शामली: यूपी के शामली में लॉकडाउन की वजह से बुक सेलरों की दुकानें भी बंद हैं. ऐसे में घर पर पढ़ाई करने वाले विद्यार्थियों को नये सत्र की किताबें भी नहीं मिल पा रही हैं. इसी के चलते एक 11वीं कक्षा की छात्रा को जब किताबों की जरूरत महसूस हुई, तो उसने ट्वीट कर एसपी शामली सुकीर्ति माधव से मदद मांगी. इसके बाद एसपी ने फौरन किताबों का प्रबंध कर छात्रा के घर भिजवा दिया.
क्या है पूरा मामला ?
यह मामला शामली जिले के गढ़ीपुख्ता क्षेत्र के गांव मालैंडी का है. यहां पर रहने वाली निकीता चौधरी नाम की छात्रा ने एसपी शामली सुकीर्ति माधव को ट्वीट कर 11वीं कक्षा की किताबें उपलब्ध कराने के लिए कहा था. ट्वीट के बाद एसपी ने छात्रा से आवश्यक जानकारियां लेते हुए किताबों का प्रबंध किया. इसके बाद एक पुलिसकर्मी को मालैंडी गांव भेजकर छात्रा को किताबें भिजवाई. यह मामला सोशल मीडिया पर सुर्खियों में बना हुआ है.
पुलिसकर्मी ने नहीं लिए पैसे
मालैंडी गांव में गए पुलिसकर्मी को जब छात्रा और उसके परिजनों ने किताबों के पैसे दिए, तो पुलिसकर्मी ने पैसे लेने से इंकार कर दिया. पुलिसकर्मी ने बताया कि इन किताबों का भुगतान एसपी शामली द्वारा किया जा चुका है. छात्रा ने बताया कि एसपी साहब उनके लिए किसी सुपर हीरो से कम नहीं है, जिन्होंने पाबंदियों के बावजूद भी सिर्फ एक ट्वीट पर किताबें घर पर ही भिजवा दी. छात्रा ने ट्विटर के माध्यम से ही एसपी को किताबें उपलब्ध होने की जानकारी भी दी है.
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जरूरी है पढ़ाई- एसपी
इस पूरे मामले को लेकर एसपी शामली सुकीर्ति माधव ने अपने ट्वीटर हैंडल पर ट्वीट किया है. उन्होंने शामली पुलिस की ओर से छात्रा को शुभकामनाएं देते हुए कहा कि पढ़ाई जरूरी है. एसपी ने बताया कि उन्होंने कोई बड़ा कार्य नहीं किया है, लेकिन इस छोटे से काम से बच्ची के मन में पुलिस की जो छवि बनी है, वह जीवनभर उसके साथ रहेगी.