सीतापुर: कलेक्ट्रेट सभागार में शुक्रवार को आयोजित की गई जिला विकास निगरानी एवं समन्वय समिति (दिशा) की बैठक में प्रशासन ने अपनी नाकामियों को छिपाने के लिए मीडिया को बैठक से बाहर का रास्ता दिखा दिया. जनप्रतिनिधियों ने मीडिया के प्रति अपनाए गए इस रुख पर विरोध दर्ज करने की बजाय चुप्पी साधना ज्यादा बेहतर समझा. बैठक में जैसे ही जनप्रतिनिधियों ने अपनी समस्याएं गिनाना शुरू किया, तो जिलाधिकारी ने सबसे पहले मीडिया कर्मियों को बाहर जाने के लिए कह दिया.
शुक्रवार को कलेक्ट्रेट सभागार में पूर्व निर्धारित कार्यक्रम के मुताबिक जिला विकास निगरानी एवं समन्वय समिति (दिशा) की बैठक हो रही थी. बैठक की अध्यक्षता सीतापुर सांसद राजेश वर्मा कर रहे थे. इस बैठक में मिश्रित सांसद अशोक रावत समेत अन्य जनप्रतिनिधि भी मौजूद थे. बैठक शुरू होते ही सांसद राजेश वर्मा साउंड सिस्टम खराब होने पर नाराजगी जाहिर करनी शुरू कर दी.
बात हो ही रही थी कि इसी बीच सांसद अशोक रावत ने केवल व्हाट्सएप पर बैठक की सूचना दिए जाने पर अपनी नाराजगी जाहिर करना शुरू कर दिया. उन्होंने बैठक की विधिवत सूचना जारी करने के लिए जिले में एक व्यक्ति की अलग से नियुक्ति करने का प्रस्ताव रखा. बैठक में जनप्रतिनिधियों की नाराजगी का मूड भांपते हुए आला अधिकारियों ने इसे सार्वजनिक होने से रोकने के लिए मीडिया को बाहर का रास्ता दिखा दिया. इसके बाद मीडिया कर्मी बैठक का बहिष्कार करने के बजाय चुपचाप वहां से निकल गए.
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