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शिकंजा कसने में नाकाम स्वास्थ्य विभाग, चिकित्सक धड़ल्ले से कर रहे प्राइवेट प्रैक्टिस

उत्तर प्रदेश के सीतापुर में योगी सरकार की तमाम कोशिशों के बावजूद सरकारी डॉक्टरों का प्राइवेट प्रैक्टिस का काम धड़लें से चल रहा है. डॉक्टर मनमानी फीस, बाहर की दवाइयां और जांच लिखकर कमीशन वसूल रहे हैं. लेकिन इन सबसे जिम्मेदार अंजान बने बैठे हैं.

जिला अस्ताल के सरकारी डॉक्टर धड़ले से कर रहे प्राइवेट प्रैक्टिस
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Published : Jul 16, 2019, 12:03 PM IST

सीतापुर: जिला अस्पताल के डॉक्टरों की खुलेआम प्राइवेट प्रैक्टिस जारी है. आरोप है कि ओपीडी बंद होने के बाद डॉक्टर अपने-अपने क्लीनिक में लोगों का इलाज कर रहै हैं. इस दौरान डॉक्टर मनमानी फीस लेने के साथ बाहर की जांच और दवाइयां लिखकर कमीशन भी वसूल रहे हैं. इस पर स्वास्थ्य विभाग शिकंजा कसने में नाकाम साबित हो रहा है.

जिला अस्ताल के सरकारी डॉक्टर धड़ले से कर रहे प्राइवेट प्रैक्टिस

क्या है पूरा मामला-

  • आरोप है कि आधा दर्जन से अधिक सरकारी डॉक्टर प्राइवेट प्रैक्टिस कर रहे हैं.
  • ओपीडी खत्म होते ही डॉक्टर अपनी क्लीनिक पर मरीजों को देख रहे हैं.
  • इस दौरान मनमानी फीस और कमीशन वसूल रहे हैं.
  • सरकारी डॉक्टरों का यह धंधा जोरों से चल रहा है
  • जिम्मेदार इससे पल्ला झाड़े हुए हैं.

सरकारी डॉक्टरों को समय से अस्पताल में बैठने के निर्देश है. उनकी प्राइवेट प्रैक्टिस पर पूरी तरह से रोक है लेकिन फिर भी यदि कोई सरकारी डॉक्टर प्राइवेट प्रैक्टिस करता हुआ पाया जाएगा तो उसके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी.
-अखिलेश तिवारी, डीएम

सीतापुर: जिला अस्पताल के डॉक्टरों की खुलेआम प्राइवेट प्रैक्टिस जारी है. आरोप है कि ओपीडी बंद होने के बाद डॉक्टर अपने-अपने क्लीनिक में लोगों का इलाज कर रहै हैं. इस दौरान डॉक्टर मनमानी फीस लेने के साथ बाहर की जांच और दवाइयां लिखकर कमीशन भी वसूल रहे हैं. इस पर स्वास्थ्य विभाग शिकंजा कसने में नाकाम साबित हो रहा है.

जिला अस्ताल के सरकारी डॉक्टर धड़ले से कर रहे प्राइवेट प्रैक्टिस

क्या है पूरा मामला-

  • आरोप है कि आधा दर्जन से अधिक सरकारी डॉक्टर प्राइवेट प्रैक्टिस कर रहे हैं.
  • ओपीडी खत्म होते ही डॉक्टर अपनी क्लीनिक पर मरीजों को देख रहे हैं.
  • इस दौरान मनमानी फीस और कमीशन वसूल रहे हैं.
  • सरकारी डॉक्टरों का यह धंधा जोरों से चल रहा है
  • जिम्मेदार इससे पल्ला झाड़े हुए हैं.

सरकारी डॉक्टरों को समय से अस्पताल में बैठने के निर्देश है. उनकी प्राइवेट प्रैक्टिस पर पूरी तरह से रोक है लेकिन फिर भी यदि कोई सरकारी डॉक्टर प्राइवेट प्रैक्टिस करता हुआ पाया जाएगा तो उसके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी.
-अखिलेश तिवारी, डीएम

Intro:सीतापुर:सरकार की तमाम कोशिशों के बावजूद सरकारी डॉक्टरों की यहां खुलेआम प्राइवेट प्रैक्टिस जारी है.सरकारी अस्पताल की ओपीडी सेवा बंद होने के बाद इन डॉक्टरों की क्लीनिक सज जाती है मरीज़ों का आर्थिक शोषण करने के लिए.अस्पताल के नामचीन डॉक्टर अपने सरकारी आवास पर ही मरीज़ों को देखकर उनसे मनमानी फीस वसूल करते हैं लेकिन जिले के जिम्मेदार अफसरों को यह नजारा दिखाई नहीं देता.


Body:जिला अस्पताल में तैनात आधा दर्जन से अधिक डॉक्टर प्राइवेट प्रैक्टिस के लिए मशहूर है. इनमें फिजिशियन से लेकर बाल रोग विशेषज्ञ,आर्थोपेडिक सर्जन और त्वचा रोग विशेषज्ञ प्रमुख रूप से शामिल हैं.जिला अस्पताल में ओपीडी का समय समाप्त होने के बाद यह डॉक्टर अपनी क्लीनिक या आवास पर बैठकर मरीज़ों को देखते हैं औऱ फीस वसूलने के साथ ही उनसे जांच और बाहर की दुकानों की दवाइयां लिखकर उसका भी कमीशन वसूल करते हैं.


Conclusion:सबसे हैरत की बात है कि सरकारी डॉक्टरों की प्राइवेट प्रैक्टिस का यह धंधा यहां पूरे जोरो से चल रहा है लेकिन जिम्मेदार अधिकारी अपना पल्ला झाड़े हुए हैं. इस बाबत जब डीएम से बात की गई तो उन्होंने बताया कि सरकारी डॉक्टरों को समय से अस्पताल में बैठने के निर्देश है उनकी प्राइवेट प्रैक्टिस पर पूरी तरह रोक है लेकिन फिर भी यदि कोई सरकारी डॉक्टर प्राइवेट प्रैक्टिस करता हुआ पाया जाएगा तो उसके खिलाफ कार्यवाही की जाएगी.

बाइटअखिलेश तिवारी (डीएम)

सीतापुर से नीरज श्रीवास्तव की रिपोर्ट,9415084887
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