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गंगा जमुनी तहजीब की मिशाल बना 'वकील मलिक', 220 किलोमीटर पैदल कांवड़ लेकर पहुंचा घर

शामली में मुस्लिम कावंडिया वकील मलिक ने भूखे पेट 220 किलोमीटर की पैदल कांवड यात्रा की है. वकील मलिक की यह छठीं और अंतिम कांवड़ है.

मुस्लिम कावंडिया वकील मलिक
मुस्लिम कावंडिया वकील मलिक
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Published : Jul 27, 2022, 6:58 PM IST

शामली: जिले के भैंसवाल गांव के रहने वाले वकील मलिक वैसे तो मुस्लिम हैं, लेकिन भगवान भोलेनाथ में उनकी असीम आस्था है. यह शिवभक्त ने छठीं बार कांवड यात्रा में शामिल होकर गंगा जमुनी तहजीब की मिशाल बना है. मुस्लिम कांवडिया हरिद्वार से गंगाजल लेकर भूखे पेट 220 किलोमीटर पैदल चलकर गांव पहुंचा. वकील मलिक का कहना है कि मुझे खुद के हिंदुस्तानी होने पर गर्व है. वे इस साल अंतिम बार कांवड यात्रा में शामिल हुए हैं.

वकील मलिक पेशे से मजदूर है. वे नमाज के साथ-साथ जमात में भी जाते हैं और भगवान भोलेनाथ में भी उनकी पूरी आस्था है. वकील मलिक ने बताया कि वे देश में साम्प्रदायिक सौहार्द का संदेश देने के लिए छठवीं बार हरिद्वार से गंगाजल लेकर अपने घर पहुंचे हैं. पूरे रास्ते उन्होंने कंधों पर गंगाजल के साथ हाथ में तिरंगा झंडा थामे रखा. गांव के तीन अन्य नौजवान भी कांवड यात्रा में उनके साथ शामिल रहे.

वकील मलिक ने बताया कि इस बार उन्होंने कांवड यात्रा पर जाने के लिए जिला पुलिस प्रशासन से अनुमति ली थी. क्योंकि उन्हें अंदेशा था कि कोई भी असामाजिक तत्व देश के हालातों के मद्देनजर उनकी यात्रा के जरिए माहौल खराब करने की कोशिश कर सकता है. उन्होंने बताया कि पुलिस प्रशासन से अनुमति मिलने के बाद उन्होंने छठवीं बार कांवड लाने के अपने प्रण को भी पूरा कर लिया है.

उन्होंने बताया कि उनकी यात्रा में कोई विघ्न नहीं पड़ा. हम सब धर्म और जातियों में बंटे जरूर हैं लेकिन, ईश्वर और अल्लाह एक ही है. मैंने अपनी छह बार कांवड यात्रा कर यह संदेश जनता तक पहुंचाने की कोशिश की है.

यह भी पढे़ं:फिरोजाबाद में कांवड़ियों को हादसे से बचाने के लिए बनेंगे ब्रेकर, सीसीटीवी कैमरे भी लगेंगे

मुस्लिम कांवडिया के साथ यात्रा में शामिल गांव के शिवकुमार ने बताया कि वह भी तीन बार कांवड ला चुका है. वकील मलिक उसी के साथ कावड़ यात्रा कर रहे थे. वकील मलिक मुस्लिम है. वह नमाज भी पढ़ते हैं और भोलेनाथ में भी उनकी आस्था है. उन्होंने आगे बताया कि वकील मलिक ने हरिद्वार से गंगाजल लेने के बाद अपने घर तक करीब 220 किलोमीटर की पैदल यात्रा के दौरान अन्न ग्रहण नहीं किया. वह हाथ में तिरंगा लेकर गांव की टोली का नेतृत्व करते रहे थे. इसके चलते हम भी कांवड यात्रा के दौरान उत्साहित रहे. गांव लौटने पर सामूहिक भंडारे में योगदान के बाद ही वकील मलिक ने अन्न ग्रहण किया.

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शामली: जिले के भैंसवाल गांव के रहने वाले वकील मलिक वैसे तो मुस्लिम हैं, लेकिन भगवान भोलेनाथ में उनकी असीम आस्था है. यह शिवभक्त ने छठीं बार कांवड यात्रा में शामिल होकर गंगा जमुनी तहजीब की मिशाल बना है. मुस्लिम कांवडिया हरिद्वार से गंगाजल लेकर भूखे पेट 220 किलोमीटर पैदल चलकर गांव पहुंचा. वकील मलिक का कहना है कि मुझे खुद के हिंदुस्तानी होने पर गर्व है. वे इस साल अंतिम बार कांवड यात्रा में शामिल हुए हैं.

वकील मलिक पेशे से मजदूर है. वे नमाज के साथ-साथ जमात में भी जाते हैं और भगवान भोलेनाथ में भी उनकी पूरी आस्था है. वकील मलिक ने बताया कि वे देश में साम्प्रदायिक सौहार्द का संदेश देने के लिए छठवीं बार हरिद्वार से गंगाजल लेकर अपने घर पहुंचे हैं. पूरे रास्ते उन्होंने कंधों पर गंगाजल के साथ हाथ में तिरंगा झंडा थामे रखा. गांव के तीन अन्य नौजवान भी कांवड यात्रा में उनके साथ शामिल रहे.

वकील मलिक ने बताया कि इस बार उन्होंने कांवड यात्रा पर जाने के लिए जिला पुलिस प्रशासन से अनुमति ली थी. क्योंकि उन्हें अंदेशा था कि कोई भी असामाजिक तत्व देश के हालातों के मद्देनजर उनकी यात्रा के जरिए माहौल खराब करने की कोशिश कर सकता है. उन्होंने बताया कि पुलिस प्रशासन से अनुमति मिलने के बाद उन्होंने छठवीं बार कांवड लाने के अपने प्रण को भी पूरा कर लिया है.

उन्होंने बताया कि उनकी यात्रा में कोई विघ्न नहीं पड़ा. हम सब धर्म और जातियों में बंटे जरूर हैं लेकिन, ईश्वर और अल्लाह एक ही है. मैंने अपनी छह बार कांवड यात्रा कर यह संदेश जनता तक पहुंचाने की कोशिश की है.

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मुस्लिम कांवडिया के साथ यात्रा में शामिल गांव के शिवकुमार ने बताया कि वह भी तीन बार कांवड ला चुका है. वकील मलिक उसी के साथ कावड़ यात्रा कर रहे थे. वकील मलिक मुस्लिम है. वह नमाज भी पढ़ते हैं और भोलेनाथ में भी उनकी आस्था है. उन्होंने आगे बताया कि वकील मलिक ने हरिद्वार से गंगाजल लेने के बाद अपने घर तक करीब 220 किलोमीटर की पैदल यात्रा के दौरान अन्न ग्रहण नहीं किया. वह हाथ में तिरंगा लेकर गांव की टोली का नेतृत्व करते रहे थे. इसके चलते हम भी कांवड यात्रा के दौरान उत्साहित रहे. गांव लौटने पर सामूहिक भंडारे में योगदान के बाद ही वकील मलिक ने अन्न ग्रहण किया.

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