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सीतापुर में 5 लाख लोगों के घर पहुंचेगा पोषाहार

लॉकडाउन के चलते कुपोषण के शिकार बच्चों और गर्भवती महिलाओं को पोषाहार योजना का लाभ नहीं मिल पा रहा है. इसी के मद्देनजर सीतापुर जिले में बाल विकास विभाग ने पोषाहार को वितरित कराने के लिए डोर टू डोर आपूर्ति की व्यवस्था सुनिश्चित की है.

child development department.
बाल विकास विभाग सीतापुर.
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Published : May 18, 2020, 7:50 PM IST

सीतापुर: लॉकडाउन के चलते सरकार द्वारा संचालित योजनाओं का लाभ पात्रों को नहीं मिल पा रहा है. इन्ही योजनाओं में बाल विकास विभाग द्वारा संचालित पोषाहार योजना भी शामिल है. कुपोषण के शिकार बच्चों और गर्भवती महिलाओं को इसका लाभ पहुंचाने के लिए जिले के बाल विकास विभाग ने अब पोषाहार को डोर-टू-डोर वितरण करने की व्यवस्था की है.

डोर टू डोर आपूर्ति की व्यवस्था सुनिश्चित
जिले में करीब पांच लाख लोगों को बाल विकास विभाग की पोषाहार योजना का लाभ दिया जाता है. इनमें गर्भवती महिलाएं और छोटे बच्चे भी शामिल हैं. पिछले कुछ माह के भीतर इनके वितरण में अनेक अड़चने आ रही थी.

मार्च महीने का पोषाहार इस माह के प्रथम सप्ताह में परियोजना कार्यालयों तक पहुंच पाया, जिसके बाद आंगनबाड़ी केंद्रों पर इसे पहुंचाया गया. चूंकि वर्तमान समय में लॉकडाउन के कारण आंगनबाड़ी केंद्र बंद चल रहे हैं, इसलिए लाभार्थियों को इसका वितरण नहीं हो पाया. लिहाजा विभाग ने शिशुओं और गर्भवती महिलाओं में इसे वितरित कराने के लिए डोर टू डोर आपूर्ति की व्यवस्था सुनिश्चित की है.

जिला कार्यक्रम अधिकारी राज कपूर ने बताया कि गर्भवती महिलाओं को कुपोषण से बचाव की सलाह देने के लिए व्हाट्सएप ग्रुप बनाया गया है, जिसमें लाभार्थी, आंगनबाड़ी कार्यकर्ती, सुपरवाइजर और बाल विकास परियोजना अधिकारी को जोड़ा गया है. इसके जरिए गर्भवती महिलाओं को कुपोषण से बचाव के लिए समय-समय पर परामर्श दिया जाएगा.

सीतापुर: लॉकडाउन के चलते सरकार द्वारा संचालित योजनाओं का लाभ पात्रों को नहीं मिल पा रहा है. इन्ही योजनाओं में बाल विकास विभाग द्वारा संचालित पोषाहार योजना भी शामिल है. कुपोषण के शिकार बच्चों और गर्भवती महिलाओं को इसका लाभ पहुंचाने के लिए जिले के बाल विकास विभाग ने अब पोषाहार को डोर-टू-डोर वितरण करने की व्यवस्था की है.

डोर टू डोर आपूर्ति की व्यवस्था सुनिश्चित
जिले में करीब पांच लाख लोगों को बाल विकास विभाग की पोषाहार योजना का लाभ दिया जाता है. इनमें गर्भवती महिलाएं और छोटे बच्चे भी शामिल हैं. पिछले कुछ माह के भीतर इनके वितरण में अनेक अड़चने आ रही थी.

मार्च महीने का पोषाहार इस माह के प्रथम सप्ताह में परियोजना कार्यालयों तक पहुंच पाया, जिसके बाद आंगनबाड़ी केंद्रों पर इसे पहुंचाया गया. चूंकि वर्तमान समय में लॉकडाउन के कारण आंगनबाड़ी केंद्र बंद चल रहे हैं, इसलिए लाभार्थियों को इसका वितरण नहीं हो पाया. लिहाजा विभाग ने शिशुओं और गर्भवती महिलाओं में इसे वितरित कराने के लिए डोर टू डोर आपूर्ति की व्यवस्था सुनिश्चित की है.

जिला कार्यक्रम अधिकारी राज कपूर ने बताया कि गर्भवती महिलाओं को कुपोषण से बचाव की सलाह देने के लिए व्हाट्सएप ग्रुप बनाया गया है, जिसमें लाभार्थी, आंगनबाड़ी कार्यकर्ती, सुपरवाइजर और बाल विकास परियोजना अधिकारी को जोड़ा गया है. इसके जरिए गर्भवती महिलाओं को कुपोषण से बचाव के लिए समय-समय पर परामर्श दिया जाएगा.

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