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इस बार नहीं मिलेगी गन्ना पर्ची, मोबाइल पर आएगा मैसेज

यूपी के सीतापुर जिले में गन्ना किसानों को इस बार गन्ना पर्ची नहीं दी जाएगी, बल्कि किसानों के मोबाइल फोन पर गन्ना पर्ची की सूचना पहुंचेगी, जिससे विभाग को करीब 9 से साढ़े 9 करोड़ रुपये की बचत होगी.

इस बार गन्ना पर्ची की बजाय मोबाइल से पहुंचेगा मैसेज
इस बार गन्ना पर्ची की बजाय मोबाइल से पहुंचेगा मैसेज
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Published : Oct 15, 2020, 5:42 AM IST

सीतापुर: गन्ना किसानों को अगले पेराई सत्र में गन्ना पर्चियों का इंतज़ार नहीं करना पड़ेगा. अब गन्ना पर्ची की सूचना सीधे उनके मोबाइल फोन पर पहुंचेगी और उसे आधार कार्ड के साथ दिखाकर किसान अपना गन्ना क्रय केंद्र पर तुलवा सकेंगे. इससे किसानों को सहूलियत होगी और वे बिचौलियों से भी सुरक्षित रहेंगे. इसके साथ ही विभाग को इससे कागज की भी भारी बचत होगी. एक अनुमान के अनुसार, अगले पेराई सत्र में विभाग को करीब 9 से साढ़े 9 करोड़ रुपये की बचत होगी.

SITAPUR NEWS
गन्ना किसानों को अगले पेराई सत्र में गन्ना पर्चियों का इंतज़ार नहीं करना पड़ेगा.अब गन्ना पर्ची की सूचना सीधे उनके मोबाइल फोन पर पहुंचेगी

क्या है नई व्यवस्था
किसानों को गन्ना आपूर्ति के लिए गन्ना विभाग की ओर से सहकारी समितियों के माध्यम से गन्ना पर्ची भेज़ी जाती थी, जिसके आधार पर किसान क्रय केंद्र पर जाकर अपना गन्ना संबंधित चीनी मिल को आपूर्ति करते थे. कोरोना संक्रमण शुरू होते समय मार्च के महीने में चीनी मिलों के पेराई सत्र का अंतिम दौर चलना शुरू हो गया था. ऐसे में बचाव के तौर पर गन्ना विभाग ने किसानों को पर्ची की बजाय मोबाइल के जरिए मैसेज भेजने का प्रयोग किया और वह काफ़ी हद तक सफल रहा.

जानकारी देते गन्ना अधिकारी

क्या कहते हैं जिम्मेदार अधिकारी
गन्ना विभाग ने अगले पेराई सत्र में पर्ची वितरण व्यवस्था को पूरी तरह से बंद करते हुए मोबाइल मैसेज के जरिये ही किसानों को गन्ना आपूर्ति की सूचना भेजने का निर्णय लिया है. जिला गन्ना अधिकारी संजय शिशौदिया ने बताया कि कोरोना काल में किया गया यह प्रयोग काफ़ी हद तक सफल रहा है. इससे किसानों को सीधे तौर पर गन्ना आपूर्ति की सूचना पहुंचती है और उनकी पर्चियों के दुरुपयोग की आशंका भी पूरी तरह से खत्म हो जाती है. इस व्यवस्था के लागू होने से विभाग को नौ से साढ़े नौ करोड़ रुपये बचत होने की संभावना है.

sitapur news
इस व्यवस्था के लागू होने से विभाग को नौ से साढ़े नौ करोड़ रुपये बचत होने की संभावना है.

कब से शुरू होंगी चीनी मिलें
उन्होंने आगामी पेराई सत्र में चीनी मिलों के शुरू होने के बारे में बताया कि पिछले वर्ष चीनी मिलों की पेराई 6 नवम्बर के बाद शुरू हुई थी, लेकिन इस बार 29-30 अक्टूबर से पेराई कार्य शुरू करा दिया जायेगा. उन्होंने बताया कि रामगढ़ और जवाहरपुर चीनी मिल सबसे पहले शुरू होंगी. उसके बाद नवम्बर के पहले सप्ताह में हरगांव चीनी मिल के पेराई सत्र का आगाज़ होगा. इसी दौरान बिसवां शुगर मिल का भी पेराई सत्र शुरू होगा और 25 नवम्बर के बाद सहकारी क्षेत्र की एकमात्र महमूदाबाद चीनी मिल को शुरू कराया जाएगा.

सीतापुर: गन्ना किसानों को अगले पेराई सत्र में गन्ना पर्चियों का इंतज़ार नहीं करना पड़ेगा. अब गन्ना पर्ची की सूचना सीधे उनके मोबाइल फोन पर पहुंचेगी और उसे आधार कार्ड के साथ दिखाकर किसान अपना गन्ना क्रय केंद्र पर तुलवा सकेंगे. इससे किसानों को सहूलियत होगी और वे बिचौलियों से भी सुरक्षित रहेंगे. इसके साथ ही विभाग को इससे कागज की भी भारी बचत होगी. एक अनुमान के अनुसार, अगले पेराई सत्र में विभाग को करीब 9 से साढ़े 9 करोड़ रुपये की बचत होगी.

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गन्ना किसानों को अगले पेराई सत्र में गन्ना पर्चियों का इंतज़ार नहीं करना पड़ेगा.अब गन्ना पर्ची की सूचना सीधे उनके मोबाइल फोन पर पहुंचेगी

क्या है नई व्यवस्था
किसानों को गन्ना आपूर्ति के लिए गन्ना विभाग की ओर से सहकारी समितियों के माध्यम से गन्ना पर्ची भेज़ी जाती थी, जिसके आधार पर किसान क्रय केंद्र पर जाकर अपना गन्ना संबंधित चीनी मिल को आपूर्ति करते थे. कोरोना संक्रमण शुरू होते समय मार्च के महीने में चीनी मिलों के पेराई सत्र का अंतिम दौर चलना शुरू हो गया था. ऐसे में बचाव के तौर पर गन्ना विभाग ने किसानों को पर्ची की बजाय मोबाइल के जरिए मैसेज भेजने का प्रयोग किया और वह काफ़ी हद तक सफल रहा.

जानकारी देते गन्ना अधिकारी

क्या कहते हैं जिम्मेदार अधिकारी
गन्ना विभाग ने अगले पेराई सत्र में पर्ची वितरण व्यवस्था को पूरी तरह से बंद करते हुए मोबाइल मैसेज के जरिये ही किसानों को गन्ना आपूर्ति की सूचना भेजने का निर्णय लिया है. जिला गन्ना अधिकारी संजय शिशौदिया ने बताया कि कोरोना काल में किया गया यह प्रयोग काफ़ी हद तक सफल रहा है. इससे किसानों को सीधे तौर पर गन्ना आपूर्ति की सूचना पहुंचती है और उनकी पर्चियों के दुरुपयोग की आशंका भी पूरी तरह से खत्म हो जाती है. इस व्यवस्था के लागू होने से विभाग को नौ से साढ़े नौ करोड़ रुपये बचत होने की संभावना है.

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इस व्यवस्था के लागू होने से विभाग को नौ से साढ़े नौ करोड़ रुपये बचत होने की संभावना है.

कब से शुरू होंगी चीनी मिलें
उन्होंने आगामी पेराई सत्र में चीनी मिलों के शुरू होने के बारे में बताया कि पिछले वर्ष चीनी मिलों की पेराई 6 नवम्बर के बाद शुरू हुई थी, लेकिन इस बार 29-30 अक्टूबर से पेराई कार्य शुरू करा दिया जायेगा. उन्होंने बताया कि रामगढ़ और जवाहरपुर चीनी मिल सबसे पहले शुरू होंगी. उसके बाद नवम्बर के पहले सप्ताह में हरगांव चीनी मिल के पेराई सत्र का आगाज़ होगा. इसी दौरान बिसवां शुगर मिल का भी पेराई सत्र शुरू होगा और 25 नवम्बर के बाद सहकारी क्षेत्र की एकमात्र महमूदाबाद चीनी मिल को शुरू कराया जाएगा.

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