श्रावस्ती: न्यायालय अपर सत्र न्यायाधीश के विशेष न्यायाधीश (पॉक्सो) सुदामा प्रसाद ने अपहरण व पॉक्सो के मामले में आरोपी को दोष सिद्ध होने पर आठ वर्ष कैद और 13 हजार रुपए अर्थदंड की सजा सुनाई है. अर्थदंड की आधी धनराशि पीड़िता को देने का आदेश कोर्ट की ओर से पारित किया गया है.
सहायक जिला शासकीय अधिवक्ता उमाकांत त्रिपाठी ने बताया कि कोतवाली भिनगा के एक गांव से तीन फरवरी 2019 को शाम करीब पांच बजे 13 वर्षीय किशोरी का अपहरण हो गया था. जिला शासकीय अधिवक्ता ने बताया कि अपहृत किशोरी के पिता की तहरीर पर भिनगा कोतवाली के ही जगतापुर पतझिया निवासी बाबूराम पुत्र छंगा व अन्य के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया था.
दर्ज रिपोर्ट में अपहृता के पिता ने कहा कि बाबूराम उसकी बेटी को बहला फुसलाकर मोटरसाइकिल से अपहरण कर ले गया है. लड़की का पता अपने नातेदार व रिश्तेदार में बहुत लगाया परंतु कहीं पता नहीं लगा.पीड़िता को ले जाते समय हृदयराम व दुर्गा प्रसाद ने देखा है. कमला व मयाराम को भी जानकारी थी.
मुकदमे का खुलासा सात फरवरी 2019 को किया गया. मामले की विवेचना एसआई राजीव कुमार मिश्रा विवेचक द्वारा की गई.विवेचना के बाद उन्होंने आरोप पत्र न्यायालय पर भेजा. सत्र परीक्षण के दौरान न्यायालय ने तथ्य और परिस्थितियों को देखते हुए अभियुक्त बाबूराम को दोष सिद्ध ठहराते हुए आठ वर्ष के कठोर कारावास की सजा सुनाई. दूसरे अभियुक्त गुल्ले को साक्ष्य के अभाव में दोषमुक्त कर दिया.
दुष्कर्म के मामले में आरोपी को सात वर्ष कैद
अपर जिला शासकीय अधिवक्ता फौजदारी सत्येंद्र बहादुर सिंह ने बताया कि छह अगस्त 2011 की शाम करीब सात बजे इकौना क्षेत्र के एक गांव निवासी 13 वर्षीय किशोरी शौच के लिए गन्ने के खेत में गई थी. इसी दौरान गांव के ही राम सुमिरन ने अन्य साथियों के सहयोग से किशोरी को खेत से पकड़कर विशेश्वरगंज ले गया था. वहां उसके साथ दुष्कर्म किया था. बहराइच के एसपी के आदेश पर इकौना थाने में मुकदमा दर्ज किया गया था. अपर सत्र न्यायाधीश दिनेश सिंह ने राम सुमिरन को दोषी करार देते हुए सात वर्ष कैद की सजा सुनाई है. उन्होंने बताया कि अन्य अभियुक्तों को संदेह का लाभ देते हुए न्यायालय ने दोषमुक्त कर दिया है.
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