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गन्ना किसानों ने गन्ना जलाकर किया विरोध, कहा- शोषण बंद कर दिया जाए उचित मूल्य

उत्तर प्रदेश के सीतापुर में किसानों ने गन्ना जलाकर प्रदर्शन किया. किसानों का कहना है कि सरकार ने समर्थन मूल्य बढ़ाने का वादा किया था, लेकिन मूल्यों में कोई वृद्धि नहीं हुई.

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गन्ना जलाकर किसानों ने किया प्रदर्शन.
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Published : Dec 12, 2019, 2:49 PM IST

सीतापुर: भारतीय किसान यूनियन के बैनर तले किसानों ने गुरुवार को लालबाग चौराहे पर गन्ना जलाकर प्रदर्शन किया. किसानों का कहना है कि उन पर लगातार शोषण हो रहा है. सरकार ने किसानों से समर्थन मूल्य बढ़ाने का वादा किया था, लेकिन मूल्यों में कोई वृद्धि नहीं हुई. उनकी मांग है कि पेराई सत्र 2019-2020 का समर्थन मूल्य 450 रुपये प्रति कुन्तल तय किया जाए.

गन्ना जलाकर किसानों ने किया प्रदर्शन.

किसानों का हो रहा शोषण

  • शहर के मुख्य लालबाग चौराहे पर किसानों ने गन्ना जलाकर प्रदर्शन किया.
  • किसानों की मांग है कि पेराई सत्र 2019-2020 का समर्थन मूल्य 450 रुपये प्रति कुन्तल तय किया जाए.
  • पिछले तीन वर्षों में प्रदेश सरकार ने गन्ना मूल्य में कोई वृद्धि नहीं की है, जबकि लागत में काफी बढ़ोतरी हुई है.
  • यूनियन के पदाधिकारियों का आरोप है कि सरकार किसानों का शोषण कर रही है.

क्रय केंद्रों पर गन्ना तुलवाने के लिए तीन दिन किसान को खड़ा रखा जाता है. वहां पर घटतौली भी की जाती है जबकि नियमानुसार 8 घण्टे में ट्राली खाली करने का प्रावधान है. किसान सरकार से इस व्यवस्था में सुधार लाने की मांग करते हुए मुख्यमंत्री को एक ज्ञापन भी भेजा है.
-विजय कुमार शुक्ला, मण्डल उपाध्यक्ष, भाकियू

यह भी पढ़ें- गन्ना किसानों के साथ योगी सरकार ने किया धोखा: आराधना मिश्रा

सीतापुर: भारतीय किसान यूनियन के बैनर तले किसानों ने गुरुवार को लालबाग चौराहे पर गन्ना जलाकर प्रदर्शन किया. किसानों का कहना है कि उन पर लगातार शोषण हो रहा है. सरकार ने किसानों से समर्थन मूल्य बढ़ाने का वादा किया था, लेकिन मूल्यों में कोई वृद्धि नहीं हुई. उनकी मांग है कि पेराई सत्र 2019-2020 का समर्थन मूल्य 450 रुपये प्रति कुन्तल तय किया जाए.

गन्ना जलाकर किसानों ने किया प्रदर्शन.

किसानों का हो रहा शोषण

  • शहर के मुख्य लालबाग चौराहे पर किसानों ने गन्ना जलाकर प्रदर्शन किया.
  • किसानों की मांग है कि पेराई सत्र 2019-2020 का समर्थन मूल्य 450 रुपये प्रति कुन्तल तय किया जाए.
  • पिछले तीन वर्षों में प्रदेश सरकार ने गन्ना मूल्य में कोई वृद्धि नहीं की है, जबकि लागत में काफी बढ़ोतरी हुई है.
  • यूनियन के पदाधिकारियों का आरोप है कि सरकार किसानों का शोषण कर रही है.

क्रय केंद्रों पर गन्ना तुलवाने के लिए तीन दिन किसान को खड़ा रखा जाता है. वहां पर घटतौली भी की जाती है जबकि नियमानुसार 8 घण्टे में ट्राली खाली करने का प्रावधान है. किसान सरकार से इस व्यवस्था में सुधार लाने की मांग करते हुए मुख्यमंत्री को एक ज्ञापन भी भेजा है.
-विजय कुमार शुक्ला, मण्डल उपाध्यक्ष, भाकियू

यह भी पढ़ें- गन्ना किसानों के साथ योगी सरकार ने किया धोखा: आराधना मिश्रा

Intro:सीतापुर: भारतीय किसान यूनियन के बैनर तले किसानों ने अपने शोषण के खिलाफ और समर्थन मूल्य बढ़ाये जाने की मांग को लेकर लालबाग चौराहे पर गन्ना जलाकर विरोध प्रदर्शन किया.इस दौरान कुछ किसानों ने सड़क पर लेटकर अपना विरोध जताया.


Body:भारतीय किसान यूनियन (अराजनैतिक) की स्थानीय शाखा के बैनर तले इकट्ठा हुए किसान शहर के मुख्य लालबाग चौराहे पर अपना विरोध दर्ज कराने पहुंचे और वहां सड़क पर लेटने के साथ ही गन्ना जलाकर अपना विरोध दर्ज कराया. उन्होंने मांग की,कि गन्ना पेराई सत्र 2019-2020 में गन्ने का समर्थन मूल्य 450 रुपये प्रति कुन्तल तय किया जाय क्योंकि पिछले तीन वर्षों से राज्य सरकार द्वारा गन्ना मूल्य में कोई वृद्धि नही की गई है जबकि गन्ने की लागत में काफी बढ़ोतरी हुई है.


Conclusion:यूनियन के पदाधिकारियों का यह भी आरोप है कि गन्ना किसानों का शोषण किया जा रहा है. क्रय केंद्रों पर गन्ना तुलवाने के लिए तीन दिन किसान को खड़ा रखा जाता है,वहां पर घटतौली भी की जाती है जबकि 8 घण्टे में नियमानुसार ट्राली खाली करने का प्रावधान है. किसानों से सरकार से इस व्यवस्था में सुधार लाने की मांग करते हुए मुख्यमंत्री को एक ज्ञापन भी भेजा है.

बाइट-विजय कुमार शुक्ला (मण्डल उपाध्यक्ष-भाकियू)

सीतापुर से नीरज श्रीवास्तव की रिपोर्ट,9415084887
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