श्रावस्ती: सोनवा थाना क्षेत्र के एक गांव में नाबालिग किशोरी के साथ हुए छेड़छाड़ के मामले में श्रावस्ती जिला एवं सत्र न्यायालय ने आरोपी को दोष सिद्ध ठहराते हुए साढ़े तीन वर्ष के सश्रम कारावास की सजा सुनाई है. साथ ही तीन हजार रुपये के अर्थदंड से भी दंडित किया है. यह फैसला अपर सत्र न्यायाधीश पॉक्सो एक्ट सुदामा प्रसाद ने सुनाया है.
सहायक जिला शासकीय अधिवक्ता उमाकांत त्रिपाठी ने बताया कि 4 वर्ष पहले रात करीब 8 बजे नाबालिग किशोरी अपने छोटे भाई के साथ घर के पास स्थित दुकान से नमकीन व बिस्किट लेने गई थी. वहां पर पहले से ही मौजूद सूरज पुत्र जय प्रकाश ने किशोरी के साथ गलत इरादे से उसके प्राइवेट अंगों पर हाथ रखने लगा. इस पर किशोरी ने कहा ये क्या कर रहे हो तो आरोपी ने किशोरी को कहा चुप रहो नहीं तो तुम्हारे अंदर सूई घुसेड़ देंगे. इस पर किशोरी रोते हुए घर आई और पूरी घटना की सारी जानकारी परिवार वालों को दी.
सहायक शासकीय अधिवक्ता ने बताया कि पीड़िता के पिता की तहरीर पर थाना सोनवा में छेड़खानी का मुकदमा दर्ज हुआ. पुलिस ने विवेचना के बाद आरोप पत्र न्यायालय पर भेजा. सत्र परीक्षण के बाद अपर सत्र न्यायाधीश पास्को एक्ट सुदामा प्रसाद ने आरोपी को दोषसिद्ध ठहराते हुए आरोपी को 3 वर्ष 6 माह का सश्रम कारावास व 3 हजार रुपये के अर्थदंड से भी दंडित किया है.
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