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जानें क्या है करवा चौथ पूजन में नए अन्न और सींकों का है विशेष महत्व - importance of new grains and sinks in karva chauth pujan

इस वर्ष करवा चौथ का व्रत बेहद खास है. 70 साल बाद करवा चौथ पर इस बार शुभ संयोग बन रहा है. इस बार रोहिणी नक्षत्र के साथ मंगल का योग होना करवा चौथ को अधिक मंगलकारी बना रहा है. ऐसे में जाने क्या है नए अन्न और सींकों का महत्व.

मिट्टी का करवा.
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Published : Oct 17, 2019, 10:43 AM IST

सीतापुर: आज करवा चौथ का पर्व है. हिन्दू समाज में इस पर्व का खास महत्व है. इस दिन सौभाग्यवती महिलाएं पति की दीर्घायु के लिए पूरा दिन निर्जला व्रत रखती हैं और सायंकाल चंद्रमा निकलने पर उसका दर्शन-पूजन करने के बाद व्रत का पारण करती हैं. इस पर्व में पूजन के दौरान व्रती महिलाएं करवा में नया अन्न रखती हैं और उसमे सींक लगाकर उसका पूजन करती है.

करवा चौथ पूजन का महत्व.
कार्तिक मास की कृष्ण पक्ष की चतुर्थी को करवा चौथ का त्यौहार मनाया जाता है. सुहागिन स्त्रियों के लिए यह पर्व सबसे ज्यादा महत्वपूर्ण होता है. पूरे वर्ष सौभाग्यवती महिलाओं को इस पर्व का इंतजार रहता है. इस पर्व पर करवा में नए अन्न को रखने सींक लगाने की परंपरा प्रचलित है.

इस बारे में पुरोहित राकेश शास्त्री ने बताया कि श्री गणेश चतुर्थी के नाम से भी इस त्यौहार को जाना जाता है. इस पर्व पर महिलाएं प्रथम पूज्य भगवान श्री गणेश का नए अन्न से पूजन भोग लगाकर सुख समृद्धि की कामना करती हैं और जीवन की समस्त विघ्न बाधाओं को दूर करने के लिए सींक लगाकर करवा का पूजन करती हैं, ताकि उन दोनों के दाम्पत्य जीवन में हरियाली बनी रहे.

ये भी पढे़ं:- करवा चौथ के मौके पर महिलाओं के लिए मेंहदी उत्सव का आयोजन

सीतापुर: आज करवा चौथ का पर्व है. हिन्दू समाज में इस पर्व का खास महत्व है. इस दिन सौभाग्यवती महिलाएं पति की दीर्घायु के लिए पूरा दिन निर्जला व्रत रखती हैं और सायंकाल चंद्रमा निकलने पर उसका दर्शन-पूजन करने के बाद व्रत का पारण करती हैं. इस पर्व में पूजन के दौरान व्रती महिलाएं करवा में नया अन्न रखती हैं और उसमे सींक लगाकर उसका पूजन करती है.

करवा चौथ पूजन का महत्व.
कार्तिक मास की कृष्ण पक्ष की चतुर्थी को करवा चौथ का त्यौहार मनाया जाता है. सुहागिन स्त्रियों के लिए यह पर्व सबसे ज्यादा महत्वपूर्ण होता है. पूरे वर्ष सौभाग्यवती महिलाओं को इस पर्व का इंतजार रहता है. इस पर्व पर करवा में नए अन्न को रखने सींक लगाने की परंपरा प्रचलित है.

इस बारे में पुरोहित राकेश शास्त्री ने बताया कि श्री गणेश चतुर्थी के नाम से भी इस त्यौहार को जाना जाता है. इस पर्व पर महिलाएं प्रथम पूज्य भगवान श्री गणेश का नए अन्न से पूजन भोग लगाकर सुख समृद्धि की कामना करती हैं और जीवन की समस्त विघ्न बाधाओं को दूर करने के लिए सींक लगाकर करवा का पूजन करती हैं, ताकि उन दोनों के दाम्पत्य जीवन में हरियाली बनी रहे.

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Intro:सीतापुर:आज करवा चौथ का पर्व है. हिन्दू समाज में इस पर्व का खास महत्व होता है.इस दिन सौभाग्यवती महिलाएं पति की दीर्घायु के लिए पूरा दिन निर्जला व्रत रखती हैं और सायंकाल चंद्रमा निकलने पर उसका दर्शन पूजन करने के बाद व्रत का पारायण करती हैं. इस पर्व में पूजन के दौरान व्रती महिलाएं करवा में नया अन्न रखती हैं और उसमे सींक लगाकर उसका पूजन करती है.


Body:कार्तिक मास की कृष्ण पक्ष की चतुर्थी को करवा चौथ का त्यौहार मनाया जाता है. सुहागिन स्त्रियों के लिए यह पर्व सबसे ज्यादा महत्वपूर्ण होता है. पूरे वर्ष सौभाग्यवती महिलाओं को इस पर्व का इंतज़ार रहता है. इस पर्व पर करवा में नए अन्न को रखने सींक लगाने की प्रचलित परंपरा के बारे में जब पुरोहितों से बात की गई तो उन्होंने बताया कि श्री गणेश चतुर्थी के नाम से भी इस त्यौहार को जाना जाता है. इस पर्व पर महिलाएं प्रथम पूज्य भगवान श्री गणेश का नए अन्न से पूजन भोग लगाकर सुख समृद्धि की कामना करती हैं और जीवन की समस्त विघ्न बाधाओं को दूर करने के लिए सींक लगाकर करवा का पूजन करती हैं ताकि उन दोनों के दाम्पत्य जीवन में हरियाली बनी रहे.


Conclusion:बाइट-राकेश शास्त्री (पुरोहित)

सीतापुर से नीरज श्रीवास्तव की रिपोर्ट,9415084887
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