सीतापुर: जिले के नैमिषारण्य तीर्थ स्थित शिव मंदिरों में आज सावन के पहले सोमवार पर भगवान शिव के भक्तों ने पूजा-अर्चना की. यहां पर भक्तों ने सुबह 4 बजे से ही भगवान शिव के दर्शन करने शुरु कर दिये थे. ऐसी मान्यता है कि सावन के महीने में जो शिवभक्त नैमिषारण्य तीर्थ स्थित शिव मंदिरों में पूजा पाठ करके सिर झुकाते हैं तो उनकी मनोकामनाएं निश्चित ही पूरी होती हैं.
भक्तों ने किए शिव मंदिरों में दर्शन
- नैमिषारण्य तीर्थ स्थित देवदेवेश्वर मंदिर में सुबह से ही शिव भक्तों की भारी भीड़ उमड़ती दिखी.
- मंदिर प्रांगण में रविवार से ही कई शिव भक्तों द्वारा अखण्ड रामायण के पाठ आयोजित किये गये थे.
- देवदेवेश्वर मंदिर में सावन माह में बड़ी संख्या में श्रद्धालु अपनी मनोकामनाएं पूर्ण होने पर अखण्ड रामायण के पाठ, रुद्राभिषेक, कन्या भोज और भण्डारे का आयोजन करते हैं.
- भक्तों ने गोमती नदी के निकट स्थित रुद्रावर्त तीर्थ में भी शिव जी को जल, बेलपत्र, दूध इत्यादि चढ़ाकर पूजन किया.
- मान्यता है कि भगवान शिव नैमिषारण्य तीर्थ में जल के रूप में है विद्यमान हैं.
- मान्यता के आधार पर शिव पुराण के अनुसार भगवान शिव को नैमिष भूमि अत्यंत प्रिय है.
सावन मास भगवान शिव को विशेष प्रिय है. इस महीने में भगवान शिव को समर्पित रुद्राभिषेक, जलाभिषेक , महामृत्युंजय पाठ आदि शिवप्रिय अनुष्ठानों का विधिपूर्वक पूजन पाठ विशेष फलदायी माना जाता है. इस पूरे महीने में बड़ी संख्या में शिवभक्त नैमिष क्षेत्र स्थित शिव मंदिरों में पूजा पाठ करके सिर झुकाते हैं, जिससे उनकी मनोकामनाएं निश्चित ही पूरी होती हैं.
- आचार्य सतानन्द द्विवेदी, अनुष्ठान विशेषज्ञ