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महिला दिवस स्पेशल : बड़ी तीरंदाज बन सोनभद्र का नाम रोशन करना चाहती हैं शगुफ्ता - वूमेंस डे

शगुफ्ता ने तीरंदाजी के ओपन नेशनल गेम 2013 छत्तीसगढ़ में सीनियर लेबल प्राप्त प्रतिभाग किया. वहीं 2015 में गोवा में सब जूनियर स्तर पर प्रतिभाग किया.

शगुफ्ता ने तीन बार ऑल इंडिया यूनिवर्सिटी में भी प्रतिभाग किया है.
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Published : Mar 8, 2019, 12:59 PM IST

Updated : Sep 17, 2020, 4:13 PM IST

सोनभद्र : आज के जमाने में लड़कियां किसी भी क्षेत्र में भी लड़कों से पीछे नहीं हैं. चाहे वो पढ़ाई हो या फिर खेल. सोनभद्र जिले की रहने वाली शगुफ्ता जमाल भी उन्हीं लड़कियों में से एक हैं. जो अपनी मेहनत और लगन से अपने जिले का नाम रोशन कर रही हैं. मध्यमवर्गीय परिवार में रहने वाली शगुफ्ता तीरंदाजी में कई बार राष्ट्रीय स्तर तक खेल चुकी हैं.

शगुफ्ता नेतीन बार ऑल इंडिया यूनिवर्सिटी में भी प्रतिभाग किया है.

शगुफ्ता बताती हैं कि उन्होनें अपने खेल की शुरुआत एथलेटिक्स से की थी, लेकिन सोन महोत्सव के दौरान तीरंदाजी का डेमो देख उनके मन में भी तीरंदाजी में कुछ हासिल करने का हुआ और बस तभी से तीरंदाजी में उनका कारंवा निकल पड़ा. शगुफ्ता ने स्कूल स्टेट में 8 गोल्ड और 4 सिल्वर प्राप्त किए. वहीं ओपन स्टेट स्कूल लेवल पर इनको 4 गोल्ड 7 सिल्वर और तीन ब्रोंज मेडल मिले हैं. तीन बार इन्होंने ऑल इंडिया यूनिवर्सिटी में भी प्रतिभाग किया है.

शगुफ्ता का सपना है कि वो 360 में 360 का स्कोर हासिल कर सोनभद्र का नाम ऊंचा करे. ताकि लोग यहां के लोगों को जंगली कहना बंद कर दे. शगुफ्ता जमाल चाहती हैं कि लड़कियों को लड़कों से पीछे नहीं रहना चाहिए. उन्हे अपने मां-बाप का भरोसा जीतकर खुद पर निर्भर होना चाहिए.

सोनभद्र : आज के जमाने में लड़कियां किसी भी क्षेत्र में भी लड़कों से पीछे नहीं हैं. चाहे वो पढ़ाई हो या फिर खेल. सोनभद्र जिले की रहने वाली शगुफ्ता जमाल भी उन्हीं लड़कियों में से एक हैं. जो अपनी मेहनत और लगन से अपने जिले का नाम रोशन कर रही हैं. मध्यमवर्गीय परिवार में रहने वाली शगुफ्ता तीरंदाजी में कई बार राष्ट्रीय स्तर तक खेल चुकी हैं.

शगुफ्ता नेतीन बार ऑल इंडिया यूनिवर्सिटी में भी प्रतिभाग किया है.

शगुफ्ता बताती हैं कि उन्होनें अपने खेल की शुरुआत एथलेटिक्स से की थी, लेकिन सोन महोत्सव के दौरान तीरंदाजी का डेमो देख उनके मन में भी तीरंदाजी में कुछ हासिल करने का हुआ और बस तभी से तीरंदाजी में उनका कारंवा निकल पड़ा. शगुफ्ता ने स्कूल स्टेट में 8 गोल्ड और 4 सिल्वर प्राप्त किए. वहीं ओपन स्टेट स्कूल लेवल पर इनको 4 गोल्ड 7 सिल्वर और तीन ब्रोंज मेडल मिले हैं. तीन बार इन्होंने ऑल इंडिया यूनिवर्सिटी में भी प्रतिभाग किया है.

शगुफ्ता का सपना है कि वो 360 में 360 का स्कोर हासिल कर सोनभद्र का नाम ऊंचा करे. ताकि लोग यहां के लोगों को जंगली कहना बंद कर दे. शगुफ्ता जमाल चाहती हैं कि लड़कियों को लड़कों से पीछे नहीं रहना चाहिए. उन्हे अपने मां-बाप का भरोसा जीतकर खुद पर निर्भर होना चाहिए.

Intro:anchor... देश के 115 पिछड़े जिलों में से एक जनपद सोनभद्र की रहने वाली है शगुफ्ता जमाल जो कि मध्यमवर्गीय परिवार से हैं वहीं 6 बहनों और एक भाई मैं तीसरे नंबर शगुफ्ता आज जनपद का नाम ऊंचा कर रही हैं तीरंदाजी में कई बार राष्ट्रीय स्तर तक खेल चुकी हैं


Body:vo... शगुफ्ता बताती हैं कि वह अपने खेल की शुरुआत एथलेटिक्स से की थी और 2011 में मैराथन दौड़ में भाग लिया था और उनका कोई भी स्थान नहीं रहा दरअसल वह दौड़ में इसलिए भाग ली थी कि उन्हें नाइक का जूता अपने पापा से चाहिए था उसी दौरान स्टेडियम में सोन महोत्सव चल रहा था और जिले के पुलिस अधीक्षक डॉक्टर प्रीतिंदर सिंह तीरंदाजी का डेमो दिखा रहे थे तभी से हमें लगा कि मुझे भी तीरंदाजी करना चाहिए और मैं इसे कर लूंगी

vo... वह इस खेल में इनको बहुत ज्यादा कठिनाइयों का सामना तो नहीं करना पड़ा लेकिन शगुफ्ता बताते हैं कि मम्मी कहती थी पढ़ाई करो पापा कहते थे खेलना है खेलो लेकिन लिमिट में खेलना इस वजह से घर वालों का प्रेशर बना रहता था वही मम्मी कहती थी कि पढ़ाई करो खेल में कुछ नहीं रखा है लेकिन हमने मम्मी से कहा कि हम खेल जारी रखेंगे हमने पढ़ाई भी किया और साथ साथ खेल भी जारी रखा

vo... आगे के बारे में सब गुप्ता कहते हैं कि उनको 307 में 360 किस को मानना है और अपने जनपद सोनभद्र का नाम ऊंचा करना है ताकि कोई रिकॉर्ड तोड़ ना पाए कुछ लोग यहां के लोगों को जंगली कहते हैं जिससे जंगली सोनभद्र जहां से तीरंदाजी की शुरुआत हुई है यहां पर इनका नाम होना चाहिए और तीरंदाजी में हमसे आगे कोई ना जाए

vo... महिला दिवस पर कहती है कि हम सभी महिलाओं से ही कहना चाहेंगे कि आप अपने मम्मी पापा का भरोसा जीतने तो वह आपको बाहर जाने की पूरी छूट जाएंगे आपके मम्मी पापा को आपसे ही प्यार करते हैं और समाज को नहीं देखेंगे आप उनका सहयोग करेंगे तो आपको आगे भेजेंगे इसलिए अपने मम्मी पापा का विश्वास जीटीए और खुद पर निर्भर रही है


vo... 2012 से 2015 तक लगातार शगुफ्ता ने स्कूल स्टेट खेला है और इसमें इन्होंने 8 गोल्ड और 4 सिल्वर प्राप्त किए हैं वहीं ओपन स्टेट स्कूल लेवल पर चार बार 2012 13 15 और 16 में खेला है जिसमें इनको 4 गोल्ड 7 सिल्वर और तीन ब्रोंज मेडल मिले हैं तीन बार इन्होंने ऑल इंडिया यूनिवर्सिटी 2017 2018 2019 में प्रतिभाग किया है

vo.. वहीं स्कूल वह स्कूल नेशनल 2012 महाराष्ट्र 2013 कोलकाता 2014 हैदराबाद और 2015 में असम में प्रतिभाग किया है.. तीरंदाजी के ओपन नेशनल गेम 2013 छत्तीसगढ़ में सीनियर लेबल प्राप्त प्रतिभाग किया वही 2015 में गोवा में सब जूनियर स्तर पर प्रतिभाग किया 2017 महाराष्ट्र जूनियर स्तर पर 2019 भोपाल जूनियर स्तर पर प्रतिभाग किया


Conclusion:
Last Updated : Sep 17, 2020, 4:13 PM IST
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