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इलाज में देरी से प्रसूता की मौत, डॉक्टरों पर लगा लापरवाही का आरोप

एंबुलेंस देर से आने पर प्रसूता ने घर पर ही मृत नवजात को जन्म दे दिया. प्रसूता की बिगड़ती हालत देख परिजन उसे लेकर अस्पताल पहुंचे. जहां डॉक्टरों की लापरवही से प्रसूता की मौत हो गई.

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डॉक्टरों की लापरवाही से अस्पताल में प्रसूता की मौत
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Published : Jul 27, 2022, 8:35 PM IST

सीतापुरः सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र सांडा में बुधवार को एंबुलेंस देर से आने पर एक प्रसूता ने घर पर ही मृत नवजात को जन्म दिया. जन्म के बाद महिला की हालात खराब हो गई. जिसे तुरंत ऑक्सीजन और जरूरी उपचार की आवश्यकता थी. प्रसूता को परिजनों ने एंबुलेंस से तत्काल सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र लेकर पहुंच गए. जहां डॉक्टरों की लापरवाही से उसकी भी मौत हो गई.

बता दें कि, जनपद के सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र सांडा के अंतर्गत गठिया कला निवासी मोहन लाल की पत्नी फूल केसरी को प्रसव पीड़ा होने पर अस्पताल ले जाने के लिए डायल 102 एंबुलेंस को बुलाया गया. एंबुलेंस पहुंचने से पहले प्रसूता ने एक मृत बच्ची को जन्म दे चुकी थी. जहां महिला की हालात खराब देखते ही परिजन उसे अस्पताल लेकर पहुंच गए. लेकिन अस्पताल में इमरजेंसी ड्यूटी पर तैनात डॉक्टर अनिल कुमार सचान प्रसूता को देखने का समय नहीं निकाल पाए. जिससे जरूरी उपचार न मिलने पर प्रसूता ने 40 मिनट बाद अस्पताल में दम तोड़ दिया.

.प्रसूता की मौत पर परिजन और डॉक्टर जानकारी देते हुए

यह भी पढ़ें-पुलिस मुठभेड़ में गैंगस्टर सुरेंद्र गोस्वामी के पैर में लगी गोली, गिरफ्तार
इसके बाद प्रसूता के पति मोहन लाल और जेठ धनीराम ने अस्पताल में हुई मौत पर चिकित्सकों पर लापरवाही का आरोप लगाया है. उनका कहना है कि यदि प्रसूता को समय पर उचित इलाज मिल जाता तो उसकी जान बच सकती थी. लेकिन इस बारे में प्रभारी चिकित्सा अधिकारी डॉक्टर मनोज देश मणि का कहना है कि प्रसूता के इलाज की हर संभव कोशिश की गई. लेकिन महिला ज्यादा एनीमिक थी, जिससे उसकी मौत हो गई हुई है.

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सीतापुरः सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र सांडा में बुधवार को एंबुलेंस देर से आने पर एक प्रसूता ने घर पर ही मृत नवजात को जन्म दिया. जन्म के बाद महिला की हालात खराब हो गई. जिसे तुरंत ऑक्सीजन और जरूरी उपचार की आवश्यकता थी. प्रसूता को परिजनों ने एंबुलेंस से तत्काल सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र लेकर पहुंच गए. जहां डॉक्टरों की लापरवाही से उसकी भी मौत हो गई.

बता दें कि, जनपद के सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र सांडा के अंतर्गत गठिया कला निवासी मोहन लाल की पत्नी फूल केसरी को प्रसव पीड़ा होने पर अस्पताल ले जाने के लिए डायल 102 एंबुलेंस को बुलाया गया. एंबुलेंस पहुंचने से पहले प्रसूता ने एक मृत बच्ची को जन्म दे चुकी थी. जहां महिला की हालात खराब देखते ही परिजन उसे अस्पताल लेकर पहुंच गए. लेकिन अस्पताल में इमरजेंसी ड्यूटी पर तैनात डॉक्टर अनिल कुमार सचान प्रसूता को देखने का समय नहीं निकाल पाए. जिससे जरूरी उपचार न मिलने पर प्रसूता ने 40 मिनट बाद अस्पताल में दम तोड़ दिया.

.प्रसूता की मौत पर परिजन और डॉक्टर जानकारी देते हुए

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इसके बाद प्रसूता के पति मोहन लाल और जेठ धनीराम ने अस्पताल में हुई मौत पर चिकित्सकों पर लापरवाही का आरोप लगाया है. उनका कहना है कि यदि प्रसूता को समय पर उचित इलाज मिल जाता तो उसकी जान बच सकती थी. लेकिन इस बारे में प्रभारी चिकित्सा अधिकारी डॉक्टर मनोज देश मणि का कहना है कि प्रसूता के इलाज की हर संभव कोशिश की गई. लेकिन महिला ज्यादा एनीमिक थी, जिससे उसकी मौत हो गई हुई है.

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