शामली: जिले में कई ऐसे लोग हैं जो कोरोना को गंभीरता से नहीं ले रहे हैं. लापरवाही बरतते हुए लोग बड़ी संख्या में सड़कों पर निकल रहे हैं. कोई यमराज के रूप में भैंस पर बैठकर जुलूस निकाल रहा तो कई लोग स्वागत कार्यक्रम कर लॉकडाउन की धज्जियां उड़ा रहे हैं.
लॉकडाउन की जमकर उड़ाई जा रही धज्जियां. शामली में एक संस्था ने तो जागरूकता के नाम पर कानूनों की धज्जियां उड़ा डाली. संस्था के कई दर्जन लोग सड़क पर जुलूस निकालते नजर आए. इतना ही नहीं यमराज के रूप में लाए गए कलाकार को असली भैंसे पर बैठाकर शहर के कई चक्कर लगवाए गए. जुलूस में सोशल डिस्टेंसिंग की जमकर धज्जियां उड़ाई गईं. उन्हें रोकने के बजाय पुलिस अधिकारी ही इस जुलूस की निगेहबानी करते नजर आए. हद तो तब हो गई, जब जुलूस में शामिल लोग खुशी के मारे एक दूसरे पर ही पुष्पवर्षा करते दिखाई दिए. अब सवाल यह उठता है कि जब लॉकडाउन के चलते लोग अपने घरों में मौजूद हैं, तो बाजारों और सड़कों पर नौटंकी करने का आखिर क्या मकसद हो सकता है.जिले में कोरोना के प्रति जागरूकता फैलाने के लिए कलाकारों की सेवाएं भी ली जा रही है. अब कलाकारों के जरिए जागरूकता फैलाने का कार्य भले ही प्राईवेट संस्थाएं कर रही हो, लेकिन इन्हें ऐसा करने की प्रमीशन तो पुलिस प्रशासन द्वारा ही दी जा रही है. भले ही मंदिरों-मस्जिदों के कपाट बंद हैं, लेकिन कलाकारों को देवदूत बनाते हुए सड़कों पर उताकर जमकर तमाशा किया जा रहा है.पिछले कई दिनों से जनपद की सड़कों पर स्वागत समारोह के सिलसिले भी नजर आ रहे हैं. घरों में रहकर ऊब चुके कुछ लोग अपनी राजनीति और सामाजिक धाक को चमकाने के लिए कोरोना वॉरियर्स पर पुष्प भेंट करने के लिए घरों से बाहर निकल रहे हैं. कोरोना वारियर्स की हौंसला अफजाई होनी जरूरी है, लेकिन फिलहाल गली मोहल्लों में भी यह सिलसिला तेजी जोर पकड़ता नजर आ रहा है. अब ऐसे लोगों को यह कौन समझाए कि पुष्पवर्षा और फूल भेंट करने के बजाय फिलहाल कोरोना वॉरियर्स को लड़ाई के संसाधन उपलब्ध कराना ही सबसे बड़ी जागरूकता है.इसे भी पढ़ें-मेरठ मेडिकल कालेज में ऑक्सीजन सप्लाई का टेंडर निरस्त, भ्रष्टाचार की शिकायत के बाद डिप्टी सीएम ने की कार्रवाई