ETV Bharat / state

सहारनपुर : आदर्श ग्राम के ग्रामीणों ने सांसद को वोट देने से किया इनकार

सहारनपुर के शब्बीरपुर गांव को सांसद राघव लखनपाल शर्मा द्वारा गोद लिया गया है. मगर इसके बावजूद यह गांव अपनी बदहाली पर रो रहा है. ऐसे में ग्रामीणों में सांसद के खिलाफ आक्रोश बना हुआ है. यही कारण है कि ग्रामीण सांसद राघव लखनपाल शर्मा को वोट देने के बजाय पीएम मोदी के नाम पर वोट देने की बात कर रहे हैं.

सहारनपुर : आदर्श ग्राम के ग्रामीणों ने सांसद को वोट देने से किया इनकार
author img

By

Published : Mar 28, 2019, 1:31 AM IST

Updated : Sep 17, 2020, 4:20 PM IST

सहारनपुर :2014लोकसभा चुनाव में प्रचंड बहुमत से केंद्र में सरकार बनाने के बाद पीएम मोदी ने सांसद आदर्श ग्राम योजना का शुभारंभ किया था. इस योजना के तहतहर सांसद को पांच साल में अपने क्षेत्र के तीन गांव गोद लेकर आदर्श बनाने के निर्देश दिए गए थे. मगरसांसदों ने एक भी गांव कोआदर्श नहीं बनाया.ऐसी ही बानगीसांसद राघव लखनपाल शर्मा द्वारा गोद लिये गांव शब्बीरपुर में देखने को मिली है. इस गांव को गोद लेने के बाद भी यहांविकास कार्यों का टोटा पड़ा हुआ है. ऐसे मेंग्रामीणों में सांसद के खिलाफ आक्रोश बना हुआ है.

सहारनपुर : आदर्श ग्राम के ग्रामीणों ने सांसद को वोट देने से किया इनकार

यही वजह है कि ग्रामीणों सांसद राघव लखनपाल शर्मा को वोट देने के बजायपीएम मोदी के नाम पर वोट देने की बात कर रहे हैं.ग्रामीणों का कहना है कि सांसद साहब गांव गोद लेने के बाद भी उनकी कोई सुध नहीं ली है.हालांकि, सांसद राघव लखनपाल ने बताया कि शब्बीरपुर में साढ़े तीन करोड़ रुपये का काम कर दिया गया हैऔर पांच करोड़ का काम और कराया जाना है.बता दें कि मई 2017 में दलित और ठाकुर समाज के बीच हुई जातीय हिंसा में सुलगा गांव शब्बीरपुर सुर्खियों में आया था.इस दौरान शब्बीरपुर में ठाकुर और दलित समाज के बीच जमकर खुनी संघर्ष हुआ था.

जातीय हिंसा के बाद शब्बीरपुर गांव को लेकर खूब राजनीति हुई,जिसके बाद स्थानीय सांसद राघव लखनपाल शर्मा द्वारा इस गांव को गोद लेकर न सिर्फ ग्रामीणों के जख्मों पर मरहम लगाने की कोशिश की गई बल्कि गांव कोआदर्श गांव बनाने का सपना भी दिखाया गया.सांसद द्वारा गोद लेने के बादग्रामीणों मेंएक उम्मीद जगी थी कि अब उनके गांवमें भी शहर जैसी सुविधाएं देखने को मिलेंगी.उनके गांव में भी अस्पताल औरकॉलेज बनेंगे. साथ ही,उन्हें भी 24 घंटेबिजली का लाभ मिलेगालेकिन सांसद के गोद लेने केडेढ़ साल बाद भी यह गांव अपनी बदहाली पर रो रहा है.

इसके बावजूद लोकसभा चुनाव आते ही ग्रामीणों को एक बार फिर वोट के लिए रिझाने की कोशिश की जा रही है.मगर ग्रामीणों ने सांसद राघव लखनपाल शर्मा को वोट देने से इनकार कर दिया है.ग्रामीणों का आरोप है कि सांसद साहब ने जब से गांव को गोद लिया है तब से यहां आकर भी नहींदेखा.ग्रामीणों का दो टूक कहना है कि वो सिर्फ पीएम मोदी के नाम पर वोट करेंगे.चाहे कोई भी टिकेट लेकर आ जायेलेकिन वे सांसद से पूरी तरह खफा हैं.

सहारनपुर :2014लोकसभा चुनाव में प्रचंड बहुमत से केंद्र में सरकार बनाने के बाद पीएम मोदी ने सांसद आदर्श ग्राम योजना का शुभारंभ किया था. इस योजना के तहतहर सांसद को पांच साल में अपने क्षेत्र के तीन गांव गोद लेकर आदर्श बनाने के निर्देश दिए गए थे. मगरसांसदों ने एक भी गांव कोआदर्श नहीं बनाया.ऐसी ही बानगीसांसद राघव लखनपाल शर्मा द्वारा गोद लिये गांव शब्बीरपुर में देखने को मिली है. इस गांव को गोद लेने के बाद भी यहांविकास कार्यों का टोटा पड़ा हुआ है. ऐसे मेंग्रामीणों में सांसद के खिलाफ आक्रोश बना हुआ है.

सहारनपुर : आदर्श ग्राम के ग्रामीणों ने सांसद को वोट देने से किया इनकार

यही वजह है कि ग्रामीणों सांसद राघव लखनपाल शर्मा को वोट देने के बजायपीएम मोदी के नाम पर वोट देने की बात कर रहे हैं.ग्रामीणों का कहना है कि सांसद साहब गांव गोद लेने के बाद भी उनकी कोई सुध नहीं ली है.हालांकि, सांसद राघव लखनपाल ने बताया कि शब्बीरपुर में साढ़े तीन करोड़ रुपये का काम कर दिया गया हैऔर पांच करोड़ का काम और कराया जाना है.बता दें कि मई 2017 में दलित और ठाकुर समाज के बीच हुई जातीय हिंसा में सुलगा गांव शब्बीरपुर सुर्खियों में आया था.इस दौरान शब्बीरपुर में ठाकुर और दलित समाज के बीच जमकर खुनी संघर्ष हुआ था.

जातीय हिंसा के बाद शब्बीरपुर गांव को लेकर खूब राजनीति हुई,जिसके बाद स्थानीय सांसद राघव लखनपाल शर्मा द्वारा इस गांव को गोद लेकर न सिर्फ ग्रामीणों के जख्मों पर मरहम लगाने की कोशिश की गई बल्कि गांव कोआदर्श गांव बनाने का सपना भी दिखाया गया.सांसद द्वारा गोद लेने के बादग्रामीणों मेंएक उम्मीद जगी थी कि अब उनके गांवमें भी शहर जैसी सुविधाएं देखने को मिलेंगी.उनके गांव में भी अस्पताल औरकॉलेज बनेंगे. साथ ही,उन्हें भी 24 घंटेबिजली का लाभ मिलेगालेकिन सांसद के गोद लेने केडेढ़ साल बाद भी यह गांव अपनी बदहाली पर रो रहा है.

इसके बावजूद लोकसभा चुनाव आते ही ग्रामीणों को एक बार फिर वोट के लिए रिझाने की कोशिश की जा रही है.मगर ग्रामीणों ने सांसद राघव लखनपाल शर्मा को वोट देने से इनकार कर दिया है.ग्रामीणों का आरोप है कि सांसद साहब ने जब से गांव को गोद लिया है तब से यहां आकर भी नहींदेखा.ग्रामीणों का दो टूक कहना है कि वो सिर्फ पीएम मोदी के नाम पर वोट करेंगे.चाहे कोई भी टिकेट लेकर आ जायेलेकिन वे सांसद से पूरी तरह खफा हैं.

Intro:सहारनपुर : 2014 के लोकसभा चुनाव में प्रचंड बहुमत से केंद्र में सरकार बनाने के पीएम मोदी ने सांसद आदर्श ग्राम योजना का शुभारंभ किया था। योजना के तहत हर सांसद को पांच साल में अपने क्षेत्र के तीन ग़ांव गोद लेकर आदर्श बनाने के निर्देश दिए थे। लेकिन सांसदों ने तीन गांवो तो दूर एक ग़ांव को भी आदर्श नही बनाया। ऐसी ही बानगी देश की नंबर 1 लोकसभा क्षेत्र के सांसद राघव लखनपाल शर्मा द्वारा गोद लिये ग़ांव शब्बीर पुर में देखने को मिली है। जहां गोद लेने के बाद भी विकास कार्यो का टोटा पड़ा हुआ है। जिसके चलते ग्रामीणों में सांसद के खिलाफ आक्रोश बना हुआ है। यही वजह है कि ग्रामीणों ने सांसद राघव लखनपाल शर्मा को वोट नही देने के बजाए पीएम मोदी के नाम पर वोट देने की बात कर रहे है। ग्रामीणों का कहना है कि सांसद साहब ग़ांव गोद लेने के बाद भी उनकी कोई सुध नही ली है। हालांकि सांसद राघव लखनपाल ने बताया कि शब्बीरपुर में साढ़े तीन करोड़ रुपये का काम कर दिया गया है और पांच करोड़ का काम ओर कराया जाना है।


Body:VO 1 - आपको बता दें कि मई 2017 में दलित और ठाकुर समाज के बीच हुई जातीय हिंसा में सुलगा ग़ांव शब्बीरपुर सुर्खियों में आया था। इस दौरान शब्बीरपुर में ठाकुर और दलित समाज के बीच जमकर खुनी संघर्ष हुआ था। आगजनी और पथराव में सेकड़ो लोग घर से बेघर हो गए थे जबकि महिलाओ - बच्चो समेत कई दर्जन लोग घायल हो गए थे। जातीय हिंसा के बाद शब्बीरपुर गांव को लेकर खूब राजनीति हुई। जिसके बाद स्थानीय सांसद राघव लखनपाल शर्मा ने इस गांव को गोद लेकर न सिर्फ ग्रामीणों के जख्मो पर मरहम लगाने की कोशिश की गई बल्कि गांव को आदर्श गांव बनाने का सपना दिखाया गया। जब इस गांवो को सांसद ने गोद लिया था तो ग्रामीण जहां हिंसा में हुए नुकसान को भूल गए बल्कि गाँवो को आदर्श बनने का सपना देखने लगे। ग्रामीणों को एक उम्मीद जगी थी कि अब उनके गांवो में भी शहर जैसी सुविधाएं देखने को मिलेगी। उनके ग़ांव में भी अस्पताल, कॉलेज बनेंगे। उन्हें भी 24 घन्टे बिजली का लाभ मिलेगा। लेकिन सांसद के गोद लेने के डेढ़ साल बाद भी यह गांव अपनी बदहाली पर रो रहा है। बावजूद इसके लोकसभा चुनाव आते ही ग्रामीणों को एक बार फिर वोट के लिए रिझाने की कोशिश की जा रही है। लेकिन ग्रामीणों ने सांसद राघव लखनपाल शर्मा को वोट देने से इनकार कर दिया है। ग्रामीणों का आरोप है कि सांसद साहब ने जब से ग़ांव को गोद लिया है डेढ़ साल में यहां आकर भी नही देखा। ग्रामीणों का दो टूक कहना है कि वे सिर्फ मोदी के नाम पर वोट करेंगे चाहे कोई भी टिकेट लेकर आ जाये। लेकिन वे सांसद से पूरी तरह खफा है।

बाईट - शक्ति ( ग्रामीण )
बाईट - शमशेर सिंह ( ग्रामीण )
बाईट - ऋषिपाल ( ग्रामीण )
बाईट - आकाश ( ग्रामीण )
बाईट - राघव लाख पाल शर्मा ( सांसद एवं प्रत्याशी बीजेपी )


Conclusion:रोशन लाल सैनी
सहारनपुर
9121293042
9759945153
Last Updated : Sep 17, 2020, 4:20 PM IST
ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.