सहारनपुर: एक ओर जहां उत्तर प्रदेश की योगी सरकार कोरोना काल में बेहतर स्वास्थ्य सेवाएं देने के दावे कर रही है. वहीं मरीजों की सेवा में लगाई गई 108 एंबुलेंस सेवाएं सरकार के दावों की भी पोल खोल रही है. एंबुलेंस स्टाफ की लापरवाही से एक दिव्यांग युवक सड़क पर पड़ा तड़पता रहा और एंबुलेंस चालक कोरोना पॉजिटिव होने का बहाना बनाकर उसे छोड़ कर चला गया. स्थानीय लोग और निगम पार्षद तड़पते युवक को अस्पताल ले जाने का निवेदन करते रहे.
थाना नगर कोतवाली इलाके के नुमाइश कैंप में एक पैर से दिव्यांग युवक सड़क किनारे तड़प रहा था. स्थानीय पार्षद विजय कालड़ा और राहगीरों ने 108 एंबुलेंस को फोन कर इसकी जानकारी दी. इसके बाद आधा घण्टा तक 108 नम्बर पर बैठे कर्मचारी ने तमाम सवाल पूछने के बाद एंबुलेंस तो भेज दी, लेकिन घन्टों बाद मौके पर पहुंचे एंबुलेंस कर्मियों ने तड़पते युवक को एंबुलेंस में बिठाना तो दूर उसको छूना भी जरूरी नहीं समझा. उन्होंने युवक को कोरोना पॉजिटिव मरीज बताकर ले जाने से इनकार कर दिया. उसे ले जाने के लिए दूसरी एंबुलेंस बुलाने को कहा. हालांकि मौके पर जमा भीड़ और जिम्मेदार लोग एंबुलेंसकर्मियों की खुशामद करते रहे.
नगर निगम पार्षद विजय कालड़ा ने बताया कि बीती रात उन्हें पता चला कि नुमाइश कैम्प में सड़क किनारे एक व्यक्ति दर्द से तड़प रहा है. सूचना के बाद वह जब मौके पर पहुंचे तो उन्होंने 108 नंबर पर कॉल किया. पार्षद विजय कालड़ा का कहना है कि 108 नंबर पर कॉल करने के बाद भी 20 से 25 मिनट तक कॉल अटेंड करने वाले लोग तत्काल सहायता देने के बजाय फोन पर ये कहते रहे ही कि अभी गाड़ी में तेल नहीं है और इस रूट पर अभी कोई एम्बुलेंस नहीं है.
इसके बाद काफी देर बाद एक एम्बुलेंस आयी मगर एंबुलेंस कर्मचारी ने दर्द से तड़पते हुए व्यक्ति को साथ ले जाने से मना कर दिया. करीब दो घण्टों की जद्दोजहद के बाद जब पार्षद ने नगर स्वास्थ्य अधिकारी को फोन किया तो उन्होंने मामले की गंभीरता को देखते हुए दूसरी एम्बुलेंस भेजी. इसके बाद दर्द से तड़पते मरीज को अस्पताल में भर्ती करवाया जा सका. पार्षद का आरोप है कि 108 एम्बुलेंस सेवा में जमकर धांधली हो रही है. वहीं पार्षद ने बदहाल स्वास्थ्य सेवाओं को लेकर यूपी सरकार पर भी सवालिया निशान खड़ा किया है.