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एक बार फिर नक्सवालवाद की ओर भटक सकते हैं युवा: अखिलेंद्र प्रताप सिंह

स्वराज अभियान के राष्ट्रीय कार्यसमिति के सदस्य अखिलेंद्र प्रताप सिंह ने सोनभद्र में एक बार फिर नक्सलवाद के पनपने का संकेत दिया है. उन्होंने कहा कि आरएसएस, प्रतिनिधि जिस तरह से पुलिस के बूते शासन कर रहे हैं, इससे यहां के नौजवान भटकाव का शिकार हो सकते हैं.

सोनभद्र में नक्सलवाद को लेकर बोले अखिलेंद्र प्रताप सिंह.
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Published : Apr 27, 2019, 12:35 PM IST

Updated : Sep 17, 2020, 4:13 PM IST

सोनभद्र: आल इंडिया पीपुल्स फ्रंट व स्वराज अभियान की राष्ट्रीय कार्यसमिति के सदस्य अखिलेन्द्र प्रताप सिंह ने प्रेस वार्ती की. इस दौरान उन्होंने सोनभद्र में पुनः नक्सलवाद के पनपने का संकेत दिया. उन्होंने कहा कि जिले में आरएसएस पुलिस के बूते शासन करना चाहती है. अगर यहां इसी तरह के जनप्रतिनिधि चुने जाएंगे और जनता की उपेक्षा होगी तो फिर यहां के नौजवान भटकाव का शिकार होंगे, इसमें कोई आश्चर्य नहीं है.

सोनभद्र चार अति नक्सल प्रभावित राज्यों (बिहार, झारखंड, छत्तीसगढ़ और मध्य प्रदेश) से लगती हैं. यहां की राबर्ट्सगंज लोकसभा सीट प्रदेश की आखिरी लोकसभा सीट है. पूर्व में यहां नक्सलवाद चरम पर होने की वजह से कहीं न कही विकास पर सीधा असर पड़ा है. राजनीतिक पार्टियां समय-समय पर इसका लाभ लेती रही हैं.

सोनभद्र में नक्सलवाद को लेकर बोले अखिलेंद्र प्रताप सिंह.

राबर्ट्सगंज लोकसभा सीट से ऑल इंडिया पीपुल्स फ्रंट व स्वराज के सदस्य अखिलेंद्र प्रताप सिंह ने प्रेसवार्ता में कहा कि प्रदेश का मीरजापुर, चंदौली का नौगढ़ क्षेत्र और सोनभद्र जिले में आरएसएस पुलिस के बूते शासन करना चाहती है. अगर यहां इसी तरह के जनप्रतिनिधि चुनते जाएंगे और जनता की उपेक्षा होगी तो आश्चर्य नहीं होगा जब यहां के नौजवान भटकाव का शिकार होंगे.

आरएसएस, प्रशासन और राजनीतिक प्रतिनिधि जिस तरीके से काम कर रहे हैं, उससे यहां की जनता का अलगाव बढ़ता जा रहा है. अगर यह अलगाव बढ़ता गया तो हमने लंबे संघर्ष के बाद लोगों को लोकतांत्रिक आंदोलन में जिस तरह सरीक किया, उसमें फिर से संकट पैदा कर सकते हैं, बाधा पैदा कर सकते हैं. यहां के लोग पुनः भटकाव के शिकार हो सकते हैं.

सोनभद्र: आल इंडिया पीपुल्स फ्रंट व स्वराज अभियान की राष्ट्रीय कार्यसमिति के सदस्य अखिलेन्द्र प्रताप सिंह ने प्रेस वार्ती की. इस दौरान उन्होंने सोनभद्र में पुनः नक्सलवाद के पनपने का संकेत दिया. उन्होंने कहा कि जिले में आरएसएस पुलिस के बूते शासन करना चाहती है. अगर यहां इसी तरह के जनप्रतिनिधि चुने जाएंगे और जनता की उपेक्षा होगी तो फिर यहां के नौजवान भटकाव का शिकार होंगे, इसमें कोई आश्चर्य नहीं है.

सोनभद्र चार अति नक्सल प्रभावित राज्यों (बिहार, झारखंड, छत्तीसगढ़ और मध्य प्रदेश) से लगती हैं. यहां की राबर्ट्सगंज लोकसभा सीट प्रदेश की आखिरी लोकसभा सीट है. पूर्व में यहां नक्सलवाद चरम पर होने की वजह से कहीं न कही विकास पर सीधा असर पड़ा है. राजनीतिक पार्टियां समय-समय पर इसका लाभ लेती रही हैं.

सोनभद्र में नक्सलवाद को लेकर बोले अखिलेंद्र प्रताप सिंह.

राबर्ट्सगंज लोकसभा सीट से ऑल इंडिया पीपुल्स फ्रंट व स्वराज के सदस्य अखिलेंद्र प्रताप सिंह ने प्रेसवार्ता में कहा कि प्रदेश का मीरजापुर, चंदौली का नौगढ़ क्षेत्र और सोनभद्र जिले में आरएसएस पुलिस के बूते शासन करना चाहती है. अगर यहां इसी तरह के जनप्रतिनिधि चुनते जाएंगे और जनता की उपेक्षा होगी तो आश्चर्य नहीं होगा जब यहां के नौजवान भटकाव का शिकार होंगे.

आरएसएस, प्रशासन और राजनीतिक प्रतिनिधि जिस तरीके से काम कर रहे हैं, उससे यहां की जनता का अलगाव बढ़ता जा रहा है. अगर यह अलगाव बढ़ता गया तो हमने लंबे संघर्ष के बाद लोगों को लोकतांत्रिक आंदोलन में जिस तरह सरीक किया, उसमें फिर से संकट पैदा कर सकते हैं, बाधा पैदा कर सकते हैं. यहां के लोग पुनः भटकाव के शिकार हो सकते हैं.

Intro:Anchor- आल इंडिया पीपुल्स फ्रंट व स्वराज अभियान की राष्ट्रीय कार्यसमिति सदस्य अखिलेन्द्र प्रताप सिंह ने प्रेस वार्ता में सोनभद्र जिले में पुनः नक्सलवाद (नौजवान उठा सकते हैं हथीयार) के पनपने का दिया संकेत।


प्रेसवार्ता में कहीं यह बातें ।

प्रदेश के इस सोनभद्र जिले में आरएसएस पुलिस के बूते शासन करना चाहती है अगर यहां इसी तरह के जनप्रतिनिधि चुनते जाएंगे और जनता की उपेक्षा होगी तो फिर यहां के नौजवान को भटकाव का शिकार कर दे तो आश्चर्य नहीं होगा ।

आरएसएस, प्रशासन और राजनीतिक प्रतिनिधि जिस तरीके से काम कर रहे हैं उससे यहां की जनता का अलगाव बढ़ता जा रहा है ।तो फिर से ये जो हमने लंबे संघर्ष के बाद लोगों को लोकतांत्रिक आंदोलन में शरीक किया है उसमें वह संकट पैदा कर सकते हैं लोग पुनः भटकाव के शिकार हो सकते है


Body:Vo1- लोकसभा चुनाव के मतदान का चरण जैसे-जैसे आगे बढ़ता जा रहा है नेताओं के अनोखे बोल भी सामने आ रहे हैं। सूबे के अति नक्सल प्रभावित व अति पिछड़ा जिला सोनभद्र जिसकी सीमाएं भी चार अति नक्सल प्रभावित राज्यो ( बिहार ,झारखंड, छत्तीसगढ़ और मध्य प्रदेश) से लगती हैं । यहां की राबर्ट्सगंज लोकसभा सीट प्रदेश की आखिरी लोकसभा सीट है। पूर्व में यहां नक्सलवाद चरम पर होने की वजह से कहीं न कही विकास पर सीधा असर पड़ा है जिसका लाभ समय समय पर राजनीति पार्टी लेती रही है ।मूलतः आदिवासियों को मुख्यधारा में लाने के लिए यहां राजनीति पार्टियां विकास को मुख चुनावी मुद्दा बनाती है।


Conclusion:Vo2- राबर्ट्सगंज लोकसभा सीट से ऑल इंडिया पीपुल्स फ्रंट प्रत्यासी पूर्व आईजी एस आर दारापुरी के समर्थन में आयोजित प्रेसवारत में स्वराज अभियान की राष्ट्रीय कार्यसमिति सदस्य अखिलेन्द्र प्रताप सिंह ने कहा कि प्रदेश का मीरजापुर ,चंदौली का नौगढ़ क्षेत्र व सोनभद्र जिले में आर एस एस पुलिस के बूते शासन करना चाहती है अगर यहां इसी तरह के जनप्रतिनिधि चुनते जाएंगे और जनता की उपेक्षा होगी तो आश्चर्य नही होगा।

आरएसएस , प्रशासन और राजनीतिक प्रतिनिधि जीस तरीके से काम कर रहे हैं उसेसे यहां की जनता का अलगाव बढ़ता जा रहा है ।अगर यह अलगाव बढ़ता गया तो फिर से जो ये हमने लंबे संघर्ष के बाद लोगों को लोकतांत्रिक आंदोलन में सरीक किया है उसमें वह संकट पैदा कर सकते हैं, बाधा पैदा कर सकते हैं, लोग पुनः भटकाव के शिकार हो सकते है।


Byte- अखिलेन्द्र प्रताप सिंह( सदस्य राष्ट्रीय कार्यसमिति स्वराज अभियान)


Last Updated : Sep 17, 2020, 4:13 PM IST
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