श्रावस्ती: प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि(Prime Minister Kisan Samman Nidhi) भारत सरकार की महत्वपूर्ण योजनाओं में से एक है. इस योजना का भी लाभ अपात्र लोग उठा रहे हैं. जमीनी पड़ताल में 905 लोग ऐसे पाए गए हैं जो आयकर चुकाते हैं. ऐसे अपात्र लोगों से साढ़े चार लाख रूपये की वसूली कर भारत सरकार को भेजी जा चुकी है. यही नहीं तीन हजार ऐसे लोगों का भी पता चला है जिनकी मृत्यु हो चुकी है और उनके नाम भी सम्मान निधि जारी की गई.
हालांकि उप निदेशक कृषि का कहना है कि इनकी मौत पीएम योजना की किश्तें पाए जाने के दौरान हुई है. ऐसे लोगों के वारिसों से मृत्यु के बाद जारी किश्तों की वापसी के लिए सूचित किया गया है. मामला पकड़ में आने के बाद कृषि विभाग ने जब शिकंजा कसना शुरू किया तो अपात्र आयकर दाताओं ने कार्रवाई से बचने के लिए साढ़े चार लाख रुपये वापस लौटा दिए. केंद्र सरकार ने वर्ष 2018 के रवी सीजन में पीएम किसान सम्मान निधि योजना शुरू की थी.
जिसके तहत छोटे और सीमांत किसानों को आर्थिक सहायता दी जाती है. जिन किसानों के पास दो हेक्टेयर से कम भूमि हो उन्हें सालाना छह हजार रुपये दिए जाते हैं. दो-दो हजार की तीन किश्तों में किसानों के बैंक खाते में धनराशि भेजी जाती है. श्रावस्ती में एक लाख 81 हजार लाभार्थी इस योजना से आच्छादित हैं. उप निदेशक कृषि कमल कटियार का कहना है कि सर्वे के दौरान हमारे कार्यकर्ताओं ने जमीनी हकीकत देखने की कोशिश की, तो उनमें 905 ऐसे लाभार्थी निकले जो आयकर दाता थे.
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उनसे अब तक साढ़े चार लाख रूपये की वसूली कर भारत सरकार को भेजी जा चुकी है. उप निदेशक ने बताया कि इसके अलावा लगभग तीन हजार लाभार्थी ऐसे पाए गए हैं. जिनकी किश्तें पाए जाने के दौरान मृत्यु हो गई है. उनके पेमेंट पर रोक लगा दी गई है. भविष्य में उन्हें किश्तें प्राप्त नहीं होंगी, मृतक के वारिसों को सूचित कर दिया गया है कि मृत्यु के बाद जो किश्तें प्राप्त हुई हैं. उन्हें वापस कर दें. विरासत के आधार पर अपना नाम भू लेख में अंकन करा लें, ताकि उनको इसका लाभ भविष्य में पात्रता के आधार पर मिल जाय.
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