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सीतापुर: 84 कोस परिक्रमा शुरू होने में चंद दिन शेष, आधी अधूरी हैं तैयारियां - up latest news

उत्तर भारत की मशहूर 84 कोसीय परिक्रमा 7 मार्च से शुरू होगी. लेकिन इसकी तैयारियां अभी तक आधी-अधूरी पड़ी हैं.

पुरोहित
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Published : Feb 7, 2019, 11:37 PM IST

सीतापुर: 84 कोस की परिक्रमा शुरू होने में चंद दिन ही शेष बचे हैं लेकिन इसकी तैयारियां आधी अधूरी है, परिक्रमा मार्ग से लेकर तीर्थो पर अभी तक साफ-सफाई और मरम्मत का काम शुरू नही हो पाया है, प्रशासन की इस उपेक्षा पर स्थानीय पुरोहितों ने नाराजगी जाहिर की है.

जानकारी देते पुरोहित.

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उत्तर भारत की मशहूर 84 कोसीय परिक्रमा 7 मार्च से शुरू होगी, यह परिक्रमा नैमिषारण्य के चक्रतीर्थ से प्रारंभ होकर मिश्रित पहुंचकर होलिका दहन के साथ समाप्त होती है. इसके 11 पड़ावों में 7 सीतापुर और 4 हरदोई जिले की सीमा के अंतर्गत आते हैं. परिक्रमा शुरू होने में अब बहुत कम समय बचा है लेकिन इसकी तैयारियां अभी अधूरी ही पड़ी हैं.

पुरोहितों का कहना है कि सरकार ने यहां के विकास के लिए धन देने की घोषणा की थी. जिससे परिक्रमा मार्ग से लेकर बिजली, पानी आदि तमाम सुविधाओं के लागू होने की उम्मीद जगी थी. लेकिन अब तक इस दिशा में कुछ नही किया गया है.

बता दें नैमिषारण्य को सतयुग का तीर्थ माना जाता है. यहां की यह परिक्रमा पूरे देश मे विख्यात है. देश के कोने-कोने से श्रद्धालु यहां आकर परिक्रमा करते हैं.


सीतापुर: 84 कोस की परिक्रमा शुरू होने में चंद दिन ही शेष बचे हैं लेकिन इसकी तैयारियां आधी अधूरी है, परिक्रमा मार्ग से लेकर तीर्थो पर अभी तक साफ-सफाई और मरम्मत का काम शुरू नही हो पाया है, प्रशासन की इस उपेक्षा पर स्थानीय पुरोहितों ने नाराजगी जाहिर की है.

जानकारी देते पुरोहित.

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उत्तर भारत की मशहूर 84 कोसीय परिक्रमा 7 मार्च से शुरू होगी, यह परिक्रमा नैमिषारण्य के चक्रतीर्थ से प्रारंभ होकर मिश्रित पहुंचकर होलिका दहन के साथ समाप्त होती है. इसके 11 पड़ावों में 7 सीतापुर और 4 हरदोई जिले की सीमा के अंतर्गत आते हैं. परिक्रमा शुरू होने में अब बहुत कम समय बचा है लेकिन इसकी तैयारियां अभी अधूरी ही पड़ी हैं.

पुरोहितों का कहना है कि सरकार ने यहां के विकास के लिए धन देने की घोषणा की थी. जिससे परिक्रमा मार्ग से लेकर बिजली, पानी आदि तमाम सुविधाओं के लागू होने की उम्मीद जगी थी. लेकिन अब तक इस दिशा में कुछ नही किया गया है.

बता दें नैमिषारण्य को सतयुग का तीर्थ माना जाता है. यहां की यह परिक्रमा पूरे देश मे विख्यात है. देश के कोने-कोने से श्रद्धालु यहां आकर परिक्रमा करते हैं.


Intro:सीतापुर: 84 कोस की परिक्रमा शुरू होने में चंद दिन ही शेष बचे हैं लेकिन इसकी तैयारियां आधी अधूरी है, परिक्रमा मार्ग से लेकर तीर्थो पर अभी तक साफ-सफाई और मरम्मत का काम शुरू नही हो पाया है, प्रशासन की इस उपेक्षा पर स्थानीय पुरोहितों ने नाराजगी जाहिर की है.

वीओ-उत्तर भारत का मशहूर 84 कोसीय परिक्रमा 7 मार्च से शुरू होगा,यह परिक्रमा नैमिषारण्य के चक्रतीर्थ से प्रारंभ होकर मिश्रित पहुंचकर होलिका दहन के साथ समाप्त होता है, इसके 11पड़ावों में 7 सीतापुर और 4 हरदोई जिले की सीमा के अंतर्गत आते हैं. परिक्रमा शुरू होने में अब बहुत कम समय बचा है लेकिन इसकी तैयारियां अभी शुरू तक नही हो पाई है.

बाइट- कुंदन लाल शर्मा ( पूर्व प्रबंधक, ललित देवी मंदिर )

वीओ-पुरोहितों का कहना है कि सरकार ने यहां के विकास के लिए धन देने की घोषणा की थी जिससे लोगो मे परिक्रमा मार्ग से लेकर बिजली पानी आदि की तमाम सुविधाओं के लागू होने की उम्मीद जगी थी इससे परिक्रमा का भी विकास होता,पर अब तक इस दिशा में कुछ नही किया गया है.

वीओ-नैमिषारण्य को सतयुग का तीर्थ माना जाता है यहां की यह परिक्रमा पूरे देश मे विख्यात है और देश के कोने कोने से लेकर नेपाल के श्रद्धालु यहां आकर परिक्रमा करते हैं लेकिन अफसोस यह कि यहां के प्रशासन को जो तैयारियां करनी चाहिए थी वे अभी तक धरातल पर कही दिखाई नही दे रही है.

बाइट - शानू ( पुजारी )

सीतापुर से नीरज श्रीवास्तव की रिपोर्ट_09415084887


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Conclusion:
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