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सोनभद्र: आदर्श गांव बनने से पहले बेघर हो जाएंगे 64 परिवार, नोटिस जारी

यूपी के सोनभद्र में 64 परिवारों को घर खाली करने का नोटिस जारी किया गया है. कुछ दिन पहले ही विधान परिषद सदस्य केदारनाथ सिंह ने इस गांव को गोद लेकर आदर्श गांव बनाने की बात कही थी. इस मामले ने तूल पकड़ लिया है. विपक्ष और स्थानीयों ने केदारनाथ सिंह पर गंभीर आरोप लगाए हैं.

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सोनभद्र में 64 परिवारों को घर खाली करने का नोटिस जारी.
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Published : Aug 26, 2020, 10:12 PM IST

Updated : Sep 17, 2020, 4:14 PM IST

सोनभद्र: जिले के राबर्ट्सगंज कोतवाली इलाके का बहुअरा गांव इस समय चर्चा का विषय बना हुआ है. यहां एक टोले में 64 घरों की बस्ती है, जिनका परिवार दो पुश्तों से अधिक समय से यहां रह रहा था, लेकिन इनका घर जिस जमीन पर है, वह सरकारी जमीन बताई जा रही है, जो कि वर्तमान में सिंचाई विभाग की है. इस गांव को विधान परिषद सदस्य केदारनाथ सिंह ने गोद लेकर विकास कराने और आदर्श गांव बनाने की बात कही थी, लेकिन गोद लेकर विकास कराने के बजाय उन्होंने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को पत्र लिखकर इन 64 घरों को हटाने की और जमीन खाली कराने की मांग की है.

सोनभद्र में 64 परिवारों को घर खाली करने का नोटिस जारी.

उनका कहना है कि यह लोग अवैध कब्जा किए हुए हैं. हालांकि एमएलसी के पत्र के बाद गांव वालों को जल्द जमीन खाली करने के नोटिस प्रशासन द्वारा भेज दी गई है. वहीं नोटिस मिलने के बाद इन लोगों में मायूसी और निराशा है कि घर खाली करके यह लोग कहां जाएंगे. वहीं जिला प्रशासन पर भी एक बड़ा सवाल खड़ा हो रहा है कि अगर यह सरकारी जमीन थी, तो यहां पर रहने वाले लोगों को प्रधानमंत्री आवास, शौचालय, बिजली एवं सड़क जैसी सुविधाएं कैसे मिली.


जनपद के बहुअरा गांव को विधान परिषद सदस्य केदारनाथ सिंह ने गोद लेकर आदर्श गांव बनाने की बात कही थी. लेकिन गोद लेने के बाद उन्होंने गांव के विषय में जानकारी प्राप्त की और सरकारी भूमि पर दो पीढ़ियों से ज्यादा समय से रह रहे लोगों को हटाने के लिए मुख्यमंत्री को पत्र लिखा. पत्र के बाद जिला प्रशासन भी एक्टिव हुआ और वहां का सर्वे करके लोगों को वहां की जमीन खाली करने का नोटिस थमा दिया, जिसके चलते वहां के लोगों में डर का माहौल है कि यहां से वे कहां जाएंगे.

स्थानीय लोगों का कहना है कि उसी गांव में एमएलसी ने अपने परिवार के नाम जमीन खरीदी है. बता दें कि इस बार भी भाजपा की तरफ से वाराणसी स्नातक खंड क्षेत्र से केदारनाथ सिंह को प्रत्याशी बनाया गया है.

वहीं मामला सामने आने के बाद इस पर समाजवादी पार्टी के कार्यकर्ता भी सक्रिय हो गए हैं. इस मुद्दे को लगातार उठा रहे हैं. विपक्ष का कहना है कि किसी भी कीमत पर हम उन्हें यहां से उजड़ने नहीं देंगे. हालांकि इसको लेकर समाजवादी पार्टी के कार्यकर्ताओं ने गांव का दौरा किया और जिलाधिकारी से मिलकर भी शिकायत की है.

वहीं इस संबंध में जिला प्रशासन का कहना है कि सरकारी जमीन है, इसलिए उनको नोटिस दिया गया है. वह खाली कराई जाएगी, अगर कोई पात्र व्यक्ति होगा, तो उसको कहीं अलग बसाने की कोशिश की जाएगी.

स्थानीय ने बयां किया अपना दर्द
स्थानीय अमरजीत यादव का कहना है कि यहां पर 64 घरों की बस्ती है, कुल 15 बीघे का मामला है. यहां पर 64 परिवारों में लगभग 1000 लोग रहते हैं. वैसे बहुत सरकारें आईं और चली गईं, लेकिन आज तक ऐसा नहीं हुआ कि पूरी बस्ती को खाली कराने या हटाने की बात कही गई हो. पहली बार ऐसा हुआ है कि हमारे ऊपर ऐसी विपत्ति आई है. यह मामला स्नातक एमएलसी के द्वारा किया गया है, जिसमें सभी लोग परेशान हैं. सभी लोगों के बीच दहशत है. हम करें तो क्या करें. यहां पर सभी मजदूर हैं. मजदूरी करके अपना और बच्चों का पेट चलाते हैं. एमएलसी साहब ने यहीं बगल में बहू बेटे और बेटी के नाम से 12 बीघे जमीन ली है. सरकारी ताकत का उपयोग करके आगे पीछे सीसी रोड हैंडपंप का काम करवाया है. इस जमीन को हथियाकर अपने निजी स्वार्थ और निजी व्यवस्था के लिए काम करना चाहते हैं.


सपा पूर्व जिला पंचायत अध्यक्ष ने कहा
समाजवादी पार्टी के पूर्व जिला पंचायत अध्यक्ष अनिल यादव ने कहा कि यह बहुत दुर्भाग्यपूर्ण है. 60 से अधिक परिवार यहां काबिज हैं और सपरिवार रह रहे हैं. सत्ता पक्ष के इशारे पर यह काम हो रहा है, जिसका नारा था सबका साथ, सबका विकास, वह आज इन्हें उजाड़ने का काम कर रहा है. यहां एमएलसी केदारनाथ सिंह ने बहुअरा गांव को गोद लेने का काम किया और सपना दिखाया था कि बहुअरा का विकास करेंगे. सीएम भी यहां आए थे, तमाम योजनाओं का उन्होंने लोकार्पण और शिलान्यास किया था. मुसहर बस्ती में गए थे, उस दौरान एमएलसी ने कहा था कि बहुअरा को आदर्श गांव बनाएंगे, हमें नहीं लगता बहुअरा को आदर्श गांव बनाने का काम कर रहे हैं. यह 64 परिवार के 1000 लोगों को उजाड़ने का काम कर रहे हैं. यहां बेटे और बहू के नाम से जमीन ली गई है. इसलिए यहां से इन्हें बेदखल करवाकर जमीन हथियाना चाहते हैं.

सपा जिलाध्यक्ष ने बताया
समाजवादी पार्टी सोनभद्र जिला अध्यक्ष विजय यादव ने कहा कि इस गांव में लगभग 65 परिवार ऐसे हैं, जो दादा बाबा के जमाने से घर बनाकर रह रहे हैं. यहां पर एक सत्ता पक्ष के एमएलसी केदारनाथ सिंह के द्वारा गांव के लोगों को उजाड़ने की साजिश की जा रही है. यहां उन्होंने बेटे और बहू के नाम से 12 बीघे जमीन खरीदी है. एमएलसी निधि का सारा पैसा उस जमीन में बिजली आदि लगाने में लगा दिए, गांव की जनता की भलाई में कोई काम नहीं किया गया. कई जगह लोगों को डरा-धमकाकर जमीन को कब्जा करने का प्रयास किया गया. गांव वालों को उजाड़ कर यहां किन्ही दबंग लोगों को कब्जा कराने की साजिश की जा रही है, जिसे हम कतई बर्दाश्त नहीं करेंगे. यहां की गांव की जनता की भलाई के लिए इन्हें उजड़ने नहीं देंगे.


अपर जिला अधिकारी ने दी जानकारी
अपर जिला अधिकारी योगेंद्र बहादुर सिंह ने बताया कि इसमें शिकायत हुई थी. विधान परिषद सदस्य केदारनाथ सिंह की तरफ से उसकी जांच भी कराई गई थी. पहले से भी यह मामला संज्ञान में आया था. सिंचाई विभाग के प्रबंधन में सरकारी जमीन दी गई है, जो कि लगभग 10 बीघे के करीब है. इसमें ढाई बीघे में खेती करके कब्जा किया गया था. 6 से 7 बीघे में घर बनाकर लोग रह रहे हैं, लेकिन सरकार की जमीन पर जो कि सिंचाई प्रबंधन में है, उस पर अधिकार नहीं दिए जा सकते. अगर कोई पात्र व्यक्ति होगा, तो उसे कहीं और बसाने की कोशिश की जाएगी. उन्हें हटाया जाना है, इसलिए उन्हें नोटिस जारी की गई है.

सोनभद्र: जिले के राबर्ट्सगंज कोतवाली इलाके का बहुअरा गांव इस समय चर्चा का विषय बना हुआ है. यहां एक टोले में 64 घरों की बस्ती है, जिनका परिवार दो पुश्तों से अधिक समय से यहां रह रहा था, लेकिन इनका घर जिस जमीन पर है, वह सरकारी जमीन बताई जा रही है, जो कि वर्तमान में सिंचाई विभाग की है. इस गांव को विधान परिषद सदस्य केदारनाथ सिंह ने गोद लेकर विकास कराने और आदर्श गांव बनाने की बात कही थी, लेकिन गोद लेकर विकास कराने के बजाय उन्होंने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को पत्र लिखकर इन 64 घरों को हटाने की और जमीन खाली कराने की मांग की है.

सोनभद्र में 64 परिवारों को घर खाली करने का नोटिस जारी.

उनका कहना है कि यह लोग अवैध कब्जा किए हुए हैं. हालांकि एमएलसी के पत्र के बाद गांव वालों को जल्द जमीन खाली करने के नोटिस प्रशासन द्वारा भेज दी गई है. वहीं नोटिस मिलने के बाद इन लोगों में मायूसी और निराशा है कि घर खाली करके यह लोग कहां जाएंगे. वहीं जिला प्रशासन पर भी एक बड़ा सवाल खड़ा हो रहा है कि अगर यह सरकारी जमीन थी, तो यहां पर रहने वाले लोगों को प्रधानमंत्री आवास, शौचालय, बिजली एवं सड़क जैसी सुविधाएं कैसे मिली.


जनपद के बहुअरा गांव को विधान परिषद सदस्य केदारनाथ सिंह ने गोद लेकर आदर्श गांव बनाने की बात कही थी. लेकिन गोद लेने के बाद उन्होंने गांव के विषय में जानकारी प्राप्त की और सरकारी भूमि पर दो पीढ़ियों से ज्यादा समय से रह रहे लोगों को हटाने के लिए मुख्यमंत्री को पत्र लिखा. पत्र के बाद जिला प्रशासन भी एक्टिव हुआ और वहां का सर्वे करके लोगों को वहां की जमीन खाली करने का नोटिस थमा दिया, जिसके चलते वहां के लोगों में डर का माहौल है कि यहां से वे कहां जाएंगे.

स्थानीय लोगों का कहना है कि उसी गांव में एमएलसी ने अपने परिवार के नाम जमीन खरीदी है. बता दें कि इस बार भी भाजपा की तरफ से वाराणसी स्नातक खंड क्षेत्र से केदारनाथ सिंह को प्रत्याशी बनाया गया है.

वहीं मामला सामने आने के बाद इस पर समाजवादी पार्टी के कार्यकर्ता भी सक्रिय हो गए हैं. इस मुद्दे को लगातार उठा रहे हैं. विपक्ष का कहना है कि किसी भी कीमत पर हम उन्हें यहां से उजड़ने नहीं देंगे. हालांकि इसको लेकर समाजवादी पार्टी के कार्यकर्ताओं ने गांव का दौरा किया और जिलाधिकारी से मिलकर भी शिकायत की है.

वहीं इस संबंध में जिला प्रशासन का कहना है कि सरकारी जमीन है, इसलिए उनको नोटिस दिया गया है. वह खाली कराई जाएगी, अगर कोई पात्र व्यक्ति होगा, तो उसको कहीं अलग बसाने की कोशिश की जाएगी.

स्थानीय ने बयां किया अपना दर्द
स्थानीय अमरजीत यादव का कहना है कि यहां पर 64 घरों की बस्ती है, कुल 15 बीघे का मामला है. यहां पर 64 परिवारों में लगभग 1000 लोग रहते हैं. वैसे बहुत सरकारें आईं और चली गईं, लेकिन आज तक ऐसा नहीं हुआ कि पूरी बस्ती को खाली कराने या हटाने की बात कही गई हो. पहली बार ऐसा हुआ है कि हमारे ऊपर ऐसी विपत्ति आई है. यह मामला स्नातक एमएलसी के द्वारा किया गया है, जिसमें सभी लोग परेशान हैं. सभी लोगों के बीच दहशत है. हम करें तो क्या करें. यहां पर सभी मजदूर हैं. मजदूरी करके अपना और बच्चों का पेट चलाते हैं. एमएलसी साहब ने यहीं बगल में बहू बेटे और बेटी के नाम से 12 बीघे जमीन ली है. सरकारी ताकत का उपयोग करके आगे पीछे सीसी रोड हैंडपंप का काम करवाया है. इस जमीन को हथियाकर अपने निजी स्वार्थ और निजी व्यवस्था के लिए काम करना चाहते हैं.


सपा पूर्व जिला पंचायत अध्यक्ष ने कहा
समाजवादी पार्टी के पूर्व जिला पंचायत अध्यक्ष अनिल यादव ने कहा कि यह बहुत दुर्भाग्यपूर्ण है. 60 से अधिक परिवार यहां काबिज हैं और सपरिवार रह रहे हैं. सत्ता पक्ष के इशारे पर यह काम हो रहा है, जिसका नारा था सबका साथ, सबका विकास, वह आज इन्हें उजाड़ने का काम कर रहा है. यहां एमएलसी केदारनाथ सिंह ने बहुअरा गांव को गोद लेने का काम किया और सपना दिखाया था कि बहुअरा का विकास करेंगे. सीएम भी यहां आए थे, तमाम योजनाओं का उन्होंने लोकार्पण और शिलान्यास किया था. मुसहर बस्ती में गए थे, उस दौरान एमएलसी ने कहा था कि बहुअरा को आदर्श गांव बनाएंगे, हमें नहीं लगता बहुअरा को आदर्श गांव बनाने का काम कर रहे हैं. यह 64 परिवार के 1000 लोगों को उजाड़ने का काम कर रहे हैं. यहां बेटे और बहू के नाम से जमीन ली गई है. इसलिए यहां से इन्हें बेदखल करवाकर जमीन हथियाना चाहते हैं.

सपा जिलाध्यक्ष ने बताया
समाजवादी पार्टी सोनभद्र जिला अध्यक्ष विजय यादव ने कहा कि इस गांव में लगभग 65 परिवार ऐसे हैं, जो दादा बाबा के जमाने से घर बनाकर रह रहे हैं. यहां पर एक सत्ता पक्ष के एमएलसी केदारनाथ सिंह के द्वारा गांव के लोगों को उजाड़ने की साजिश की जा रही है. यहां उन्होंने बेटे और बहू के नाम से 12 बीघे जमीन खरीदी है. एमएलसी निधि का सारा पैसा उस जमीन में बिजली आदि लगाने में लगा दिए, गांव की जनता की भलाई में कोई काम नहीं किया गया. कई जगह लोगों को डरा-धमकाकर जमीन को कब्जा करने का प्रयास किया गया. गांव वालों को उजाड़ कर यहां किन्ही दबंग लोगों को कब्जा कराने की साजिश की जा रही है, जिसे हम कतई बर्दाश्त नहीं करेंगे. यहां की गांव की जनता की भलाई के लिए इन्हें उजड़ने नहीं देंगे.


अपर जिला अधिकारी ने दी जानकारी
अपर जिला अधिकारी योगेंद्र बहादुर सिंह ने बताया कि इसमें शिकायत हुई थी. विधान परिषद सदस्य केदारनाथ सिंह की तरफ से उसकी जांच भी कराई गई थी. पहले से भी यह मामला संज्ञान में आया था. सिंचाई विभाग के प्रबंधन में सरकारी जमीन दी गई है, जो कि लगभग 10 बीघे के करीब है. इसमें ढाई बीघे में खेती करके कब्जा किया गया था. 6 से 7 बीघे में घर बनाकर लोग रह रहे हैं, लेकिन सरकार की जमीन पर जो कि सिंचाई प्रबंधन में है, उस पर अधिकार नहीं दिए जा सकते. अगर कोई पात्र व्यक्ति होगा, तो उसे कहीं और बसाने की कोशिश की जाएगी. उन्हें हटाया जाना है, इसलिए उन्हें नोटिस जारी की गई है.

Last Updated : Sep 17, 2020, 4:14 PM IST
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