सीतापुर: जिले में ऐसिड अटैक मामले में एक संदिग्ध युवक को पूछताछ के लिए पुलिस ने हिरासत में लिया था. पुलिस द्वारा पांच दिनों तक बेरहमी से पिटाई किए जाने का आरोप लगाते हुए परिजनों के साथ काफी लोगों ने कोतवाली का घेराव किया. सूचना पर पहुंचे सीओ ने परिजनों को समझा-बुझाकर युवक को रिहा कर दिया.
25-26 मई की रात में फेंका गया था ऐसिड
सिधौली कस्बे के मोहल्ला बहादुरपुर में 25-26 मई की रात अपने घर के बाहर सो रहे अनिल कुमार उर्फ पट्टे पुत्र पुत्तीलाल पर किसी अज्ञात ने ऐसिड फेंक दिया था, जिससे वह गम्भीर रूप से घायल हो गया था. घायल अनिल का इलाज जिला अस्पताल में किया गया. ऐसिड के शिकार हुए युवक ने मोहल्ले के ही अनूप पुत्र अनिल पर शक जताया था.
कोतवाली पुलिस ने अनिल को पूछताछ के लिए दो बार कोतवाली ले जाकर पूछताछ की थी. परिजनों का आरोप है कि 7 जून को पुलिस तीसरी बार अनूप को पूछताछ के लिए घर से उठा लाई थी. परिजनों का कहना है कि कोतवाली पुलिस लगातार पांच दिनों से अनिल की बेरहमी से पिटाई कर जबरदस्ती जुर्म कबूलवाने की कोशिश कर रही थी.
युवक को छोड़ने के लिए मांगे गए थे 50 हजार रुपये
परिजनों ने जब अनूप से मुलाकात की तो उन्हें पुलिस की बर्बरता से पिटाई की बात पता चली. इसकेे बाद बड़ी संख्या में लोग कोतवाली पहुंच गए और कोतवाली का घेराव करने लगे. सूचना पर सीओ अंकित कुमार और कोतवाल अनिल कुमार ने कोतवाली पहुंच कर परिजनों से बात की और अनूप को छोड़ दिया. अनूप के पिता अनिल ने एक कांस्टेबल पर आरोप लगाते हुए बताया कि उनके पुत्र को छोड़ने के लिए 50 हजार रुपये की मांग की जा रही थी, जिसे दे पाने में हम असमर्थ थे. उन्होंने कहा कि सिर्फ शक के आधार पर जिस तरह पुलिस ने उनके पुत्र को पांच दिनों तक अवैध तरीके से लॉकअप में बंद कर लगातार बेरहमी से पिटाई की है, उससे वह बुरी तरह से आहत हैं.
पीड़ित के शक के आधार पर अनूप को पूछताछ के लिए लाया गया था, जिसे छोड़ दिया गया है. पिटाई करने का आरोप निराधार है.
-अनिल कुमार, सिधौली कोतवाली प्रभारी