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सीतापुर: 200 साल पुराना है बाबा श्याम नाथ मंदिर, शिवभक्तों की उमड़ी भीड़ - महाशिवरात्रि 2020

आज महाशिवरात्रि है. महाशिवरात्रि के पावन पर्व पर सीतापुर के शहर के सबसे प्राचीन श्याम नाथ मंदिर में शिवभक्तों का तांता लगा हुआ है. भक्त अपने आराध्य भगवान शिव की पूजा-अर्चना कर उन्हें खुश करने में लगे हैं.

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200 साल पुराना है बाबा श्याम नाथ मंदिर.
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Published : Feb 21, 2020, 11:29 AM IST

सीतापुर: शहर के मध्य स्थित बाबा श्याम नाथ मंदिर 200 वर्षों से भी अधिक समय से लोगों की आस्था का केंद्र बना है. महाशिवरात्रि के पावन पर्व पर शहर के सबसे प्राचीन श्याम नाथ मंदिर में शिवभक्तों का तांता लगा हुआ है. शिवभक्त दूध, जल, बेलपत्र, भांग, धतूरा, बेर, गन्ना और फल का अर्पण कर भगवान शिव की स्तुति और आराधना कर रहे हैं. 'ओम नमः शिवाय' के जयकारे से पूरा वातावरण भक्तिमय है.

200 साल पुराना है बाबा श्याम नाथ मंदिर.

बता दें कि नैमिषारण्य से छोटी काशी यानी गोला गोकर्ण नाथ जाने वाले कांवड़िये इसी मार्ग और मंदिर से होकर गुजरते हैं. नैमिषारण्य से होकर गुजरने वाली आदिगंगा गोमती से कांवड़ में जल भरने के बाद शिवभक्त पहले श्याम नाथ मंदिर में आते हैं और फिर यहां दर्शन-पूजन करने के बाद आगे छोटी काशी के लिए प्रस्थान करते हैं.

इसे भी पढ़ें - महाशिवरात्रि स्पेशल: गाजियाबाद के इस मंदिर में रावण के पिता ने की थी पूजा-अर्चना

मंदिर के महंत राजेश गोसाईं के मुताबिक यह मंदिर काफी पुराना है और बाद में इसे भव्य स्वरूप प्रदान किया गया. यहां प्रत्येक सोमवार और सावन के पूरे माह भगवान शिव का विशेष पूजन-अर्चन किया जाता है. शिवरात्रि के मौके पर भी बड़ी संख्या में भक्तगण भगवान शिव के दर्शन को आते हैं.


सीतापुर: शहर के मध्य स्थित बाबा श्याम नाथ मंदिर 200 वर्षों से भी अधिक समय से लोगों की आस्था का केंद्र बना है. महाशिवरात्रि के पावन पर्व पर शहर के सबसे प्राचीन श्याम नाथ मंदिर में शिवभक्तों का तांता लगा हुआ है. शिवभक्त दूध, जल, बेलपत्र, भांग, धतूरा, बेर, गन्ना और फल का अर्पण कर भगवान शिव की स्तुति और आराधना कर रहे हैं. 'ओम नमः शिवाय' के जयकारे से पूरा वातावरण भक्तिमय है.

200 साल पुराना है बाबा श्याम नाथ मंदिर.

बता दें कि नैमिषारण्य से छोटी काशी यानी गोला गोकर्ण नाथ जाने वाले कांवड़िये इसी मार्ग और मंदिर से होकर गुजरते हैं. नैमिषारण्य से होकर गुजरने वाली आदिगंगा गोमती से कांवड़ में जल भरने के बाद शिवभक्त पहले श्याम नाथ मंदिर में आते हैं और फिर यहां दर्शन-पूजन करने के बाद आगे छोटी काशी के लिए प्रस्थान करते हैं.

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मंदिर के महंत राजेश गोसाईं के मुताबिक यह मंदिर काफी पुराना है और बाद में इसे भव्य स्वरूप प्रदान किया गया. यहां प्रत्येक सोमवार और सावन के पूरे माह भगवान शिव का विशेष पूजन-अर्चन किया जाता है. शिवरात्रि के मौके पर भी बड़ी संख्या में भक्तगण भगवान शिव के दर्शन को आते हैं.


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