. इस अभियान के तहत राजस्व लेखपाल ग्राम पंचायतों में प्रचार प्रसार करेंगे और प्रार्थना पत्र प्राप्त कर ऑनलाइन आवेदन दर्ज कराएंगे.

राजस्व कर्मी वरासत दर्ज कराएंगे
एडीएम ने बताया 15 दिसंबर से 30 दिसंबर तक राजस्व लेखपाल गांव में जाकर प्रार्थना पत्र प्राप्त करेंगे और ऑनलाइन वरासत का आवेदन कराएंगे. 15 जनवरी तक उन वरासत के दावों की जांच राजस्व कर्मियों द्वारा की जाएगी. 31 जनवरी तक राजस्व निरीक्षक इस संबंध में आदेश पारित कर देंगे. इसी दौरान भूलेख सॉफ्टवेयर में भी संशोधन कर दिया जाएगा. 1 फरवरी से 7 फरवरी 2021 तक जिलाधिकारी द्वारा सभी एसडीएम, राजस्व निरीक्षक तहसीलदार से प्रमाण पत्र लेंगे कि कोई दावा अब शेष नहीं है. 8 से 15 फरवरी तक डीएम द्वारा इस संबंध में रैंडम चयनित गांवो में जांच भी कराई जाएगी. 2 फरवरी 2021 तक राजस्व परिषद की वेबसाइट पर खतौनी स्वीट कर दी जाएगी और 20 फरवरी तक लाभार्थी को प्रमाण पत्र भी दे दिया जाएगा.

गांवों में होगी बैठक
पंचायती राज विभाग और राजस्व विभाग द्वारा दावे प्राप्त करने के लिए गांवों में खुली बैठक होगी. इस संबंध में जिला पंचायती राज अधिकारी ने बताया कि पंचायती राज विभाग और राजस्व विभाग के कर्मचारियों की मदद से सभी गांवों में खुली बैठक आयोजित की जाएगी और वरासत के दावे प्राप्त किए जाएंगे . इसके बाद ही उनके ऑनलाइन फीडिंग की प्रक्रिया शुरू की जाएगी.

सोनभद्रः शासन के पर जिला प्रशासन ऑनलाइन वरासत दर्ज करने का अभियान 15 दिसंबर 2020 से 20 फरवरी 2021तक चलाएगा. एडीएम वित्त एवं राजस्व योगेंद्र बहादुर सिंह ने बताया कि मृत व्यक्तियों के बाद उनकी खतौनी पर वारिसों का नाम ऑनलाइन दर्ज कराने के उद्देश्य से यह अभियान चलाया जा रहा है. इस अभियान के तहत राजस्व लेखपाल ग्राम पंचायतों में प्रचार प्रसार करेंगे और प्रार्थना पत्र प्राप्त कर ऑनलाइन आवेदन दर्ज कराएंगे.

राजस्व कर्मी वरासत दर्ज कराएंगे
एडीएम ने बताया 15 दिसंबर से 30 दिसंबर तक राजस्व लेखपाल गांव में जाकर प्रार्थना पत्र प्राप्त करेंगे और ऑनलाइन वरासत का आवेदन कराएंगे. 15 जनवरी तक उन वरासत के दावों की जांच राजस्व कर्मियों द्वारा की जाएगी. 31 जनवरी तक राजस्व निरीक्षक इस संबंध में आदेश पारित कर देंगे. इसी दौरान भूलेख सॉफ्टवेयर में भी संशोधन कर दिया जाएगा. 1 फरवरी से 7 फरवरी 2021 तक जिलाधिकारी द्वारा सभी एसडीएम, राजस्व निरीक्षक तहसीलदार से प्रमाण पत्र लेंगे कि कोई दावा अब शेष नहीं है. 8 से 15 फरवरी तक डीएम द्वारा इस संबंध में रैंडम चयनित गांवो में जांच भी कराई जाएगी. 2 फरवरी 2021 तक राजस्व परिषद की वेबसाइट पर खतौनी स्वीट कर दी जाएगी और 20 फरवरी तक लाभार्थी को प्रमाण पत्र भी दे दिया जाएगा.

गांवों में होगी बैठक
पंचायती राज विभाग और राजस्व विभाग द्वारा दावे प्राप्त करने के लिए गांवों में खुली बैठक होगी. इस संबंध में जिला पंचायती राज अधिकारी ने बताया कि पंचायती राज विभाग और राजस्व विभाग के कर्मचारियों की मदद से सभी गांवों में खुली बैठक आयोजित की जाएगी और वरासत के दावे प्राप्त किए जाएंगे . इसके बाद ही उनके ऑनलाइन फीडिंग की प्रक्रिया शुरू की जाएगी.

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