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सीतापुर: गन्ने की फसल में तेजी से फैल रहा लाल सड़न रोग, किसान परेशान

उत्तर प्रदेश के सीतापुर जिले में किसान अपने गन्ने की फसल की बर्बादी को लेकर चिंतित हैं. फसल में रेड रॉट यानि कि लाल सड़न रोग लग गया है, जिसका प्रकोप सैकड़ों एकड़ एरिया में फैला हुआ है. इस रोग के चलते गन्ना पूरी तरह से झुलसता जा रहा है.

परेशान गन्ना किसान.
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Published : Sep 3, 2019, 8:12 AM IST

सीतापुर: राजधानी से सटे इस जिले में गन्ना मुख्य फसल है. कैश क्रॉप यानि कि नगदी फसल होने के कारण अधिकांश किसान गन्ने की फसल की ही पैदावार करते हैं. इस बार किसान अपनी फसल की बर्बादी को लेकर चिंतित हैं. वजह यह है कि खेतों में खड़ी गन्ने की फसल में रेड रॉट यानि कि लाल सड़न रोग लग गया है.

परेशान गन्ना किसान.

जिले के गन्ने किसान हैं परेशान

  • जिले के हरगांव झरेखापुर इलाके के किसान अपनी गन्ने के फसल की बर्बादी को लेकर चिंतित हैं.
  • खेतों में खड़ी गन्ने की फसल में रेड रॉट यानि कि लाल सड़न रोग लग गया है.
  • सैकड़ों एकड़ एरिया में इस रोग का प्रकोप फैला हुआ है.
  • इस रोग के बाद गन्ना पूरी तरह से झुलस जाता है.
  • चीनी मिलों के लिए भी शुगर की बजाय अल्कोहल बनाने के काम ही यह गन्ना आता है.
  • कृषि वैज्ञानिकों ने इस रोग को बीज जनित रोग बताते हुए इसके बचाव के उपाय भी बताए हैं.

बीजजनित रोग है और वायरस के कारण काफी तेजी से फैलता है. इसके प्रकोप को रोकने के लिए किसानों को जागरूक होने की जरूरत है. साथ ही प्रबन्धन के जरिये भी वे इस रोग के प्रकोप को कम कर सकते हैं.
-डॉ. दया शंकर श्रीवास्तव, कृषि वैज्ञानिक

सीतापुर: राजधानी से सटे इस जिले में गन्ना मुख्य फसल है. कैश क्रॉप यानि कि नगदी फसल होने के कारण अधिकांश किसान गन्ने की फसल की ही पैदावार करते हैं. इस बार किसान अपनी फसल की बर्बादी को लेकर चिंतित हैं. वजह यह है कि खेतों में खड़ी गन्ने की फसल में रेड रॉट यानि कि लाल सड़न रोग लग गया है.

परेशान गन्ना किसान.

जिले के गन्ने किसान हैं परेशान

  • जिले के हरगांव झरेखापुर इलाके के किसान अपनी गन्ने के फसल की बर्बादी को लेकर चिंतित हैं.
  • खेतों में खड़ी गन्ने की फसल में रेड रॉट यानि कि लाल सड़न रोग लग गया है.
  • सैकड़ों एकड़ एरिया में इस रोग का प्रकोप फैला हुआ है.
  • इस रोग के बाद गन्ना पूरी तरह से झुलस जाता है.
  • चीनी मिलों के लिए भी शुगर की बजाय अल्कोहल बनाने के काम ही यह गन्ना आता है.
  • कृषि वैज्ञानिकों ने इस रोग को बीज जनित रोग बताते हुए इसके बचाव के उपाय भी बताए हैं.

बीजजनित रोग है और वायरस के कारण काफी तेजी से फैलता है. इसके प्रकोप को रोकने के लिए किसानों को जागरूक होने की जरूरत है. साथ ही प्रबन्धन के जरिये भी वे इस रोग के प्रकोप को कम कर सकते हैं.
-डॉ. दया शंकर श्रीवास्तव, कृषि वैज्ञानिक

Intro:सीतापुर: गन्ने की प्रमुख फसल वाले इस जिले में इन दिनों गन्ना किसान बेहद परेशान है.इस बार उनकी परेशानी गन्ना मूल्य के बकाया भुगतान या फिर गन्ना पर्चियों को लेकर नही है. इस बार वे गन्ने की फसल में तेज़ी से फैल रहे लाल सड़न रोग को लेकर परेशान हैं. कृषि वैज्ञानिकों ने इस रोग को बीज जनित रोग बताते हुए इसके बचाव के उपाय बताए हैं.


Body:सूबे की राजधानी से सटे इस जिले में गन्ना मुख्य फसल है.कैश क्रॉप यानि कि नगदी फसल होने के कारण अधिकांश किसान गन्ने की फसल की ही पैदावार करते हैं. गन्ने की अधिक उपज के कारण इस जिले में पांच चीनी मिलों का संचालन भी किया जा रहा है लेकिन इस बार किसान अपनी फसल की बर्बादी को लेकर चिंतित हैं.वजह यह कि खेतों में खड़ी गन्ने की फसल में रेड रॉट यानि कि लाल सड़न रोग लग गया है यह रोग काफ़ी तेज़ी से फैल रहा है.हरगांव के झरेखापुर इलाके में इसका भयंकर प्रकोप देखने को मिल रहा है. यहां के गन्ना किसानो ने बताया कि सैकड़ो एकड़ एरिया में इस रोग का प्रकोप फैला हुआ है. इस रोग के बाद गन्ना पूरी तरह से झुलस जाता है और फिर चीनी मिलों के लिए भी शुगर की बजाय अल्कोहल बनाने के काम ही यह गन्ना आता है.


Conclusion:इस बाबत जब हमने कृषि वैज्ञानिकों से बातचीत की तो उन्होंने बताया कि यह बीजजनित रोग है और वायरस के कारण काफी तेजी से फैलता है. इसके प्रकोप को रोकने के लिए किसानों को जागरूक होने की जरूरत है.साथ ही प्रबन्धन के जरिये भी वे इस रोग के प्रकोप को कम कर सकते हैं.

बाइट-महिपाल (गन्ना किसान)
बाइट-अंशू सिंह (गन्ना किसान)
बाइट-डॉ दया शंकर श्रीवास्तव (कृषि वैज्ञानिक-फसल सुरक्षा)


सीतापुर से नीरज श्रीवास्तव की रिपोर्ट-9415084887
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