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सीतापुर में सीएम के हाथों सम्मानित हुए प्राचार्य, कहा- अपनी गरिमा कायम रखें शिक्षक

यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने शिक्षक दिवस के मौके पर शिक्षकों को  सम्मानित किया. इस बा राज्य सरकार ने वित्तविहीन और अशासकीय विद्यालयों में कार्यरत शिक्षकों को सम्मानित करने का निर्णय लिया था. इसी कड़ी में सीतापुर के श्रवण कुमार ने पुरस्कार पाने के बाद ईटीवी भारत से खास बातचीत की.

श्रवण कुमार ने ईटीवी भारत से खास बातचीत की.
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Published : Sep 6, 2019, 8:33 PM IST

सीतापुर: शिक्षक दिवस के अवसर पर सीएम योगी आदित्यनाथ ने शिक्षकों को सम्मानित किया. सीएम के हाथों सम्मानित हुए आनंदी देवी सरस्वती इंटर कॉलेज के प्राचार्य श्रवण कुमार श्रीवास्तव ने कहा कि शिक्षक भविष्य का निर्माता होता है. उसे अपना उत्तरदायित्व भलीभांति निभाना चाहिए, तभी समाज में उसकी स्वीकार्यता होती है. साथ ही कहा कि सरकार ने इस बार वित्तविहीन शिक्षकों को यह सम्मान देकर शिक्षक समाज के प्रति अपनी उदारता का परिचय दिया है.

श्रवण कुमार ने ईटीवी भारत से की खास बातचीत.
पहली बार वित्तविहीन शिक्षकों को किया गया सम्मानित
  • राज्य सरकार ने इस बार शिक्षक दिवस के अवसर पहली बार वित्तविहीन और अशासकीय विद्यालयों में कार्यरत शिक्षकों को सम्मानित करने का निर्णय लिया था.
  • प्रत्येक मंडल स्तर पर एक शिक्षक का चयन किया गया.
  • जिसके तहत लखनऊ मंडल के शिक्षक के तौर पर आनंदी देवी सरस्वती विद्या मंदिर इंटर कॉलेज के प्राचार्य श्रवण कुमार श्रीवास्तव को सम्मानित किया गया है.

खास बातचीत में प्राचार्य श्रवण कुमार ने कहा कि समाज में शिक्षक का स्थान सर्वोपरि है, उसे अपनी गरिमा और उत्तरदायित्व का विशेष ध्यान रखना चाहिए. उसे शिक्षण कार्य के जरिए ऐसी भूमिका निभानी चाहिए ताकि समाज में उसकी स्वीकार्यता बनी रहे. उन्होंने कहा कि शिक्षण कार्य के दौरान शिक्षक को समाज के नए प्रयोगों को अपनाना चाहिए, जिससे छात्र अच्छी तरह से उन चीजों को समझ सकें.

सीतापुर: शिक्षक दिवस के अवसर पर सीएम योगी आदित्यनाथ ने शिक्षकों को सम्मानित किया. सीएम के हाथों सम्मानित हुए आनंदी देवी सरस्वती इंटर कॉलेज के प्राचार्य श्रवण कुमार श्रीवास्तव ने कहा कि शिक्षक भविष्य का निर्माता होता है. उसे अपना उत्तरदायित्व भलीभांति निभाना चाहिए, तभी समाज में उसकी स्वीकार्यता होती है. साथ ही कहा कि सरकार ने इस बार वित्तविहीन शिक्षकों को यह सम्मान देकर शिक्षक समाज के प्रति अपनी उदारता का परिचय दिया है.

श्रवण कुमार ने ईटीवी भारत से की खास बातचीत.
पहली बार वित्तविहीन शिक्षकों को किया गया सम्मानित
  • राज्य सरकार ने इस बार शिक्षक दिवस के अवसर पहली बार वित्तविहीन और अशासकीय विद्यालयों में कार्यरत शिक्षकों को सम्मानित करने का निर्णय लिया था.
  • प्रत्येक मंडल स्तर पर एक शिक्षक का चयन किया गया.
  • जिसके तहत लखनऊ मंडल के शिक्षक के तौर पर आनंदी देवी सरस्वती विद्या मंदिर इंटर कॉलेज के प्राचार्य श्रवण कुमार श्रीवास्तव को सम्मानित किया गया है.

खास बातचीत में प्राचार्य श्रवण कुमार ने कहा कि समाज में शिक्षक का स्थान सर्वोपरि है, उसे अपनी गरिमा और उत्तरदायित्व का विशेष ध्यान रखना चाहिए. उसे शिक्षण कार्य के जरिए ऐसी भूमिका निभानी चाहिए ताकि समाज में उसकी स्वीकार्यता बनी रहे. उन्होंने कहा कि शिक्षण कार्य के दौरान शिक्षक को समाज के नए प्रयोगों को अपनाना चाहिए, जिससे छात्र अच्छी तरह से उन चीजों को समझ सकें.

Intro:सीतापुर:शिक्षक दिवस के अवसर पर इस बार सीएम के हाथों सम्मानित हुए आनंदी देवी सरस्वती इंटर कॉलेज के प्राचार्य श्रवण कुमार श्रीवास्तव ने कहा कि शिक्षक भविष्य का निर्माता होता है इसलिए उसे अपना उत्तरदायित्व भलीभांति निभाना चाहिए तभी समाज मे उसकी स्वीकार्यता होती है. सरकार ने इस बार वित्तविहीन शिक्षकों को यह सम्मान देकर शिक्षक समाज के प्रति अपनी उदारता का परिचय दिया है.


Body:राज्य सरकार ने इस बार शिक्षक दिवस के अवसर पहली मर्तबा वित्तविहीन और अशासकीय विद्यालयों में कार्यरत शिक्षकों को सम्मानित करने का निर्णय लिया था.प्रत्येक मंडल स्तर पर एक शिक्षक का चयन किया गया जिसके तहत लखनऊ मंडल के शिक्षक के तौर पर आनंदी देवी सरस्वती विद्या मंदिर इंटर कॉलेज के प्राचार्य श्रवण कुमार श्रीवास्तव को सम्मानित किया गया है. पुरस्कार प्राप्त करने के बाद श्रवण कुमार ने ईटीवी भारत से खास बातचीत की.

उन्होंने कहा कि समाज मे शिक्षक का स्थान सर्वोपरि है उसे अपनी गरिमा और उत्तरदायित्व का विशेष ध्यान रखना चाहिए. उसे शिक्षण कार्य के जरिए ऐसी भूमिका निभानी चाहिए ताकि समाज में उसकी स्वीकार्यता बनी रहे.उन्होंने कहा कि शिक्षण कार्य के दौरान शिक्षक समाज को नए प्रयोगों को अपनाना चाहिए जिससे छात्र उसे अच्छी तरह से उन चीज़ों को समझ सकें.


Conclusion:अपने सम्मान से अभिभूत श्रवण कुमार श्रीवास्तव ने कहा कि शिक्षक समाज के इतिहास में यह पहला अवसर है जब सरकार ने अशासकीय औऱ वित्तविहीन स्कूलों में कार्यरत शिक्षकों को सम्मानित किया है यह सरकार की उदारता और शिक्षक समुदाय के प्रति स्वीकार्यता का उदाहरण है.शिक्षकों को भी अपनी जिम्मेदारियों को पूरी लगन और निष्ठा के साथ पूरी करना चाहिए ताकि समाज मे उनकी अलग पहचान कायम रह सके.

साक्षात्कार-श्रवण कुमार श्रीवास्तव

सीतापुर से नीरज श्रीवास्तव की रिपोर्ट,9415084887
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