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ग्रामीण क्षेत्रों में पेयजल समस्या समाधान को लेकर कंट्रोल रूम बना

उत्तर प्रदेश के सोनभद्र जिले के गांवों में इस गर्मी में पेयजल की किल्लत नहीं होगी. पेयजल समस्या समाधान के लिए विकास भवन में कंट्रोल रूम स्थापित किया गया है.

पेयजल कंट्रोल रूम बना
पेयजल कंट्रोल रूम बना
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Published : Apr 13, 2021, 4:06 PM IST

सोनभद्र : जिले के गांवों में इस बार गर्मी में पेयजल की समस्या नहीं होगी. पेयजल समस्या के समाधान और त्वरित निस्तारण के लिए विकास भवन में कंट्रोल रूम स्थापित कर दिया गया है. कंट्रोल रूम से पेयजल की समस्या का 24 घंटे के भीतर समाधान किया जाएगा. जिलाधिकारी अभिषेक सिंह ने जिले के सभी 10 ब्लाकों में पेयजल समस्या के समाधान के लिए जिम्मेदारी भी तय कर दी है.

पेयजल कंट्रोल रूम बना

विकास भवन के ओडीएफ वार रूम में स्थापित है पेयजल कंट्रोल रूम
विकास भवन के ओडीएफ वार रूम में पेयजल की समस्या के समाधान के लिए एक कंट्रोल रूम स्थापित किया गया है. इस कंट्रोल रूम से जिले के सभी 10 ब्लॉकों के ग्राम पंचायतों से फोन द्वारा संपर्क किया जा सकता है. जिला पंचायत राज अधिकारी विशाल सिंह ने बताया कि ग्राम पंचायतों से पानी की समस्या को लेकर फोन आने पर तत्काल उसके समाधान का प्रयास किया जाता है. अगर हैंडपंप खराब है तो उन्हें रिबोर करने का प्रयास किया जाता है और तात्कालिक व्यवस्था के रूप में संबंधित गांव में टैंकर भिजवाने का कार्य तत्काल करा दिया जाता है.

इसे भी पढ़ें- 22 अप्रैल को आजमगढ़ गैंगस्टर कोर्ट में होगी मुख्तार अंसारी की पेशी


कंट्रोल रूम के सुचारू रूप से संचालन के लिए कई अधिकारियों की लगाई गई है ड्यूटी

कंट्रोल रूम को सुचारू रूप से संचालित करने के लिए जिलाधिकारी अभिषेक सिंह के निर्देश पर कई अधिकारियों की ड्यूटी लगाई गई है. जिला स्तर पर बने कंट्रोल रूम का नोडल अधिकारी जिला पंचायत राज अधिकारी को बनाया गया है. जिला परियोजना समन्वयक अनिल केसरी को कंट्रोल रूम का प्रभारी बनाया गया है. इसके साथ-साथ अति संवेदनशील क्षेत्रों के लिए जल निगम के अधिशासी अधिकारी फणीन्द्र राय को नोडल अधिकारी की जिम्मेदारी सौंपी गई है. इसके अलावा सभी विकास खंडों में सहायक विकास अधिकारी को कंट्रोल रूम का नोडल अधिकारी बनाया गया है.

सोनभद्र : जिले के गांवों में इस बार गर्मी में पेयजल की समस्या नहीं होगी. पेयजल समस्या के समाधान और त्वरित निस्तारण के लिए विकास भवन में कंट्रोल रूम स्थापित कर दिया गया है. कंट्रोल रूम से पेयजल की समस्या का 24 घंटे के भीतर समाधान किया जाएगा. जिलाधिकारी अभिषेक सिंह ने जिले के सभी 10 ब्लाकों में पेयजल समस्या के समाधान के लिए जिम्मेदारी भी तय कर दी है.

पेयजल कंट्रोल रूम बना

विकास भवन के ओडीएफ वार रूम में स्थापित है पेयजल कंट्रोल रूम
विकास भवन के ओडीएफ वार रूम में पेयजल की समस्या के समाधान के लिए एक कंट्रोल रूम स्थापित किया गया है. इस कंट्रोल रूम से जिले के सभी 10 ब्लॉकों के ग्राम पंचायतों से फोन द्वारा संपर्क किया जा सकता है. जिला पंचायत राज अधिकारी विशाल सिंह ने बताया कि ग्राम पंचायतों से पानी की समस्या को लेकर फोन आने पर तत्काल उसके समाधान का प्रयास किया जाता है. अगर हैंडपंप खराब है तो उन्हें रिबोर करने का प्रयास किया जाता है और तात्कालिक व्यवस्था के रूप में संबंधित गांव में टैंकर भिजवाने का कार्य तत्काल करा दिया जाता है.

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कंट्रोल रूम के सुचारू रूप से संचालन के लिए कई अधिकारियों की लगाई गई है ड्यूटी

कंट्रोल रूम को सुचारू रूप से संचालित करने के लिए जिलाधिकारी अभिषेक सिंह के निर्देश पर कई अधिकारियों की ड्यूटी लगाई गई है. जिला स्तर पर बने कंट्रोल रूम का नोडल अधिकारी जिला पंचायत राज अधिकारी को बनाया गया है. जिला परियोजना समन्वयक अनिल केसरी को कंट्रोल रूम का प्रभारी बनाया गया है. इसके साथ-साथ अति संवेदनशील क्षेत्रों के लिए जल निगम के अधिशासी अधिकारी फणीन्द्र राय को नोडल अधिकारी की जिम्मेदारी सौंपी गई है. इसके अलावा सभी विकास खंडों में सहायक विकास अधिकारी को कंट्रोल रूम का नोडल अधिकारी बनाया गया है.

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