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सीतापुर: हर-हर भोले के जयकारों से गूंजे तीर्थ भूमि नैमिषारण्य के शिवालय - Namisharnya Tirtha Sitapur

उत्तर प्रदेश के सीतापुर में नैमिषारण्य तीर्थ स्थित देवदेवेश्वर मंदिर में सुबह से ही शिवभक्तों की भारी भीड़ उमड़ने लगी. मान्यतानुसार देवदेवेश्वर मंदिर में सावन माह में बड़ी संख्या में श्रद्धालु अपनी मनोकामनाएं पूर्ण होने पर अखण्ड रामायण का पाठ, रुद्राभिषेक, कन्या भोज और भण्डारे का आयोजन करते हैं.

भक्तों ने किए शिव मंदिरों में दर्शन
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Published : Jul 22, 2019, 9:56 PM IST

सीतापुर: जिले के नैमिषारण्य तीर्थ स्थित शिव मंदिरों में आज सावन के पहले सोमवार पर भगवान शिव के भक्तों ने पूजा-अर्चना की. यहां पर भक्तों ने सुबह 4 बजे से ही भगवान शिव के दर्शन करने शुरु कर दिये थे. ऐसी मान्यता है कि सावन के महीने में जो शिवभक्त नैमिषारण्य तीर्थ स्थित शिव मंदिरों में पूजा पाठ करके सिर झुकाते हैं तो उनकी मनोकामनाएं निश्चित ही पूरी होती हैं.

जयकारों से गूंजे तीर्थ भूमि नैमिषारण्य के शिवालय.

भक्तों ने किए शिव मंदिरों में दर्शन

  • नैमिषारण्य तीर्थ स्थित देवदेवेश्वर मंदिर में सुबह से ही शिव भक्तों की भारी भीड़ उमड़ती दिखी.
  • मंदिर प्रांगण में रविवार से ही कई शिव भक्तों द्वारा अखण्ड रामायण के पाठ आयोजित किये गये थे.
  • देवदेवेश्वर मंदिर में सावन माह में बड़ी संख्या में श्रद्धालु अपनी मनोकामनाएं पूर्ण होने पर अखण्ड रामायण के पाठ, रुद्राभिषेक, कन्या भोज और भण्डारे का आयोजन करते हैं.
  • भक्तों ने गोमती नदी के निकट स्थित रुद्रावर्त तीर्थ में भी शिव जी को जल, बेलपत्र, दूध इत्यादि चढ़ाकर पूजन किया.
  • मान्यता है कि भगवान शिव नैमिषारण्य तीर्थ में जल के रूप में है विद्यमान हैं.
  • मान्यता के आधार पर शिव पुराण के अनुसार भगवान शिव को नैमिष भूमि अत्यंत प्रिय है.

सावन मास भगवान शिव को विशेष प्रिय है. इस महीने में भगवान शिव को समर्पित रुद्राभिषेक, जलाभिषेक , महामृत्युंजय पाठ आदि शिवप्रिय अनुष्ठानों का विधिपूर्वक पूजन पाठ विशेष फलदायी माना जाता है. इस पूरे महीने में बड़ी संख्या में शिवभक्त नैमिष क्षेत्र स्थित शिव मंदिरों में पूजा पाठ करके सिर झुकाते हैं, जिससे उनकी मनोकामनाएं निश्चित ही पूरी होती हैं.

- आचार्य सतानन्द द्विवेदी, अनुष्ठान विशेषज्ञ

सीतापुर: जिले के नैमिषारण्य तीर्थ स्थित शिव मंदिरों में आज सावन के पहले सोमवार पर भगवान शिव के भक्तों ने पूजा-अर्चना की. यहां पर भक्तों ने सुबह 4 बजे से ही भगवान शिव के दर्शन करने शुरु कर दिये थे. ऐसी मान्यता है कि सावन के महीने में जो शिवभक्त नैमिषारण्य तीर्थ स्थित शिव मंदिरों में पूजा पाठ करके सिर झुकाते हैं तो उनकी मनोकामनाएं निश्चित ही पूरी होती हैं.

जयकारों से गूंजे तीर्थ भूमि नैमिषारण्य के शिवालय.

भक्तों ने किए शिव मंदिरों में दर्शन

  • नैमिषारण्य तीर्थ स्थित देवदेवेश्वर मंदिर में सुबह से ही शिव भक्तों की भारी भीड़ उमड़ती दिखी.
  • मंदिर प्रांगण में रविवार से ही कई शिव भक्तों द्वारा अखण्ड रामायण के पाठ आयोजित किये गये थे.
  • देवदेवेश्वर मंदिर में सावन माह में बड़ी संख्या में श्रद्धालु अपनी मनोकामनाएं पूर्ण होने पर अखण्ड रामायण के पाठ, रुद्राभिषेक, कन्या भोज और भण्डारे का आयोजन करते हैं.
  • भक्तों ने गोमती नदी के निकट स्थित रुद्रावर्त तीर्थ में भी शिव जी को जल, बेलपत्र, दूध इत्यादि चढ़ाकर पूजन किया.
  • मान्यता है कि भगवान शिव नैमिषारण्य तीर्थ में जल के रूप में है विद्यमान हैं.
  • मान्यता के आधार पर शिव पुराण के अनुसार भगवान शिव को नैमिष भूमि अत्यंत प्रिय है.

सावन मास भगवान शिव को विशेष प्रिय है. इस महीने में भगवान शिव को समर्पित रुद्राभिषेक, जलाभिषेक , महामृत्युंजय पाठ आदि शिवप्रिय अनुष्ठानों का विधिपूर्वक पूजन पाठ विशेष फलदायी माना जाता है. इस पूरे महीने में बड़ी संख्या में शिवभक्त नैमिष क्षेत्र स्थित शिव मंदिरों में पूजा पाठ करके सिर झुकाते हैं, जिससे उनकी मनोकामनाएं निश्चित ही पूरी होती हैं.

- आचार्य सतानन्द द्विवेदी, अनुष्ठान विशेषज्ञ

Intro:उप्र/सीतापुर/नैमिषारण्य

आज सीतापुर जनपद अंतर्गत नैमिषारण्य तीर्थ स्थित शिव मंदिरों में आज सावन के पहले सोमवार भोले के भक्तों ने सुबह 4 बजे से ही हर हर महादेव के जयकारों के साथ भगवान शिव की पूजा अर्चना का वैदिक रीति से क्रम शुरू कर दिया था Body:तीर्थ स्थित देवदेवेश्वर मंदिर में जहां सुबह से ही शिव भक्तों की भारी भीड़ उमड़ती दिख रही थी वहीं मंदिर प्रांगण में रविवार से ही कई शिव भक्तो द्वारा अखण्ड रामायण के पाठ आयोजित किये गये थे आज मंदिर के पास मेले जैसा माहौल देखने को मिल रहा था , ज्ञात हो कि देवदेवेश्वर मंदिर में प्रतिवर्ष सावन माह में बड़ी संख्या में श्रद्धालुगण आकर अपनी मनोकामनायें पूर्ण होने पर अखण्ड रामायण के पाठ , रुद्राभिषेक पूजन, कन्या भोज व भण्डारे का आयोजन करते हैं  वहीं गोमती नदी के निकट स्थित रुद्रावर्त तीर्थ में भी भक्तों ने शिव जी को जल, बेलपत्र, दूध, मीठा व फल चढ़ाकर पूजन किया , यहाँ प्रमुख रूप से चक्रतीर्थ स्थित भूतनाथ मंदिर मेें भूतेश्वर महादेव का विशेष श्रंगार व रुद्राभिषेक किया गया मंदिर के पुजारी पं0 राज नारायण पाण्डेय के सानिध्य में पूजन व प्रसाद वितरण किया गया वहीं  गोलागोकर्णनाथ, कालीपीठ स्थित शिवमंदिर महाकालेश्वर, सिद्धेश्वर मंदिर, ललितेश्वर महादेव मंदिर, रामेश्वरमंदिर एवं महामृत्युंजय मंदिर में श्रद्धालु भक्तों ने अभिषेक व पूजन किया ।

" प्रमुख बातें "

• भगवान शिव की पूजा आराधना के लिए सावन मास माना जाता है सर्वोत्तम
• शिव पुराण के अनुसार भगवान शिव को नैमिष भूमि है अत्यंत प्रिय
• मान्यता है कि भगवान शिव नैमिषारण्य तीर्थ में जल के रूप में है विद्यमान
• नैमिषारण्य तीर्थ में है भगवान शिव के कई पौराणिक मन्दिर
• वायु पुराण , महाभारत , विष्णु पुराण , शिव पुराण में आता है नैमिष तीर्थ के शिव मंदिरों का वर्णन
• भूतेश्वर नाथ , रुद्रावर्त धाम , देवदेवेश्वर , काशी विश्वनाथ , सिद्धेश्वर नाथ महादेव है नैमिष तीर्थ के पौराणिक मन्दिर

Conclusion:" क्या कहते है विद्वान "

सावन मास भगवान शिव को विशेष प्रिय है इस महीने में भगवान शिव को समर्पित रुद्राभिषेक , जलाभिषेक , महामृत्युंजय पाठ , आदि शिवप्रिय अनुष्ठानों का विधिपूर्वक पूजन पाठ विशेष फलदायी माना जाता है इस पूरे मस्त बड़ी संख्या में शिवभक्त नैमिष क्षेत्र स्थित शिव मंदिरों में पूजा पाठ कर सिर झुकाते हैं जिससे उनकी मनोकामनाएं निश्चित ही पूरी होती हैं ।

आचार्य सतानन्द द्विवेदी
अनुष्ठान विशेषज्ञ / पूर्व प्राचार्य संस्कृत महाविद्यालय


पुरुषोत्तम शर्मा
नैमिषारण्य / सीतापुर
0993593573
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