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किराये की जमीन पर कर रहे खेती, ऐसे कमा रहे लाखों रुपये

सिद्धार्थनगर में चार परिवारों ने वैज्ञानिक विधि से खेती की शुरुआत की. अब ये कम लागत में अधिक कमाई कर रहे हैं. ये लोग किराये की जमीन पर खेती करते हैं.

वैज्ञानिक विधि अपनाकर अधिक कमाई
वैज्ञानिक विधि अपनाकर अधिक कमाई
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Published : Jan 1, 2021, 6:58 PM IST

Updated : Jan 1, 2021, 10:00 PM IST

सिद्धार्थनगर: जिले में रहने वाले चार परिवार किराये की जमीन पर पौध लगाकर फायदा कमा रहे हैं. शरीफ अहमद, अली अहमद, नूर आलम और जहूर आलम ने सिद्धार्थनगर जिले के डुमरियागंज में 30 एकड़ जमीन किराए पर लेकर सब्जियां उगाना शुरू किया था.

व्यापारियों से बातचीत.

शरीफ अहमद, अली अहमद, नूर आलम और जहूर आलम ने कुछ वर्षों पहले 15 लाख रुपये खर्च कर वैज्ञानिक विधि से सब्जियों की खेती करना शुरू किया था. पहले सीजन में लाभ मिला तो उनका उत्साह बढ़ गया. अब वर्ष के तीन सीजन में इन भाइयों ने लगभग 25 लाख रुपये की सब्जी बेचीं और दस लाख रुपये की बचत हुई.

शरीफ अहमद और अली अहमद बताते हैं कि दो वर्ष पहले उनका और उनके अन्य दो साथियों का परिवार आर्थिक रूप से कमजोर था. आज सब्जियों की खेती से अच्छी कमाई हो रही है. इससे अब परिवार की आर्थिक हालत अच्छी हो गई है.

कम लागत और अधिक लाभ पर जोर
वे बताते हैं कि सब्जियों की खेती थाला-नाली विधि से होती है. इससे सिंचाई में पानी कम खर्च होता है. लौकी, तरोई, कद्दू, शिमला मिर्च, खीरा, करेला, हरा मिर्च आदि सब्जियां मात्र दो माह में तैयार हो जाती हैं. इससे कम लागत में अधिक लाभ मिलता है.

ये भी अपना रहे आधुनिक विधि
मुनीर आलम, अबूसमा, राहुल, गुलाम, करमहुसैन, बेचन, रामराज, राजेलाल, फूलप्रसाद आदि व्यापारियों ने वैज्ञानिक विधि से खेती करना शुरू किया और कम लागत में अधिक लाभ कमाया. उपजिलाधिकारी डुमरियागंज त्रिभुवन प्रसाद ने बताया कि यह बहुत अच्छा प्रयास है.

सिद्धार्थनगर: जिले में रहने वाले चार परिवार किराये की जमीन पर पौध लगाकर फायदा कमा रहे हैं. शरीफ अहमद, अली अहमद, नूर आलम और जहूर आलम ने सिद्धार्थनगर जिले के डुमरियागंज में 30 एकड़ जमीन किराए पर लेकर सब्जियां उगाना शुरू किया था.

व्यापारियों से बातचीत.

शरीफ अहमद, अली अहमद, नूर आलम और जहूर आलम ने कुछ वर्षों पहले 15 लाख रुपये खर्च कर वैज्ञानिक विधि से सब्जियों की खेती करना शुरू किया था. पहले सीजन में लाभ मिला तो उनका उत्साह बढ़ गया. अब वर्ष के तीन सीजन में इन भाइयों ने लगभग 25 लाख रुपये की सब्जी बेचीं और दस लाख रुपये की बचत हुई.

शरीफ अहमद और अली अहमद बताते हैं कि दो वर्ष पहले उनका और उनके अन्य दो साथियों का परिवार आर्थिक रूप से कमजोर था. आज सब्जियों की खेती से अच्छी कमाई हो रही है. इससे अब परिवार की आर्थिक हालत अच्छी हो गई है.

कम लागत और अधिक लाभ पर जोर
वे बताते हैं कि सब्जियों की खेती थाला-नाली विधि से होती है. इससे सिंचाई में पानी कम खर्च होता है. लौकी, तरोई, कद्दू, शिमला मिर्च, खीरा, करेला, हरा मिर्च आदि सब्जियां मात्र दो माह में तैयार हो जाती हैं. इससे कम लागत में अधिक लाभ मिलता है.

ये भी अपना रहे आधुनिक विधि
मुनीर आलम, अबूसमा, राहुल, गुलाम, करमहुसैन, बेचन, रामराज, राजेलाल, फूलप्रसाद आदि व्यापारियों ने वैज्ञानिक विधि से खेती करना शुरू किया और कम लागत में अधिक लाभ कमाया. उपजिलाधिकारी डुमरियागंज त्रिभुवन प्रसाद ने बताया कि यह बहुत अच्छा प्रयास है.

Last Updated : Jan 1, 2021, 10:00 PM IST
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