सीतापुर: जिले की अधिकतर ग्राम पंचायतों में वर्तमान सरकार की महत्वपूर्ण योजनाओं का लाभ पात्र व्यक्तियों को नहीं मिल पा रहा है. सरकार भले ही अंतिम पायदान पर खड़े व्यक्ति तक योजनाओं का लाभ पहुंचाने का दावा कर रही हो, लेकिन जिम्मेदार जनप्रतिनिधियों की मनमानी और अधिकारियों की लापरवाही के चलते ऐसा होता नहीं दिख रहा है.
आवास देने में हो रही धांधली
जिले के विकास खण्ड कसमंडा क्षेत्र की ग्राम पंचायत कैमा में प्रधानमंत्री आवास योजना में बड़े पैमाने पर धांधली करने का मामला सामने आया है. यहां के ग्राम प्रधान ने पैसे लेकर उन्हीं लोगों को 2020-21 प्रधानमंत्री आवास योजना का लाभ दिया है, जिन्हें वर्ष 2012-13, 2013-14 में इन्द्र आवास का लाभ मिल चुका है. जबकि ग्राम पंचायत के 12 मजरों में दर्जनों की संख्या में आज भी ग्रामीण कच्चे मकानों और झोपड़ी में रहने के लिए विवश हैं. ऐसे में गरीबों को न आवास का लाभ दिया गया है और न ही शौचालय का.
लोगों को नहीं मिल रहा आवास का लाभ
ग्रामीणों का आरोप है कि ग्राम प्रधान द्वारा उन्हीं लोगों को आवासों का लाभ दिया गया है, जिनसे 25 हजार रुपये मिले हैं. ऐसा नहीं है कि इसकी जानकारी अधिकारियों को नहीं है. ग्रामीणों द्वारा अधिकारियों से कई बार शिकायतें भी की गई हैं, लेकिन जिम्मेदार अधिकारियों का इस ओर ध्यान नहीं जा रहा है. ब्लॉक से लेकर जिला स्तर के अधिकारियों के संरक्षण के बिना ऐसे कार्य सम्भव नहीं हैं. इसके चलते भ्रष्टाचार करने वाले प्रधान पर कोई कार्रवाई भी नहीं हो रही है.
शिकायतों का नहीं हुआ असर
ग्राम पंचायत कैमा के रहने वाले बद्री प्रसाद, पप्पू, धीरज कुमार, प्रदीप, मुकेश कुमार आदि लोगों ने बीती चार फरवरी को जिलाधिकारी से शपथ पत्र के साथ शिकायत की थी. इसमें बताया गया था कि गरीब, निर्बल वर्ग और भूमिहीन परिवारों को पात्रता के आधार पर प्रधानमंत्री की आवासीय योजना के तहत आवास मिलेगा. ग्राम प्रधान और ग्राम विकास अधिकारी की मिलीभगत से मनमाने तरीके से आवासों का लाभ दिया जा रहा है. वही, जिन लोगों को पूर्व में इन्द्र आवास का लाभ मिल चुका है. उन्हीं लोगों को 2020-21 में प्रधानमंत्री आवास योजना का लाभ दिया गया है. अभी तक इस मामले में कोई जांच नहीं कराई गई. इससे पहले भी कई ग्रामीणों ने ब्लॉक से जिला स्तर तक अधिकारियों से शिकायतें की, लेकिन जिम्मेदार अधिकारी शिकायतें ठंडे बस्ते में डाल देते हैं.