सोनभद्र: बभनी ब्लॉक के बरवाटोला गांव में रविवार को एक दर्जन मुर्गों की मौत से हड़कंप मच गया. ग्रामीणों ने बताया कि एक सप्ताह से कई लोगों के मुर्गे-मुर्गियों की मौत हो रही है. बीती रात चार किसानों के 17 मुर्गे और मुर्गियों की मौत से लोग डरे हुए हैं. कुछ ग्रामीण इसे बर्ड फ्लू की दस्तक बता रहे हैं.
स्वास्थ्य विभाग की टीम ने गांव का किया दौरा
रविवार को सूचना पर पहुंची पशु स्वास्थ्य विभाग की टीम गांव में पहुंची और किसानों से बात की. कुछ किसान इन मौतों का कारण सामान्य ठण्ड बता रहे हैं, लेकिन मुर्गे-मुर्गियों की मौत के बाद किसान और मुर्गी पालक डर गए हैं. उन्होंने मरे मुर्गों को गड्डा खोद कर दफना दिया है. रविवार को डॉ. उमाकांत और अन्य स्वास्थ्य कर्मियों की टीम ने गांव मे पहुंच कर लोगों से पूरे मामले की जानकारी ली. चिकित्सक ने सचेत रहने के साथ ही चेतावनी दी है कि ऐसी घटना होने पर तत्काल इसकी सूचना विभाग को दी जाए. इससे मरने वाले पक्षियों के सैंपल लिए जा सकें.
मौत पर तत्काल दें सूचनाः चिकित्सक
बरवाटोला निवासी मेहंदी खान के 5, हनुमान के 4, राधादेवी के 6, मझिल खान के 2 मुर्गे-मुर्गियों की मौत हो गयी है. चिकित्सकों की टीम ने कहा कि यदि अब जानवरों की मौत हो तो तत्काल इसकी सूचना टीम को दी जाए. इससे इनकी जांच हो सके.
कौवों के बाद मुर्गियों और कबूतरों की भी मौत
डाला क्षेत्र के गुरमुरा में भी रविवार को दो कबूतर मृत पाए गए. इससे लोगों में हड़कंप मच गया. इससे पहले भी जिले के डाला क्षेत्र में 10 कौवों की मौत हो चुकी है. कौवों मौतों के कारण लोग बर्ड-फ्लू बता रहे थे, लेकिन पशु चिकित्सकों ने पोस्टमार्टम के बाद कौवों की मौत का कारण ठंड बताया है. कौवों की मौत के बाद अब मुर्गियों और कबूतरों की मौत भी होने लगी है. विभाग के लोग इसे बर्ड-फ्लू नहीं मान रहे. विभाग मौत का कारण ठंड बता रहे हैं. मुख्य पशुचिकित्सा अधिकारी एके श्रीवास्तव ने बताया कि डरने की कोई बात नहीं है. ठंड में पक्षियों की मृत्यु होना सामान्य बात है. हालांकि विभाग इस मामले मे पूरी एहतियात बरत रहा है. सभी पशु चिकित्सा अधिकारियों और कर्मचारियों की छुट्टियां रद्द कर दी गई हैं.