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सरकारी नलकूप नहीं कर रहा काम, किसानों को बुवाई में हो रही परेशानी - yogi government

एक तरफ प्रदेश सरकार किसानों की आय बढ़ाने की बात कर रही है, वहीं किसान संसाधनों की कमी से परेशान हैं. सीतापुर जिले में नलकूप खराब होने के कारण किसानों को बुवाई में समस्या हो रही है.

सरकारी नलकूप खराब.
सरकारी नलकूप खराब.
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Published : Nov 22, 2020, 1:28 PM IST

सीतापुर: सरकार भले ही किसानों की आय दोगुनी करने की बात कर रही हो, लेकिन अभी किसानों की समस्या का ही समाधन नहीं हो पा रहा है. ऐसी परिस्थिति में किसानों की आय दोगुनी तो दूर की बाद दो जून की रोटी की भी समस्या बनती जा रही है.

सरकारी नलकूप खराब.
जिले के लक्षिमनपुर गांव में सपा सरकार के दौरान वर्ष 2012-13 में राजकीय नलकूप का निर्माण नलकूप विभाग ने कराया था. यह राजकीय नलकूप लगभग 5 वर्ष तक सुचारू रूप से चला, लेकिन वर्ष 2017 में बोरिंग में कुछ खराबी होने के कारण नलकूप ने पानी उठाना बंद कर दिया. वहीं नलकूप ने 2018 से पूरी तरह पानी उठाना बंद कर दिया. यह राजकीय नलकूप पिछले दो वर्षों से सफेद हाथी बनकर रह गया है. किसानों की लगातार शिकायतों के बाद भी जिम्मेदार अधिकारी ध्यान नहीं दे रहे हैं.इन दिनों चल रही बुवाई

इन दिनों गेहूं, मसूस और लाही की बुवाई चल रही है. नलकूप खराब होने के चलते खेतों का पलेवा नहीं हो पा रहा है. इससे फसल की बुवाई लेट होती जा रही है. वहीं, कुछ किसान निजी पंपिंग सेट से खेतों में पलेवा और गन्ने की फसल में सिंचाई करने को मजबूर हैं. निजी पंपिंग सेट मालिक प्रतिघंटा 250 से 300 रुपये ले रहे हैं. इसके अलावा किसानों को पाइप का अलग से किराया देना पड रहा है. इससे किसानों की फसल की लागत काफी बढ़ जाती है. वहीं, अधिकतर किसान पैसों के अभाव के चलते फसल नहीं बो पाते हैं.

विकास खण्ड सिधौली के लक्षिमनपुर गांव निवासी दिनेश प्रताप सिंह, अमित कुमार आदि किसानों द्वारा राजकीय नलकूप को सही कराए जाने को लेकर कई बार जिम्मेदार अधिकारियों से शिकायतें की गईं, लेकिन किसानों की समस्या का समाधन नहीं हो सका.

सीतापुर: सरकार भले ही किसानों की आय दोगुनी करने की बात कर रही हो, लेकिन अभी किसानों की समस्या का ही समाधन नहीं हो पा रहा है. ऐसी परिस्थिति में किसानों की आय दोगुनी तो दूर की बाद दो जून की रोटी की भी समस्या बनती जा रही है.

सरकारी नलकूप खराब.
जिले के लक्षिमनपुर गांव में सपा सरकार के दौरान वर्ष 2012-13 में राजकीय नलकूप का निर्माण नलकूप विभाग ने कराया था. यह राजकीय नलकूप लगभग 5 वर्ष तक सुचारू रूप से चला, लेकिन वर्ष 2017 में बोरिंग में कुछ खराबी होने के कारण नलकूप ने पानी उठाना बंद कर दिया. वहीं नलकूप ने 2018 से पूरी तरह पानी उठाना बंद कर दिया. यह राजकीय नलकूप पिछले दो वर्षों से सफेद हाथी बनकर रह गया है. किसानों की लगातार शिकायतों के बाद भी जिम्मेदार अधिकारी ध्यान नहीं दे रहे हैं.इन दिनों चल रही बुवाई

इन दिनों गेहूं, मसूस और लाही की बुवाई चल रही है. नलकूप खराब होने के चलते खेतों का पलेवा नहीं हो पा रहा है. इससे फसल की बुवाई लेट होती जा रही है. वहीं, कुछ किसान निजी पंपिंग सेट से खेतों में पलेवा और गन्ने की फसल में सिंचाई करने को मजबूर हैं. निजी पंपिंग सेट मालिक प्रतिघंटा 250 से 300 रुपये ले रहे हैं. इसके अलावा किसानों को पाइप का अलग से किराया देना पड रहा है. इससे किसानों की फसल की लागत काफी बढ़ जाती है. वहीं, अधिकतर किसान पैसों के अभाव के चलते फसल नहीं बो पाते हैं.

विकास खण्ड सिधौली के लक्षिमनपुर गांव निवासी दिनेश प्रताप सिंह, अमित कुमार आदि किसानों द्वारा राजकीय नलकूप को सही कराए जाने को लेकर कई बार जिम्मेदार अधिकारियों से शिकायतें की गईं, लेकिन किसानों की समस्या का समाधन नहीं हो सका.

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