सोनभद्र: कोरोना काल में भी यूपी के सोनभद्र जिले में स्वास्थ्य सेवाएं बदहाल हैं. जिले में संचालित 108 और 102 एंबुलेंस सेवाएं वेंटिलेटर पर हैं. एंबुलेंस सेवा का संचालन ठीक से न होने से मरीजों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है. जिले में 102 और 108 एंबुलेंस की संख्या कुल मिलाकर 46 है, लेकिन इनमें से 15 एंबुलेंस मेंटेनेंस के अभाव में जिला अस्पताल परिसर में खड़ी हैं. एंबुलेंस के संचालन में टायर और डीजल की कमी एक बड़ी समस्या है. बताया जाता है कि जिस कंपनी को एंबुलेंस के संचालन का जिम्मा दिया गया है, वह न तो समय से एंबुलेंस की मरम्मत करवा रही है और न ही खराब हो चुके टायर को बदलवा रही है.
एंबुलेंस के जरिए मरीजों को अस्पताल पहुंचाकर उनका जीवन बचाने की सरकार की योजना पर अब ग्रहण लगता नजर आ रहा है. मेंटेनेंस के अभाव में 108 और 102 की 15 एंबुलेंस जिला अस्पताल परिसर में खड़ी है. बताया जा रहा है कि जिले की भौगोलिक स्थिति दुरूह होने के कारण एंबुलेंस अन्य जिलों की अपेक्षा ज्यादा किलोमीटर चलती हैं. इसलिए उनके मेंटेनेंस की भी अधिक जरूरत होती है.
बताया जा रहा है कि जनपद की एंबुलेंस के टायर जल्दी घिस जाते हैं, लेकिन उन्हें समय से नहीं बदला जा रहा है. वहीं दूसरी तरफ पेट्रोल पंप मालिकों के डीजल का भुगतान भी समय से नहीं हो पा रहा है. इसलिए एंबुलेंस सेवाएं प्रभावित हो रही हैं. 'जीवीके कंपनी' जिसे एंबुलेंस के संचालन का जिम्मा सौंपा गया है. वह इन समस्याओं की तरफ ध्यान नहीं दे रही है. इससे लोगों की समस्याएं बढ़ती ही जा रही हैं. बताया जाता है कि जनपद में इस समय सिर्फ 31 एंबुलेंस का संचालन किया जा रहा है. शेष 15 एंबुलेंस मेंटेनेंस के अभाव में खड़ी हैं.
मुख्य चिकित्सा अधीक्षक प्रेम बहादुर गौतम ने दी जानकारी
जिला अस्पताल के मुख्य चिकित्सा अधीक्षक प्रेम बहादुर गौतम का कहना है कि मामले की जानकारी मिली है. इसको लेकर उच्च अधिकारियों से वार्ता चल रही है. शासन से जो भी निर्देश प्राप्त होगा उसके आधार पर आगे की कार्रवाई की जाएगी.