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प्रियंका गांधी ने ऑडियो जारी कर भाजपा सरकार को बताया कायर - सीतापुर

सीतापुर पुलिस ने कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा को गिरफ्तार कर लिया है. उन पर शांति भंग करने समेत कई धाराओं में FIR दर्ज की गई है. प्रियंका को 4 अक्टूबर सुबह 4:30 बजे गिरफ्तार किया गया था. वहीं सूत्रों के अनुसार बुधवार को कांग्रेस नेता राहुल गांधी लखीमपुर जा सकते हैं. उनका बुधवार दोपहर में लखनऊ पहुंचने का कार्यक्रम है.

सीतापुर में प्रियंका गांधी गिरफ्तार
सीतापुर में प्रियंका गांधी गिरफ्तार
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Published : Oct 5, 2021, 2:13 PM IST

Updated : Oct 5, 2021, 10:25 PM IST

सीतापुर : पुलिस ने कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा को गिरफ्तार कर लिया है. पुलिस ने कांग्रेस नेता प्रियंका गांधी को शांति भंग करने की धाराओं में गिरफ्तार कर लिया है. उन पर शांति भंग करने समेत कई धाराओं में FIR दर्ज की गई है. इससे पहले प्रियंका गांधी वाड्रा सीतापुर में पुलिस हिरासत में थीं. उन्हें 24 घंटे से ज्यादा समय तक हिरासत में रखने पर कांग्रेस पार्टी लगातार सवाल उठा रही थी, लेकिन अब यूपी पुलिस ने मामला दर्ज कर उन्हें गिरफ्तार कर लिया है. प्रियंका को 4 अक्टूबर सुबह 4:30 बजे गिरफ्तार किया गया था.

इससे पहले प्रियंका गांधी ने ट्विटर पर लखीमपुर हिंसा से संबंधित एक वीडियो शेयर कर पीएम नरेंद्र मोदी से सवाल पूछे थे. प्रियंका गांधी ने ऐलान किया था कि उन्हें चाहते तो पुलिस गिरफ्तार का सकती है, लेकिन वो बिना किसान परिवारों से मिले वापस नहीं लौटेंगी.

इसे भी पढ़ें-प्रियंका का मोदी सरकार पर हमला- आपकी सरकार ने बगैर किसी ऑर्डर-FIR के मुझे 28 घंटे से हिरासत में रखा

कांग्रेस की राष्ट्रीय महासचिव प्रियंका गांधी ने राज्य की योगी सरकार पर मंगलवार को हमला करते हुए कहा कि आवाज उठाने वाले लोगों के प्रति यूपी सरकार का रवैया लगातार हिंसात्मक और दमनकारी है. कांग्रेस महासचिव ने लखनऊ दौर पर आए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर भी निशाना साधा और पूछा कि वह लखीमपुर खीरी उन परिवारों से मिलने क्यों नहीं जा रहे हैं, जिनके बेटों की ‘‘बर्बरतापूर्ण तरीके से हत्या कर दी गई’’ और जहां हेलीकॉप्टर से जाने में यहां से सिर्फ 15 मिनट लगते हैं. वहीं सूत्रों के अनुसार बुधवार को कांग्रेस नेता राहुल गांधी लखीमपुर जा सकते हैं. उनका बुधवार दोपहर में लखनऊ पहुंचने का कार्यक्रम है.

प्रियंका गांधी ने जारी किया ऑडियो

कांग्रेस की राष्ट्रीय महासचिव और यूपी प्रभारी प्रियंका गांधी को अरेस्ट किए जाने से कांग्रेसी काफी आक्रोशित हैं. सीतापुर में कांग्रेस के कार्यकर्ता प्रदर्शन कर रहे हैं. आंदोलित कांग्रेस कार्यकर्ताओं को प्रियंका गांधी ने ऑडियो जारी कर संबोधित किया है. उन्होंने केंद्र की मोदी और उत्तर प्रदेश की योगी सरकार को अपने संबोधन में साफ तौर पर कायर करार दिया है. प्रियंका गांधी ने कहा है कि हमारा जवान हमारी सीमाओं पर हमारे देश की आजादी को सुरक्षित रखता है. जब कोई किसान आंदोलन में अपनी जान गंवाता है तो उसे मृतक नहीं कहते हैं उसे हम शहीद कहते हैं. वह शहीद कहलाता है. आज एक ऐसी कायर सरकार है कि उसका एक केंद्रीय राज्यमंत्री भरी सभा में जनता को धमकाता है, डरता है वह जनता की आवाज से. उसका बेटा गाड़ी के पहियों तले किसानों को कुचल देता है. यह कायरों की सरकार अपराधियों पर कार्रवाई करने के बजाय अपनी पूरी पुलिस फोर्स को विपक्ष की महिला को रोकने में लगा देती है. प्रियंका ने कहा कि जब यह हादसा हुआ तब कहां थी यह पुलिस? कहां थी यह सरकार? कहां था यह प्रशासन? मोदी जी मैं आपसे पूछना चाहती हूं कि आपकी नैतिकता कहां है? प्रियंका ने एक श्लोक पढ़ा और उसका अर्थ भी बताया. जनता की रक्षा सबसे बड़ा धर्म है. सभी जीवों के प्रति करुणा और रक्षा भाव रखना एक राजा का सबसे बड़ा धर्म है. आज मोदी जी आजादी का अमृत उत्सव मनाने के लिए यहां से 100 किलोमीटर दूर आए थे, लेकिन पीड़ित किसानों के आंसू पोंछने के लिए लखीमपुर खीरी नहीं आ पाए. इस सरकार को मैं कहना चाहती हूं कि हम कांग्रेस के सिपाही हैं. कांग्रेस समझती है कि किसानों ने इस देश के लिए क्या किया है? हम समझते हैं कि इस देश की रीढ़ की हड्डी किसान हैं. हम तुम्हारी तरह कायर नहीं है. हम तुम्हारी तानाशाही के सामने नहीं झुकेंगे. जितना मुझे रोकने की कोशिश करोगे उतनी बुलंदी से मैं किसानों की आवाज उठाउंगी.

इससे पहले जारी किया था लेटर

इससे पहले अपनी गिरफ्तारी के बाद प्रियंका गांधी ने एक लेटर भी जारी किया जिसमें उन्होंने कहा है कि चार अक्टूबर को सुबह 4:30 बजे डीसीपी पीयूष कुमार सिंह, क्षेत्राधिकारी सीतापुर शहर के मौखिक कथनानुसार मुझे धारा 151 के तहत हिरासत में ले लिया गया. जिस समय मुझे हिरासत में लिया गया उस समय मैं सीतापुर जिले में थी और लखीमपुर जिले की सीमा से लगभग 20 किलोमीटर दूर थी. उस समय लखीमपुर जिले में धारा 144 थी, लेकिन मेरी जानकारी के अनुसार, सीतापुर जिले में धारा 144 नहीं लगी हुई थी. वैसे भी मैं दो कांग्रेस कार्यकर्ताओं दीपेंद्र हुड्डा और संदीप सिंह के साथ एक गाड़ी में जा रही थी. चार लोगों के अलावा न तो मेरे पास मेरे सुरक्षा दस्ते की गाड़ी थी और न ही कोई अन्य कांग्रेस कार्यकर्ता मेरे साथ थे. मुझे हिरासत में लेकर दो महिला कांस्टेबल और दो पुरुष कांस्टेबल सीतापुर पीएससी परिसर ले आए. पीएसी परिसर सीतापुर लाए जाने के 38 घंटे बीत जाने पर पांच अक्टूबर को शाम 6:30 बजे तक उत्तर प्रदेश पुलिस या उत्तर प्रदेश सरकार के प्रशासन द्वारा न तो मुझे यह बताया गया कि मुझे किन परिस्थितियों में, किन कारणों से हिरासत में लिया गया है, और न तो मुझे बताया गया कि मुझे किस धारा के तहत हिरासत में लिया गया है? मुझे मेरी हिरासत से संबंधित न तो कोई नोटिस दिखाया गया न ही कोई आदेश. मुझे कोई एफआईआर भी उपलब्ध नहीं कराई गई. मैंने सोशल मीडिया पर एक कागज देखा है जिसमें प्रशासन ने 11 लोगों को नामजद किया है. इन 11 लोगों में से आठ लोग तो मेरी हिरासत के समय वहां मौजूद ही नहीं थे. यहां तक कि प्रशासन ने उन दो लोगों को भी नामजद कर दिया जो चार अक्टूबर को दोपहर में लखनऊ से मेरे कपड़े लेकर आए थे. मुझे किसी मजिस्ट्रेट या न्यायिक अधिकारी के समक्ष भी पेश नहीं किया गया. मेरे वकील सुबह से गेट पर खड़े हैं. मुझे कानूनी सलाह लेने के लिए मेरे वकीलों से मिलने के अधिकार से वंचित रखा गया. मुझे और मेरे साथियों को पूरी तरह गैरकानूनी तरीके से बलपूर्वक हिरासत में लिया गया था, लेकिन मैं अभी विवरणों में नहीं जा रही हूं. मैं इस वक्तव्य के जरिए बताना चाहती हूं कि बिना किसी कानूनी आधार के मेरे संवैधानिक अधिकारों का हनन करते हुए मुझे सीतापुर पीएसी परिसर में कैद करके रखा गया है.

सीतापुर : पुलिस ने कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा को गिरफ्तार कर लिया है. पुलिस ने कांग्रेस नेता प्रियंका गांधी को शांति भंग करने की धाराओं में गिरफ्तार कर लिया है. उन पर शांति भंग करने समेत कई धाराओं में FIR दर्ज की गई है. इससे पहले प्रियंका गांधी वाड्रा सीतापुर में पुलिस हिरासत में थीं. उन्हें 24 घंटे से ज्यादा समय तक हिरासत में रखने पर कांग्रेस पार्टी लगातार सवाल उठा रही थी, लेकिन अब यूपी पुलिस ने मामला दर्ज कर उन्हें गिरफ्तार कर लिया है. प्रियंका को 4 अक्टूबर सुबह 4:30 बजे गिरफ्तार किया गया था.

इससे पहले प्रियंका गांधी ने ट्विटर पर लखीमपुर हिंसा से संबंधित एक वीडियो शेयर कर पीएम नरेंद्र मोदी से सवाल पूछे थे. प्रियंका गांधी ने ऐलान किया था कि उन्हें चाहते तो पुलिस गिरफ्तार का सकती है, लेकिन वो बिना किसान परिवारों से मिले वापस नहीं लौटेंगी.

इसे भी पढ़ें-प्रियंका का मोदी सरकार पर हमला- आपकी सरकार ने बगैर किसी ऑर्डर-FIR के मुझे 28 घंटे से हिरासत में रखा

कांग्रेस की राष्ट्रीय महासचिव प्रियंका गांधी ने राज्य की योगी सरकार पर मंगलवार को हमला करते हुए कहा कि आवाज उठाने वाले लोगों के प्रति यूपी सरकार का रवैया लगातार हिंसात्मक और दमनकारी है. कांग्रेस महासचिव ने लखनऊ दौर पर आए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर भी निशाना साधा और पूछा कि वह लखीमपुर खीरी उन परिवारों से मिलने क्यों नहीं जा रहे हैं, जिनके बेटों की ‘‘बर्बरतापूर्ण तरीके से हत्या कर दी गई’’ और जहां हेलीकॉप्टर से जाने में यहां से सिर्फ 15 मिनट लगते हैं. वहीं सूत्रों के अनुसार बुधवार को कांग्रेस नेता राहुल गांधी लखीमपुर जा सकते हैं. उनका बुधवार दोपहर में लखनऊ पहुंचने का कार्यक्रम है.

प्रियंका गांधी ने जारी किया ऑडियो

कांग्रेस की राष्ट्रीय महासचिव और यूपी प्रभारी प्रियंका गांधी को अरेस्ट किए जाने से कांग्रेसी काफी आक्रोशित हैं. सीतापुर में कांग्रेस के कार्यकर्ता प्रदर्शन कर रहे हैं. आंदोलित कांग्रेस कार्यकर्ताओं को प्रियंका गांधी ने ऑडियो जारी कर संबोधित किया है. उन्होंने केंद्र की मोदी और उत्तर प्रदेश की योगी सरकार को अपने संबोधन में साफ तौर पर कायर करार दिया है. प्रियंका गांधी ने कहा है कि हमारा जवान हमारी सीमाओं पर हमारे देश की आजादी को सुरक्षित रखता है. जब कोई किसान आंदोलन में अपनी जान गंवाता है तो उसे मृतक नहीं कहते हैं उसे हम शहीद कहते हैं. वह शहीद कहलाता है. आज एक ऐसी कायर सरकार है कि उसका एक केंद्रीय राज्यमंत्री भरी सभा में जनता को धमकाता है, डरता है वह जनता की आवाज से. उसका बेटा गाड़ी के पहियों तले किसानों को कुचल देता है. यह कायरों की सरकार अपराधियों पर कार्रवाई करने के बजाय अपनी पूरी पुलिस फोर्स को विपक्ष की महिला को रोकने में लगा देती है. प्रियंका ने कहा कि जब यह हादसा हुआ तब कहां थी यह पुलिस? कहां थी यह सरकार? कहां था यह प्रशासन? मोदी जी मैं आपसे पूछना चाहती हूं कि आपकी नैतिकता कहां है? प्रियंका ने एक श्लोक पढ़ा और उसका अर्थ भी बताया. जनता की रक्षा सबसे बड़ा धर्म है. सभी जीवों के प्रति करुणा और रक्षा भाव रखना एक राजा का सबसे बड़ा धर्म है. आज मोदी जी आजादी का अमृत उत्सव मनाने के लिए यहां से 100 किलोमीटर दूर आए थे, लेकिन पीड़ित किसानों के आंसू पोंछने के लिए लखीमपुर खीरी नहीं आ पाए. इस सरकार को मैं कहना चाहती हूं कि हम कांग्रेस के सिपाही हैं. कांग्रेस समझती है कि किसानों ने इस देश के लिए क्या किया है? हम समझते हैं कि इस देश की रीढ़ की हड्डी किसान हैं. हम तुम्हारी तरह कायर नहीं है. हम तुम्हारी तानाशाही के सामने नहीं झुकेंगे. जितना मुझे रोकने की कोशिश करोगे उतनी बुलंदी से मैं किसानों की आवाज उठाउंगी.

इससे पहले जारी किया था लेटर

इससे पहले अपनी गिरफ्तारी के बाद प्रियंका गांधी ने एक लेटर भी जारी किया जिसमें उन्होंने कहा है कि चार अक्टूबर को सुबह 4:30 बजे डीसीपी पीयूष कुमार सिंह, क्षेत्राधिकारी सीतापुर शहर के मौखिक कथनानुसार मुझे धारा 151 के तहत हिरासत में ले लिया गया. जिस समय मुझे हिरासत में लिया गया उस समय मैं सीतापुर जिले में थी और लखीमपुर जिले की सीमा से लगभग 20 किलोमीटर दूर थी. उस समय लखीमपुर जिले में धारा 144 थी, लेकिन मेरी जानकारी के अनुसार, सीतापुर जिले में धारा 144 नहीं लगी हुई थी. वैसे भी मैं दो कांग्रेस कार्यकर्ताओं दीपेंद्र हुड्डा और संदीप सिंह के साथ एक गाड़ी में जा रही थी. चार लोगों के अलावा न तो मेरे पास मेरे सुरक्षा दस्ते की गाड़ी थी और न ही कोई अन्य कांग्रेस कार्यकर्ता मेरे साथ थे. मुझे हिरासत में लेकर दो महिला कांस्टेबल और दो पुरुष कांस्टेबल सीतापुर पीएससी परिसर ले आए. पीएसी परिसर सीतापुर लाए जाने के 38 घंटे बीत जाने पर पांच अक्टूबर को शाम 6:30 बजे तक उत्तर प्रदेश पुलिस या उत्तर प्रदेश सरकार के प्रशासन द्वारा न तो मुझे यह बताया गया कि मुझे किन परिस्थितियों में, किन कारणों से हिरासत में लिया गया है, और न तो मुझे बताया गया कि मुझे किस धारा के तहत हिरासत में लिया गया है? मुझे मेरी हिरासत से संबंधित न तो कोई नोटिस दिखाया गया न ही कोई आदेश. मुझे कोई एफआईआर भी उपलब्ध नहीं कराई गई. मैंने सोशल मीडिया पर एक कागज देखा है जिसमें प्रशासन ने 11 लोगों को नामजद किया है. इन 11 लोगों में से आठ लोग तो मेरी हिरासत के समय वहां मौजूद ही नहीं थे. यहां तक कि प्रशासन ने उन दो लोगों को भी नामजद कर दिया जो चार अक्टूबर को दोपहर में लखनऊ से मेरे कपड़े लेकर आए थे. मुझे किसी मजिस्ट्रेट या न्यायिक अधिकारी के समक्ष भी पेश नहीं किया गया. मेरे वकील सुबह से गेट पर खड़े हैं. मुझे कानूनी सलाह लेने के लिए मेरे वकीलों से मिलने के अधिकार से वंचित रखा गया. मुझे और मेरे साथियों को पूरी तरह गैरकानूनी तरीके से बलपूर्वक हिरासत में लिया गया था, लेकिन मैं अभी विवरणों में नहीं जा रही हूं. मैं इस वक्तव्य के जरिए बताना चाहती हूं कि बिना किसी कानूनी आधार के मेरे संवैधानिक अधिकारों का हनन करते हुए मुझे सीतापुर पीएसी परिसर में कैद करके रखा गया है.

Last Updated : Oct 5, 2021, 10:25 PM IST
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