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सीतापुर: स्वास्थ्य विभाग में नौ माह से नहीं हुआ वाहनों का भुगतान, मालिक और चालक परेशान

स्वास्थ्य विभाग से सम्बद्ध 58 वाहनों के किराए का नौ माह से भुगतान नहीं हो पाया है. भुगतान न होने के कारण वाहन स्वामियों और चालको को आर्थिक परेशानी का सामना करना पड़ रहा है, लिहाजा उन्होंने भुगतान न मिलने तक अपनी सेवायें बंद कर दी हैं.

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सीएमओ ऑफिस सीतापुर.
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Published : Oct 6, 2020, 8:36 PM IST

सीतापुर: स्वास्थ्य विभाग के राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम के अंतर्गत सम्बद्ध किये गये 58 वाहनों के किराए का पिछले नौ माह से भुगतान नहीं किया गया है. चयनित फर्म ने इस बकाया भुगतान के लिए अधिकारियों से कई बार गुहार लगाई लेकिन उसकी अभी तक सुनवाई नहीं हुई है. भुगतान न होने के कारण वाहन स्वामियों और चालकों को आर्थिक परेशानी का सामना करना पड़ रहा है, लिहाजा उन्होंने भुगतान न मिलने तक अपनी सेवायें बंद कर दी हैं.

राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम के अंतर्गत जिले के 19 सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र पर दो-दो चार पहिया वाहन लगाये गये हैं. इसके अलावा सपोर्टिंग सुपरविजन के लिए एक-एक वाहन लगाया गया है. इस प्रकार प्रत्येक सीएचसी पर तीन-तीन वाहन अटैच किये गये हैं. इन वाहनों के माध्यम से स्वास्थ्य विभाग की टीमें सीएचसी से गांवों में जाती हैं और मरीज़ों का चेकप करके उन्हें दवाइयां देती हैं. वाहन चलवाने का ठेका शालीमार इंटरप्राइजेज लखनऊ फर्म को दिया गया था लेकिन इस वाहनों का जनवरी से अब तक पिछले नौ माह से कोई भुगतान नहीं किया गया है.

वाहनों का भुगतान न मिलने के कारण वाहन स्वामियों को आर्थिक परेशानी के दौर से गुजरना पड़ रहा है. उन्हें गाड़ी का ईंधन और चालक की तनख्वाह का भुगतान अपनी जेब से करना पड़ रहा है. वाहन चालकों ने बताया कि शुरुआत में तो वाहन स्वामी उनका भुगतान करते रहे लेकिन कई माह बीत जाने के बाद वे लोग भी उनका वेतन देने में असमर्थता व्यक्त कर रहे हैं. उनका कहना है कि कोरोना जैसी महामारी में भी उन लोगों ने बिना किसी खास सुविधा से पूरी मेहनत से अपनी सेवाएं दीं लेकिन फिर भी स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी कागजी खानापूरी को लेकर उनका भुगतान लटकाये हुए हैं. इसी वजह से फर्म ने बीती 23 सितंबर से अपनी सेवाएं बंद कर दी हैं. इस पूरे मामले में स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी कोई भी पक्ष देने को तैयार नहीं हैं.

सीतापुर: स्वास्थ्य विभाग के राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम के अंतर्गत सम्बद्ध किये गये 58 वाहनों के किराए का पिछले नौ माह से भुगतान नहीं किया गया है. चयनित फर्म ने इस बकाया भुगतान के लिए अधिकारियों से कई बार गुहार लगाई लेकिन उसकी अभी तक सुनवाई नहीं हुई है. भुगतान न होने के कारण वाहन स्वामियों और चालकों को आर्थिक परेशानी का सामना करना पड़ रहा है, लिहाजा उन्होंने भुगतान न मिलने तक अपनी सेवायें बंद कर दी हैं.

राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम के अंतर्गत जिले के 19 सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र पर दो-दो चार पहिया वाहन लगाये गये हैं. इसके अलावा सपोर्टिंग सुपरविजन के लिए एक-एक वाहन लगाया गया है. इस प्रकार प्रत्येक सीएचसी पर तीन-तीन वाहन अटैच किये गये हैं. इन वाहनों के माध्यम से स्वास्थ्य विभाग की टीमें सीएचसी से गांवों में जाती हैं और मरीज़ों का चेकप करके उन्हें दवाइयां देती हैं. वाहन चलवाने का ठेका शालीमार इंटरप्राइजेज लखनऊ फर्म को दिया गया था लेकिन इस वाहनों का जनवरी से अब तक पिछले नौ माह से कोई भुगतान नहीं किया गया है.

वाहनों का भुगतान न मिलने के कारण वाहन स्वामियों को आर्थिक परेशानी के दौर से गुजरना पड़ रहा है. उन्हें गाड़ी का ईंधन और चालक की तनख्वाह का भुगतान अपनी जेब से करना पड़ रहा है. वाहन चालकों ने बताया कि शुरुआत में तो वाहन स्वामी उनका भुगतान करते रहे लेकिन कई माह बीत जाने के बाद वे लोग भी उनका वेतन देने में असमर्थता व्यक्त कर रहे हैं. उनका कहना है कि कोरोना जैसी महामारी में भी उन लोगों ने बिना किसी खास सुविधा से पूरी मेहनत से अपनी सेवाएं दीं लेकिन फिर भी स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी कागजी खानापूरी को लेकर उनका भुगतान लटकाये हुए हैं. इसी वजह से फर्म ने बीती 23 सितंबर से अपनी सेवाएं बंद कर दी हैं. इस पूरे मामले में स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी कोई भी पक्ष देने को तैयार नहीं हैं.

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