ETV Bharat / state

लाखों खर्च होने के बाद भी नहीं बन पाया मुक्तिधाम, शराबियों ने बनाया अड्डा

सिद्धार्थनगर में नगरपालिका ने क्षेत्र में पड़ने वाली राप्ती नदी के तट पर शमशान घाट पर मुक्तिधाम का शिलान्यास साल 2007 में किया था. साल 2016 में मुक्तिधाम का निर्माण शुरू हुआ था, जो अभी तक पूरा नहीं हो सका.

siddharthnagar
भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ा मुक्तिधाम
author img

By

Published : Jan 10, 2021, 6:26 PM IST

सिद्धार्थनगरः जिले में बने मुक्तिधामों के हालात भी कुछ बेहतर नहीं हैं. मुक्तिधामों का निर्माण शमशान घाटों पर अंत्येष्ठि के समय आने वाले लोगों को बैठने के लिये कराया जाता है. लेकिन इन मुक्तिधामों की हालत बद से बदतर हो चुके हैं.

भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ रहा मुक्तिधाम

लाखों खर्च होने के बाद भी मुक्तिधाम तैयार नहीं
जिले के बांसी नगरपालिका ने क्षेत्र में पड़ने वाली राप्ती नदी के तट पर शमशान घाट पर एक मुक्तिधाम का शिलान्यास साल 2007 में किया था. उसके बाद 2016 से ही ये मुक्ति धाम बन रहा है. इसके निर्माण में अब तक लाखों रुपए भी खर्च किए जा चुके हैं. इसके बावजूद नगरपालिका ने साल 2021 तक इस मुक्तिधाम का निर्माण कार्य पूरा नहीं करवा सका.

मुक्तिधाम बना शराब का अड्डा
मुक्ति धाम में लगे शेड से कई सीमेंटेड स्लैब के गायब हैं, तो कई टूट गये हैं. गेट अधूरा पड़ा है, सिर्फ सरिए का ढांचा ही गेट के नाम पर दिख रहा है. वहीं दो कमरों का भी निर्माण किया गया है, जो अधूरा पड़ा है. एक कमरे को देखकर तो ऐसा लगता है, जैसे इसका निर्माण शराब अड्डे के लिए किया जा रहा हो. मुक्तिधाम के कमरे में बीयर, अंग्रेजी शराब की बोतलों के साथ देशी शराब की बोतले पड़ी हैं. अंतेष्टि के समय यहां आने वाले लोग इसके नीचे खड़े होने से भी कतराते हैं.

मुरादनगर हादसे से भी सीख नहीं
अब ऐसे में सवाल ये है कि क्या गाजियाबाद जैसी घटना का इंतजार जिले के जिम्मेदार अधिकारी कर रहे हैं. देखना होगा कि गाजियाबाद में हुए घटना के बाद इस मुक्ति धाम की जांच होकर मानक के अनुसार निर्माण कार्य पूरा कराया जाएगा.

सिद्धार्थनगरः जिले में बने मुक्तिधामों के हालात भी कुछ बेहतर नहीं हैं. मुक्तिधामों का निर्माण शमशान घाटों पर अंत्येष्ठि के समय आने वाले लोगों को बैठने के लिये कराया जाता है. लेकिन इन मुक्तिधामों की हालत बद से बदतर हो चुके हैं.

भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ रहा मुक्तिधाम

लाखों खर्च होने के बाद भी मुक्तिधाम तैयार नहीं
जिले के बांसी नगरपालिका ने क्षेत्र में पड़ने वाली राप्ती नदी के तट पर शमशान घाट पर एक मुक्तिधाम का शिलान्यास साल 2007 में किया था. उसके बाद 2016 से ही ये मुक्ति धाम बन रहा है. इसके निर्माण में अब तक लाखों रुपए भी खर्च किए जा चुके हैं. इसके बावजूद नगरपालिका ने साल 2021 तक इस मुक्तिधाम का निर्माण कार्य पूरा नहीं करवा सका.

मुक्तिधाम बना शराब का अड्डा
मुक्ति धाम में लगे शेड से कई सीमेंटेड स्लैब के गायब हैं, तो कई टूट गये हैं. गेट अधूरा पड़ा है, सिर्फ सरिए का ढांचा ही गेट के नाम पर दिख रहा है. वहीं दो कमरों का भी निर्माण किया गया है, जो अधूरा पड़ा है. एक कमरे को देखकर तो ऐसा लगता है, जैसे इसका निर्माण शराब अड्डे के लिए किया जा रहा हो. मुक्तिधाम के कमरे में बीयर, अंग्रेजी शराब की बोतलों के साथ देशी शराब की बोतले पड़ी हैं. अंतेष्टि के समय यहां आने वाले लोग इसके नीचे खड़े होने से भी कतराते हैं.

मुरादनगर हादसे से भी सीख नहीं
अब ऐसे में सवाल ये है कि क्या गाजियाबाद जैसी घटना का इंतजार जिले के जिम्मेदार अधिकारी कर रहे हैं. देखना होगा कि गाजियाबाद में हुए घटना के बाद इस मुक्ति धाम की जांच होकर मानक के अनुसार निर्माण कार्य पूरा कराया जाएगा.

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.