ETV Bharat / state

विस्थापितों को नहीं मिली नौकरी तो विधायक ने सांसद पर साधा निशाना - सोनभद्र हिंदी खबर

सोनभद्र की एनसीएल कोयला परियोजना में नौकरी की मांग को लेकर विस्थापित अनशन पर बैठे हुए हैं. उन्होंने अपने घर के बाहर अनशन पर बैठने का पर्चा लगा दिया है. इस मामले को लेकर अपना दल के दुद्धी क्षेत्र से विधायक का विवादित बयान आया सामने है. विधायक ने सांसद पर गंभीर आरोप लगाया है.

विस्थापितों के नौकरी का मामला
विस्थापितों के नौकरी का मामला
author img

By

Published : Feb 7, 2021, 7:07 PM IST

सोनभद्र : नॉर्दर्न कोलफील्ड्स लिमिटेड (केंद्र सरकार के अधीन कंपनी) की बीना कोल माइंस में रोजगार की मांग को लेकर बीना चौकी क्षेत्र के बांसी गांव में कई परिवार अपने घरों में ही अनशन पर बैठ गए हैं. ये सभी परिवार विस्थापित हैं. इनमें से कई परिवारों ने घर के बाहर अनशन पर बैठने का बोर्ड भी लगा दिया है. एक अनशनरत युवक शिव प्रसाद की हालत बिगड़ने के बाद स्थानीय प्रशासन ने उनको तत्काल जिला अस्पताल भर्ती कराया. विस्थापितों के परिजन भी अपने घरों पर उपवास कर रहे हैं. इसके बाद भी प्रशासन को भी अधिकारी इनसे बात करने के लिए नहीं पहुंचा है. इस मामले में दुद्धी क्षेत्र के विधायक ने सांसद के खिलाफ आपत्तिजनक भाषा का उपयोग करते हुए उन पर गंभीर आरोप लगाए हैं.

विस्थापितों की नौकरी का मामला.

विधायक ने सांसद पर लगाए ये आरोप

अपना दल के दुद्धी क्षेत्र के विधायक हरिराम चेरो का कहना है कि हम सीमित प्रयास कर सकते हैं. उन्होंने भाजपा सांसद पकौड़ी लाल कोल पर आरोप लगाते हुए कहा कि सांसद कंपनियों के सीएमडी और जीएम को सलाम करते हैं. सांसद जाकर कम्पनियों से चंदा वसूलते हैं. विधायक ने आपत्तिजन भाषा का उपयोग करते हुए कहा कि हम विस्थापितों का पक्ष रखने का पुरजोर प्रयास कर रहे हैं, लेकिन अकेले पड़ जा रहे हैं.

घर के बाहर लगाया अनशन पर बैठने का पर्चा.
घर के बाहर लगाया अनशन पर बैठने का पर्चा.


एक फरवरी से रोजगार का दिया था आश्वासन

जनवरी 2021 में एनसीएल कंपनी के विस्थापितों ने बीजीआर कंपनी में रोजगार दिलाने के लिए तकरीबन 8 दिन तक शांतिपूर्ण तरीके से धरना दिया था. बीजीआर एनसीएल की बीना परियोजना में कार्यरत ठेका कंपनी है. लोगों के धरना देने की जानकारी होने पर एसडीएम मौके पर पहुंच गए थे. एसडीएम के उस वक्त आश्वासन देने पर लोगों ने धरना समाप्त कर दिया था. एनसीएल कंपनी ने ठेका कंपनी बीजीआर में एक फरवरी से विस्थापित परिवारों को रोजगार देने की बात कही थी. इसके बावजूद बावजूद बीजीआर कंपनी के रवैये में कोई परिवर्तन नहीं हुआ. तय तारीख बीतने के बाद भी रोजगार न मिलने पर दर्जनों लोग 8 दिन से अनिश्चितकालीन भूख हड़ताल पर अपने घरों में बैठे हैं.

अनशन पर बैठे ग्रामीण की तबीयत हुई खराब.
अनशन पर बैठे ग्रामीण की तबीयत हुई खराब.

बीजीआर कंपनी पर वादाखिलाफी का आरोप

आमरण अनशन पर बैठे सन्नी जायसवाल और राजेन्द्र कुमार ने बताया कि वे कंपनी से विस्थापितों को रोजगार देने की मांग कर रहे हैं. NCL ने विस्थापित लोगों को रोजगार देने के लिए लिस्ट जारी कर दी है, लेकिन बीजीआर कंपनी परेशान कर रही है. बीजीआर कंपनी हम लोगों को भगा देती है. इस वजह से वे लोग अनशन कर रहे हैं.

विस्थापितों की नौकरी का मामला.
विस्थापितों की नौकरी का मामला.

सोनभद्र : नॉर्दर्न कोलफील्ड्स लिमिटेड (केंद्र सरकार के अधीन कंपनी) की बीना कोल माइंस में रोजगार की मांग को लेकर बीना चौकी क्षेत्र के बांसी गांव में कई परिवार अपने घरों में ही अनशन पर बैठ गए हैं. ये सभी परिवार विस्थापित हैं. इनमें से कई परिवारों ने घर के बाहर अनशन पर बैठने का बोर्ड भी लगा दिया है. एक अनशनरत युवक शिव प्रसाद की हालत बिगड़ने के बाद स्थानीय प्रशासन ने उनको तत्काल जिला अस्पताल भर्ती कराया. विस्थापितों के परिजन भी अपने घरों पर उपवास कर रहे हैं. इसके बाद भी प्रशासन को भी अधिकारी इनसे बात करने के लिए नहीं पहुंचा है. इस मामले में दुद्धी क्षेत्र के विधायक ने सांसद के खिलाफ आपत्तिजनक भाषा का उपयोग करते हुए उन पर गंभीर आरोप लगाए हैं.

विस्थापितों की नौकरी का मामला.

विधायक ने सांसद पर लगाए ये आरोप

अपना दल के दुद्धी क्षेत्र के विधायक हरिराम चेरो का कहना है कि हम सीमित प्रयास कर सकते हैं. उन्होंने भाजपा सांसद पकौड़ी लाल कोल पर आरोप लगाते हुए कहा कि सांसद कंपनियों के सीएमडी और जीएम को सलाम करते हैं. सांसद जाकर कम्पनियों से चंदा वसूलते हैं. विधायक ने आपत्तिजन भाषा का उपयोग करते हुए कहा कि हम विस्थापितों का पक्ष रखने का पुरजोर प्रयास कर रहे हैं, लेकिन अकेले पड़ जा रहे हैं.

घर के बाहर लगाया अनशन पर बैठने का पर्चा.
घर के बाहर लगाया अनशन पर बैठने का पर्चा.


एक फरवरी से रोजगार का दिया था आश्वासन

जनवरी 2021 में एनसीएल कंपनी के विस्थापितों ने बीजीआर कंपनी में रोजगार दिलाने के लिए तकरीबन 8 दिन तक शांतिपूर्ण तरीके से धरना दिया था. बीजीआर एनसीएल की बीना परियोजना में कार्यरत ठेका कंपनी है. लोगों के धरना देने की जानकारी होने पर एसडीएम मौके पर पहुंच गए थे. एसडीएम के उस वक्त आश्वासन देने पर लोगों ने धरना समाप्त कर दिया था. एनसीएल कंपनी ने ठेका कंपनी बीजीआर में एक फरवरी से विस्थापित परिवारों को रोजगार देने की बात कही थी. इसके बावजूद बावजूद बीजीआर कंपनी के रवैये में कोई परिवर्तन नहीं हुआ. तय तारीख बीतने के बाद भी रोजगार न मिलने पर दर्जनों लोग 8 दिन से अनिश्चितकालीन भूख हड़ताल पर अपने घरों में बैठे हैं.

अनशन पर बैठे ग्रामीण की तबीयत हुई खराब.
अनशन पर बैठे ग्रामीण की तबीयत हुई खराब.

बीजीआर कंपनी पर वादाखिलाफी का आरोप

आमरण अनशन पर बैठे सन्नी जायसवाल और राजेन्द्र कुमार ने बताया कि वे कंपनी से विस्थापितों को रोजगार देने की मांग कर रहे हैं. NCL ने विस्थापित लोगों को रोजगार देने के लिए लिस्ट जारी कर दी है, लेकिन बीजीआर कंपनी परेशान कर रही है. बीजीआर कंपनी हम लोगों को भगा देती है. इस वजह से वे लोग अनशन कर रहे हैं.

विस्थापितों की नौकरी का मामला.
विस्थापितों की नौकरी का मामला.
ETV Bharat Logo

Copyright © 2025 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.