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सीतापुर: यात्रियों की संख्या कम होने से रोडवेज को घाटा, 39 बसों का सरेंडर

उत्तर प्रदेश के सीतापुर परिवहन निगम ने 39 बसों को सरेंडर कर दिया है. यात्रियों की संख्या कम होने के कारण परिवहन निगम को घाटा उठाना पड़ रहा है. यह जानकारी सहायक क्षेत्रीय प्रबंधक विमल राजन ने दी.

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सीतापुर डिपो
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Published : Sep 13, 2020, 7:29 PM IST

सीतापुर: अनलॉक की प्रक्रिया लागू होने के बाद परिवहन निगम की बसों का संचालन तो शुरू कर दिया गया है, लेकिन यात्रियों की संख्या कम होने के कारण परिवहन निगम को घाटा उठाना पड़ रहा है. इसी घाटे को कम करने के लिए सीतापुर डिपो की 39 बसों को सरेंडर कर दिया गया है. इन बसों का टैक्स बचने से परिवहन निगम को कम घाटा झेलना पड़ेगा.

मीडिया से बात करते सहायक क्षेत्रीय प्रबंधक विमल राजन.

अनलॉक के बाद परिवहन निगम ने प्रमुख मार्गों पर बसों का संचालन शुरू कर दिया है. कुछ मार्ग अब भी ऐसे हैं, जिन पर यात्रियों की संख्या बहुत कम है, लिहाजा रोडवेज को इन मार्गों पर बसों का संचालन करने में लगातार घाटा उठाना पड़ रहा था. परिवहन निगम ने इन मार्गों पर बसों का संचालन तो बंद ही कर दिया है, साथ ही इन बसों को सरेंडर भी कर दिया है, ताकि टैक्स का खर्च बचाया जा सके.

सीतापुर डिपो के सहायक क्षेत्रीय प्रबंधक विमल राजन ने बताया कि अब तक 39 बसों को सरेंडर किया गया है. जिसमे परिवहन निगम की 23 और 16 अनुबंधित बसें शामिल हैं. उन्होंने बताया कि निगम को घाटे से बचाने के लिए यह कदम उठाया गया है. उन्होंने बताया कि फिलहाल तीन महीनों के लिए इन बसों को सरेंडर किया गया है, लेकिन आगे इसकी समयावधि यात्रियों की संख्या पर निर्भर करेगी.

सीतापुर: अनलॉक की प्रक्रिया लागू होने के बाद परिवहन निगम की बसों का संचालन तो शुरू कर दिया गया है, लेकिन यात्रियों की संख्या कम होने के कारण परिवहन निगम को घाटा उठाना पड़ रहा है. इसी घाटे को कम करने के लिए सीतापुर डिपो की 39 बसों को सरेंडर कर दिया गया है. इन बसों का टैक्स बचने से परिवहन निगम को कम घाटा झेलना पड़ेगा.

मीडिया से बात करते सहायक क्षेत्रीय प्रबंधक विमल राजन.

अनलॉक के बाद परिवहन निगम ने प्रमुख मार्गों पर बसों का संचालन शुरू कर दिया है. कुछ मार्ग अब भी ऐसे हैं, जिन पर यात्रियों की संख्या बहुत कम है, लिहाजा रोडवेज को इन मार्गों पर बसों का संचालन करने में लगातार घाटा उठाना पड़ रहा था. परिवहन निगम ने इन मार्गों पर बसों का संचालन तो बंद ही कर दिया है, साथ ही इन बसों को सरेंडर भी कर दिया है, ताकि टैक्स का खर्च बचाया जा सके.

सीतापुर डिपो के सहायक क्षेत्रीय प्रबंधक विमल राजन ने बताया कि अब तक 39 बसों को सरेंडर किया गया है. जिसमे परिवहन निगम की 23 और 16 अनुबंधित बसें शामिल हैं. उन्होंने बताया कि निगम को घाटे से बचाने के लिए यह कदम उठाया गया है. उन्होंने बताया कि फिलहाल तीन महीनों के लिए इन बसों को सरेंडर किया गया है, लेकिन आगे इसकी समयावधि यात्रियों की संख्या पर निर्भर करेगी.

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