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सीतापुर: एक रोटी के लिए बच्ची ने खुद को किया आग के हवाले - भूखी बच्ची ने खुद को किया आग के हवाले

उत्तर प्रदेश के सीतापुर जिले में एक रोटी के लिए एक बच्ची ने केरोसिन डालकर खुद को आग लगा ली. वहीं इलाज के दौरान बच्ची ने जिला अस्पताल में दम तोड़ दिया.

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Published : Oct 29, 2019, 6:26 PM IST

Updated : Oct 29, 2019, 7:17 PM IST

सीतापुर: भाई-बहन घर पर अकेले थे. मां-पिता घर से बाहर थे. इस बीच लड़की के चीखने-चिल्लाने की आवाज सुनाई दी. टोला वासियों ने आवाज सुनी तो घर की तरफ भागे. देखा तो लड़की आग की लपटों से घिरी थी. आनन-फानन में उसे अस्पताल में भर्ती कराया गया, लेकिन उसे बचाया नहीं जा सका.

सीतापुर जिले के ब्लॉक सकरन में गांव है मजलिसपुर. यहां के रहने वाले राकेश कुमार के घर ये हादसा हुआ है. राकेश कुमार घर पर नहीं थे, जिस समय यह हादसा हुआ. राकेश ने इस बारे में बताया कि 'काम के सिलसिले में मैं घर से बाहर गया हुआ था. मेरी पत्नी भी घर पर नहीं थी. वह रिश्तेदार के पास थी. जेठानी के घर पर.'

जानकारी देते मृतक बच्ची के पिता.

सभी खाना खाने के बाद एक रोटी बची थी
राकेश कुमार ने बताया कि 'घर पर मेरी बेटी और बेटा ही थे. सुबह खाना बना था और सबने मिलकर खाया. एक रोटी बची रह गई थी. उसी के लिए दोनों में झगड़ा हो गया था. झगड़े में बेटी ने रोटी फेंक दी और बेटा रोटी खा गया.'

ये भी पढ़ें- सीतापुर: महिला अस्पताल में नवजात बच्ची की मौत पर हंगामा, बच्चा बदलने का आरोप

गुस्से में बेटी ने खुद को लगाई आग
राकेश ने बताया 'रोटी खाने के बाद बेटा खेलने के लिए चला गया. उसके जाने के बाद बेटी ने खुद को आग लगा ली. टोले वालों ने ही आग बुझाकर उसे अस्पताल पहुंचाया था. हम पति-पत्नी भी मौके पर नहीं थे. वहां से अस्पताल ले गए, जहां से सीतापुर के लिए रेफर कर दिया गया.'

सीओ और लेखपाल ने कराया भर्ती
बच्ची के पिता ने बताया कि 'सीतापुर में हम उसे 5 दिन लेकर भर्ती थे. फिर यहां से लेकर चले गए. घर पर भी लड़के की देखभाल करने वाला कोई नहीं था. इसके बाद सीओ और लेखपाल गए और दोबारा यहां सीतापुर भर्ती कराया. यहां पर इलाज के दौरान ही मेरी बेटी की मौत हो गई.' राकेश ने बताया कि बेटी की उम्र 15 साल थी.

सीतापुर: भाई-बहन घर पर अकेले थे. मां-पिता घर से बाहर थे. इस बीच लड़की के चीखने-चिल्लाने की आवाज सुनाई दी. टोला वासियों ने आवाज सुनी तो घर की तरफ भागे. देखा तो लड़की आग की लपटों से घिरी थी. आनन-फानन में उसे अस्पताल में भर्ती कराया गया, लेकिन उसे बचाया नहीं जा सका.

सीतापुर जिले के ब्लॉक सकरन में गांव है मजलिसपुर. यहां के रहने वाले राकेश कुमार के घर ये हादसा हुआ है. राकेश कुमार घर पर नहीं थे, जिस समय यह हादसा हुआ. राकेश ने इस बारे में बताया कि 'काम के सिलसिले में मैं घर से बाहर गया हुआ था. मेरी पत्नी भी घर पर नहीं थी. वह रिश्तेदार के पास थी. जेठानी के घर पर.'

जानकारी देते मृतक बच्ची के पिता.

सभी खाना खाने के बाद एक रोटी बची थी
राकेश कुमार ने बताया कि 'घर पर मेरी बेटी और बेटा ही थे. सुबह खाना बना था और सबने मिलकर खाया. एक रोटी बची रह गई थी. उसी के लिए दोनों में झगड़ा हो गया था. झगड़े में बेटी ने रोटी फेंक दी और बेटा रोटी खा गया.'

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गुस्से में बेटी ने खुद को लगाई आग
राकेश ने बताया 'रोटी खाने के बाद बेटा खेलने के लिए चला गया. उसके जाने के बाद बेटी ने खुद को आग लगा ली. टोले वालों ने ही आग बुझाकर उसे अस्पताल पहुंचाया था. हम पति-पत्नी भी मौके पर नहीं थे. वहां से अस्पताल ले गए, जहां से सीतापुर के लिए रेफर कर दिया गया.'

सीओ और लेखपाल ने कराया भर्ती
बच्ची के पिता ने बताया कि 'सीतापुर में हम उसे 5 दिन लेकर भर्ती थे. फिर यहां से लेकर चले गए. घर पर भी लड़के की देखभाल करने वाला कोई नहीं था. इसके बाद सीओ और लेखपाल गए और दोबारा यहां सीतापुर भर्ती कराया. यहां पर इलाज के दौरान ही मेरी बेटी की मौत हो गई.' राकेश ने बताया कि बेटी की उम्र 15 साल थी.

Intro:आधी रोटी के लिए मासूम बच्ची ने लगाई थी आग,इलाज के दौरान मौत

एंकर - इक्कीसवीं सदी में भी भारत गरीबी व भुखमरी का शिकार है. इसी भूख के कारण एक मासूम बच्ची ने खुद पर केरोसिन डालकर अपने को आग के हवाले कर दिया.ग्रामीणों ने आग बुझाकर उसे एम्बुलेंस से जिला अस्पताल भिजवाया जहाँ 70 प्रतिशत तक जली इस लड़की की इलाज़ के दौरान मौत हो गई.


ताजा मामला यूपी के सीतापुर जिले के ब्लाक सकरन के मजलिसपुर गांव का है जहां पर आधी रोटी के लिए मासूम ने केरोसिन डालकर खुद को आग के हवाले कर लिया था जिसकी चीख-पुकार सुनकर गांव वालों ने आग बुझाकर एंबुलेंस के द्वारा जिला अस्पताल भेजा जहां बाहर की दवाइयां लिखी जाने के कारण इलाज नहीं करा सका,गरीब पिता तो वापस घर ले आया,जिसके बाद मीडिया में मामला उजागर हुआ तो प्रशासन नींद से जागा.पीड़िता को एंबुलेंस के माध्यम से फिर जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया वहीं पीड़ित परिवार को राशन भी दिया गया.घटना के करीब 15 दिन बीतने के बाद मासूम ने जिला अस्पताल में ही तड़प-तड़प कर दम तोड़ दिया.जहाँ एक ओर दीपावली व भैया दूज के त्यौहार पर पूरा देश खुशियां मना रहा है वहीँ एक गरीब परिवार के यहां रोटी के लिए मौत से मातमी सन्नाटा पसरा हुआ है अब सवाल आखिर ये यह उठता है कि इसके लिए आखिर जिम्मेदार कौन है?

Body:बाइट- राकेश कुमार (पिता)Conclusion:सीतापुर से नीरज श्रीवास्तव की रिपोर्ट,9415084887
Last Updated : Oct 29, 2019, 7:17 PM IST
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