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सोनभद्र: 124 से ज्यादा गायों की मौत का जिम्मेदार कौन?

प्रदेश सरकार का ड्रीम प्रोजेक्ट गोवंश आश्रय स्थल में 5 महीने के दौरान 124 से ज्यादा पशुओं की मौत हो गई. पशु चिकित्सक ने बताया कि पहले खुला घूम रहे पशुओं को एक ही जगह पर बंद किए जाने से उनकी मौत हुई है.

कैसे हुई 124 पशुओं की मौत?
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Published : Jun 11, 2019, 2:52 PM IST

Updated : Sep 17, 2020, 4:13 PM IST

सोनभद्र: प्रदेश सरकार का ड्रीम प्रोजेक्ट गोवंश आश्रय में लगातार हो रही पशुओं की मौतें रुकने का नाम नहीं ले रही हैं. आए दिन गोवंशों की मौत की घटनाएं सामने आ रही हैं. जनपद में बने गोवंश आश्रय स्थल में 5 महीनों के दौरान 124 से अधिक पशुओं की मौत हो गई. लेकिन इस बार इन पशुओं की मौत का जिम्मेदार प्रशासन नहीं है.

कैसे हुई 124 पशुओं की मौत?

कैसे हुई पशुओं की मौत?

  • पशुओं के चिकित्सक ने बताया कि गोवंश आश्रय स्थल की व्यवस्था काफी अच्छी है.
  • पहले खुला घूम रहे पशुओं को एक ही जगह पर बंद किए जाने से उनकी मौत हो गई.
  • एक ही जगह पर बंद किए जाने से पशुओं की रोग प्रतिरोधक क्षमता कम होती चली गई.
  • तो वहीं कुछ पशुओं की पॉलीथिन खाने से भी मौत हो गई.

सोनभद्र: प्रदेश सरकार का ड्रीम प्रोजेक्ट गोवंश आश्रय में लगातार हो रही पशुओं की मौतें रुकने का नाम नहीं ले रही हैं. आए दिन गोवंशों की मौत की घटनाएं सामने आ रही हैं. जनपद में बने गोवंश आश्रय स्थल में 5 महीनों के दौरान 124 से अधिक पशुओं की मौत हो गई. लेकिन इस बार इन पशुओं की मौत का जिम्मेदार प्रशासन नहीं है.

कैसे हुई 124 पशुओं की मौत?

कैसे हुई पशुओं की मौत?

  • पशुओं के चिकित्सक ने बताया कि गोवंश आश्रय स्थल की व्यवस्था काफी अच्छी है.
  • पहले खुला घूम रहे पशुओं को एक ही जगह पर बंद किए जाने से उनकी मौत हो गई.
  • एक ही जगह पर बंद किए जाने से पशुओं की रोग प्रतिरोधक क्षमता कम होती चली गई.
  • तो वहीं कुछ पशुओं की पॉलीथिन खाने से भी मौत हो गई.
Intro:Anchor-प्रदेश सरकार का ड्रीम प्रॉजेक्ट गोवंश आश्रय स्थलों में लगातार पशुओ की मौतों का सिलसिला जारी है ,जिसको रोकने में जिला प्रशासन नाकाम साबित हो रहा है। जनपद सोनभद्र में बने गोवंश आश्रय स्थल में विगत 5 महीनों के अंदर 124 से अधिक पशुओं की मौत सरकार की व्यवस्था का पोल खोलने के लिए काफी है।जी हां जनपद सोनभद्र में गोवंश आश्रय केंद्र में विगत 5 माह पूर्व बनाया गया था जिसमें नगर के छुट्टा आवारा पशुओं को रखा गया है लेकिन दुर्व्यवस्था का आलम यह है कि यहां पर लगभग 124 से अधिक पशुओं की मौत हो चुकी है। वहीं पशु चिकित्सा विभाग के डॉक्टर ने बताया कि व्यवस्था बहुत अच्छी है लेकिन विगत 5 महीने में लगभग 124 पशुओ की मौत हो चुकी है।वर्तमान समय मे 175 पशु यहां पर है।मौत का कारण है पहले आवारा छुट्टा पशु घूमते थे लेकिन अब एक जगह पर बन्द कर दिया गया, तो इसका साइकोलॉजिकल कारण भी है।जिसके कारण उनकी रोग प्रतिरोधक क्षमता कम होती गयी।वही पॉलीथिन खाने से भी पशुओ की मौत हुई है। अब काफी हद तक सुधार हो गया है और नगरपालिका और मुख्य चिकित्सा अधिकारी पशु द्वारा लगातार सुधार किए जा रहे हैं।साथ ही देख-रेख के लिए छ: लोगों की ड्यूटी लगा दी गई है, सुधार हो रहा है।



Body:Vo1-जनपद सोनभद्र के एक मात्र नगर पालिका परिषद राबर्ट्सगंज में जिला पंचायत की जमीन पर 5 माह पूर्व जनवरी 2019 में योगी सरकार का ड्रीम प्रोजेक्ट गोवंश आश्रय स्थल का निर्माण नगर पालिका व पशु चिकित्साधिकारी की संयुक्त देख-रेख में किया गया था। जिसमें नगर के सैकड़ो छुट्टा आवारा पशुओं को रखा गया है लेकिन दुर्व्यवस्था का आलम यह है कि 5 महीने में यहां पर लगभग 124 से अधिक पशुओं की मौत हो चुकी है।यानी हर महीने 25 पशुओ की मौत हो रही है।अब इसे प्रदेश सरकार द्वारा पशुओ की सुरक्षा व्यवस्था कहा जाय या कुछ और यह सोचने की बात है।



Conclusion: Vo2-वहीं पशु चिकित्सा विभाग के डॉक्टर ने बताया कि गोवंश आश्रय स्थल रॉबर्ट्सगंज में व्यवस्था बहुत अच्छी है लेकिन विगत 5 महीने में लगभग 124 पशुओ की मौत हो चुकी है।वर्तमान समय मे 175 पशु यहां पर है।मौत का कारण है पहले आवारा छुट्टा पशु घूमते थे लेकिन अब बन्द कर दिया गया तो इसका साइकोलॉजिकल कारण भी है।जिसके कारण उनकी रोग प्रतिरोधक क्षमता कम होती गयी।वही पॉलीथिन खाने से भी पशुओ की मौत हुई है। अब काफी हद तक सुधार हो गया है और नगरपालिका और मुख्य चिकित्सा अधिकारी पशु द्वारा लगातार सुधार किए जा रहे हैं।साथ ही देख-रेख के लिए छ: लोगों की ड्यूटी लगा दी गई है, सुधार हो रहा है।

Byte-डॉ0 एसके कुशवाहा( डिप्टी,सीवीओ,सदर,पशु चिकित्सा विभाग सोनभद्र)

चन्द्रकान्त मिश्रा
सोनभद्र
मो0 9450323031

Last Updated : Sep 17, 2020, 4:13 PM IST
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