सीतापुर: भाई-बहन घर पर अकेले थे. मां-पिता घर से बाहर थे. इस बीच लड़की के चीखने-चिल्लाने की आवाज सुनाई दी. टोला वासियों ने आवाज सुनी तो घर की तरफ भागे. देखा तो लड़की आग की लपटों से घिरी थी. आनन-फानन में उसे अस्पताल में भर्ती कराया गया, लेकिन उसे बचाया नहीं जा सका.
सीतापुर जिले के ब्लॉक सकरन में गांव है मजलिसपुर. यहां के रहने वाले राकेश कुमार के घर ये हादसा हुआ है. राकेश कुमार घर पर नहीं थे, जिस समय यह हादसा हुआ. राकेश ने इस बारे में बताया कि 'काम के सिलसिले में मैं घर से बाहर गया हुआ था. मेरी पत्नी भी घर पर नहीं थी. वह रिश्तेदार के पास थी. जेठानी के घर पर.'
सभी खाना खाने के बाद एक रोटी बची थी
राकेश कुमार ने बताया कि 'घर पर मेरी बेटी और बेटा ही थे. सुबह खाना बना था और सबने मिलकर खाया. एक रोटी बची रह गई थी. उसी के लिए दोनों में झगड़ा हो गया था. झगड़े में बेटी ने रोटी फेंक दी और बेटा रोटी खा गया.'
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गुस्से में बेटी ने खुद को लगाई आग
राकेश ने बताया 'रोटी खाने के बाद बेटा खेलने के लिए चला गया. उसके जाने के बाद बेटी ने खुद को आग लगा ली. टोले वालों ने ही आग बुझाकर उसे अस्पताल पहुंचाया था. हम पति-पत्नी भी मौके पर नहीं थे. वहां से अस्पताल ले गए, जहां से सीतापुर के लिए रेफर कर दिया गया.'
सीओ और लेखपाल ने कराया भर्ती
बच्ची के पिता ने बताया कि 'सीतापुर में हम उसे 5 दिन लेकर भर्ती थे. फिर यहां से लेकर चले गए. घर पर भी लड़के की देखभाल करने वाला कोई नहीं था. इसके बाद सीओ और लेखपाल गए और दोबारा यहां सीतापुर भर्ती कराया. यहां पर इलाज के दौरान ही मेरी बेटी की मौत हो गई.' राकेश ने बताया कि बेटी की उम्र 15 साल थी.